Saturday 7 November 2020

मोटापा से जीवनभर के लिए छुटकारा पाए ! इस आयुर्वेदिक फार्मूला का पालन करें

 हमें खाने के डेढ़ घंटे बाद पानी पीना है, ये याद रखे कि डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीना है. लेकिन पानी कैसे पीना है, ये बहुत महत्व की बात है. आप अभी सामान्य रूप से पानी कैसे पीते है, एक गिलास पानी भरा मुह में लगाया गट गट गट एक बार में ही पी लिया, गिलास एक बार में ही ख़त्म. कुछ लोग मुंह खोल लेते है, और खोलकर ऊपर से गिराते है. और पानी लगातार गटकते जाते है ये दोनों तरीके बहुत गलत है.

अगर आप घट घट घट लगातार पानी पी रहे है तो आपके शरीर में तीन रोग तो जरुर आने वाले है, पहला Appendicitis, दूसरा हर्निया (आंतों का उतरना) और तीसरा Hydrocele. ये हर्निया सबसे ज्यादा उन्ही लोगो को आता है जो पूरा गट गट के एक बार में ही पानी पीते है और जो Hydrocele है ये थोड़ी उम्र के बाद आती है विशेष रूप से ये पुरषों में आती है. हर्निया तो माताओं में भी आ जाता है लेकिन ये Hydrocele मर्दों की बीमारी है. ये तीनो रोग उन लोगो को जरुर आते है जो एक साथ पूरा लोटा या गिलास पानी गटकते है

मतलब ये कि एक साथ गट गट पानी पीना अच्छा नही है तो आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि पानी कैसे पीना है. तो हम आपको भाई राजीव दीक्षित जी द्वारा बताया गया तरीका बताते है. जो पानी पिने का सबसे उत्तम नियम है. आयुर्वेद में पानी पीने का सही तरीका वही बताया गया है जैसे आप चाय पीते है जैसे आप कॉफ़ी पीते है और जैसे आप गर्म दूध पीते है. सिप-सिप करके पीना है. एक सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद दूसरा सिप लिया फिर थोड़ी देर बाद तीसरा सिप लेना है. अगर आप सिप करके पानी पी रहे है तो मैं आपको जितने चाहे मर्जी के स्टाम्प पेपर पे लिखकर देने को तैयार हु कि जो भी व्यक्ति जिंदगी में सिप करके पानी पिएगा, आयुर्वेद की गारंटी है कि जिंदगी में कभी भी उसको मोटापा नही आ सकता. कभी भी उस व्यक्ति का वजन नही बढ़ेगा. जितना वजन होना चाहिए, अगर पानी सिप करके पी रहे है तो जिंदगी भर उतना ही वजन रहेगा.

आप उसका उल्टा प्रश्न पूछ सकते है कि अगर वजन बढ़ गया है तो, तो आप बिलकुल चिंता ना करे. आप सिप करके पानी पी लीजिये 6 से 7 महीने में 10 किलो वजन आपका घट जायगा. ये जो मोटापा है, ये धीरे धीरे आया है, एक दम नहीं आया है. इसलिए धीरे धीरे ही कम होगा. यही प्रकृति का नियम है. अगर आप इसके विपरीत जाकर वजन कम करेंगे तो एक बार तो कम हो जायेगा लेकिन जैसे ही आप उस चीज को छोड़ दोगे पहले से भी ज्यादा मोटापा आ जाएगा.

अब आपके मन में एक सवाल आयेगा कि पानी ऐसे पीने से वजन ज्यादा घट गया तो?. उसकी आप बिलकुल भी चिंता मत करिये, जितना बढ़ा हुआ है उतना ही घटेगा. घटने के बाद स्थिर हो जाएगा. आप हमेसा सिप करके ही पानी पीजिये. इसका दूसरा फायदा ये होगा कि अभी आप कल से ही देखेंगे, अगर सिप करके पानी पिने की आदत अपने डाली तो ये जो घुटने का दर्द है ये 7 दिन लगातार पानी ऐसे पीने से 25 % ख़त्म हो जायेगा. ऐसे ही अगर एडी का दर्द है, या जॉइंट का पैन ये तो 7 दिन में 100 % खत्म हो जायगा.

ये जो जॉइंट में पैन आपको होता है ये 25 से 30% 7 दिन में कम हो जायगा और सवेरे सवेरे उठते ही जिनको सर दर्द होता है, चक्कर आते है, ये 7 दिन में तीनो ही गायब हो जायंगे. पहला सूत्र था खाना खाने के बाद पानी नही पीना है, डेढ़ घंटे के बाद पीना है. और अगर कुछ पीना है  तो सुबह जूस पीना है, दोपहर को लस्सी या छांछ पीनी है, रात को दूध पीना है और दूसरा सूत्र ये है कि पानी हमेसा घूंट घूंट थोडा थोडा करके पीना है.

इस विडियो में देखिए कैसे मोटापा कम होगा >>

चूहों, छिपकली से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलु TIPS

 दोस्तों अक्सर आप घरों में छिपकली, चूहे, कोक्रोच जैसे छोटे-मोटे जीवों से परेशान रहते हैं. आज हम आपको इन सबसे छुटकारा पाने के देसी नुस्खे बताने जा रहे हैं. आइये जाने इन नुस्खों के बारे में…

चूहे से ऐसे पाएं मुक्ति – पिपरमेंट आयल कॉटन में लेकर गड्डों के पास रख दें, जहां से चूहे आटे हैं वहां लाल मिर्च पाउडर दाल दें. पुदीने की पत्तियां कूटकर उन जगहों पर रखें जहाँ चूहे आते हैं. प्याज की स्लाइड चूहों के गड्डों के पास रख दें.

छिपकलियों को ऐसे करें दूर – लहसुन की कलियाँ दीवारों और दरवाजों पर टांग दें. किचन के प्लेटफार्म या खिड़की पर अंडे के छिलके रख दें. हर कोने में नैप्थलिन की गोलियां रख दें. पानी में काली मिर्च पाउडर डालकर सभी कोनों पर स्प्रे करें.

खटमलों को ऐसे करें दूर – पुदीने की पत्तियां गद्दे के आसपास दाल दें. आजवाइन के फुल एफेक्टेड एरिया में फैला दें. प्याज के रस का स्प्रे बैड के आसपास करें. बेड के आसपास नीम के तेल का स्प्रे या नीम की पत्तियां रखें.

मच्छरों को भगाने के टिप्स – खिड़की-दरवाजे के पास तुलसी का पौधा रखें. इसकी स्मेल से मच्छर नही आते. घर के खिड़की दरवाजे बंद कर नीम की सुखी पत्तियां जलाएं. लहसुन की कुछ कलियाँ पीसकर उबालें और कोनों में स्प्रे करें.

कोकरोच से छूटकारा – पानी में बेकिंग सोडा डालकर घर में पोछा लगाएं. अलमारी और ड्रोज में बोरेक्स पाउडर छिड़क दें. किचन के कोनों में ककड़ी के कुछ टुकड़े फैला दें. घर के सभी कोनों में कुछ लौंग दाल दें.

चीटियों को ऐसे भगाएं – वाइट विगेनर पानी में मिलाकर पोछा लगाएं जहाँ चीटियाँ आती हैं. पोछा लगाते समय पिपरमेंट आयल की कुछ बूंदे मिला लें. घर के कोनों में दालचीनी का पाउडर छिड़क दें. तेजपत्ता घर के कोनों में रखने से भी चीटियाँ नही आती.

जानिए कौन सा मास्क कोरोनावायरस से कितना बचाव करता है

 

कोरोनावायरस से बचाव के लिए कौन सा मास्क खरीदें? यह सवाल ज्यादातर लोगों को जेहन में चलता है। हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक, वायरस से बचाव के लिए N95 मास्क ही सबसे बेहतर है। मास्क जब भी खरीदें तो ध्यान रखें इसकी रेटिंग N95 ही हो। दूसरी सबसे अहम बात इसका आपके चेहरे पर फिट होना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं है तो इसका कोई फायदा नहीं होता। फेसमास्क के कुछ और प्रकार भी हैं जो वायरस से बचाव करते हैं, जानिए कौन का मास्क कितनी सुरक्षा देता है-

N95 मास्क

यह कोरोनावायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क है। यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बारीक कणों को भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है। यह हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा है। कोरोनावायरस के कण डायमीटर में 0.12 माइक्रॉन जितने होते हैं, जिसकी वजह से यह काफी हद तक मदद करता है। यह बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 100 फीसदी बचाता है।

सर्जिकल मास्क

N95 मास्क उपलब्ध न होने पर यह बेहतर विकल्प है। यह वायरस से 95 फीसदी बचाव करता है। वहीं बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 80 फीसदी तक सुरक्षा देता है। ये ढीले फिटिंग वाले होते हैं, इसलिए जब भी इसे लगाएं अच्छे से नाक और मुंह को कवर करें।

FFP मास्क

यह मास्क तीन कैटेगरी में उपलब्ध है। FFP1, FFP2 और FFP3, इसमें FFP3 सबसे बेहतर है। यह अतिसूक्ष्म कणों से बचाता है। FFP मास्क वायरस से 95 फीसदी और बैक्टीरिया-धूल-परागकणों से 80 बचाव करता है।

एक्टिवेट कार्बन मास्क

इसका इस्तेमाल आमतौर पर गंध रोकने के लिए किया जाता है। यह वायरस से बचाव करने में नाकाफी है क्योंकि महज 10 फीसदी तक ही सुरक्षा देता है। वहीं, बैक्टीरिया, धूल और परागकणों को रोकने में 50 फीसदी ही बचाव करता है

कपड़े वाला मास्क

यह वायरस से बचाव नहीं करता। न ही विशेषज्ञ इसे लगाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर लोग इसे घर पर ही बनाते हैं। यह बैक्टीरिया, धूल और परागकण से 50 फीसदी ही बचाव करता है। इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद डिस्पोज करना बेहद जरूरी है।

स्पंज मास्क

यह मास्क वायरस से बिल्कुल नहीं बचाता। बैक्टीरिया और धूल से महज 5 फीसदी ही बचाव करता है। एक्सपर्ट भी इसे लगाने की सलाह नहीं देते।

मास्क कब पहनना चाहिए

1- जब आपमें संक्रमण के लक्षण दिखें, जैसे खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ

2- जब कोरोना से पीड़ित मरीजों की देखभाल कर रहे हो

3- आप एक स्वास्थ्यकर्मी है और मरीजों की देखभाल कर रहे हैं

मास्क पहनते समय क्या क्या ध्यान रखें

1- मास्क को हमेशा नीचे की तरफ से खोलें

2- मास्क गीला होने पर या 6 घंटे में इसे बदलें

3- मास्क अपनी नाक मुंह और ठोड़ी के ऊपर लगाएं. ध्यान रखें गैप ना हो और  ठीक से फिट हो

4- डिस्पोजेबल मास्क का दोबारा प्रयोग ना करें. प्रयोग हो चुके मास्क को कीटाणुरहित करके बंद कूड़ेदान में डालें

5- मास्क का प्रयोग करते समय या उतारते समय गंदी बाहरी सतह को ना छुएं

6- मास्को गर्दन पर लटकता हुआ ना छोड़ें

7- मास्क हटाने के बाद हाथों को साबुन या अल्कोहल आधारित हैंड रब से धोएं

Source – DB Group, https://rajivdixitji.com/which-mask-save-you-from-corona/