बरसात के मौसम में पानी भर जाने की वजह से कई तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। इसमें मलेरिया, जीका, चिकनगुनिया, डेंगू जैसे मच्छर से हाने वाली बीमारियां शामिल हैं। वैसे इस मौसम में सबसे ज्यादा कहर डेंगू बुखार का रहता है। यह बीमारी संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है।
डेंगू होने से पहले मरीज को तेज बुखार होता है। डेंगू बुखार के लक्षण में सिर दर्द, उल्टी, मतली, आंखों में दर्द और लाल चकत्ते शामिल हैं। गंभीर स्थिति में पेट दर्द, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, मल या मूत्र में रक्त, सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। हम आपको बता रहे हैं कि डेंगू बीमारी में पपीते के पत्ते का जूस कैसे फायदेमंद होता है।
डेंगू बुखार का उपचार - पपीते के पत्ते
पपीते के पत्ते का जूस डेंगू बुखार को ठीक करने का एक सिद्ध तरीका माना गया है। विटामिन-सी और एंटीऑक्सिडेंट का समृद्ध स्रोत पपीते के पत्ते इम्यून सिस्टम को बेहतर करने या बढ़ाने में बहुत ही मदद करते हैं। डेंगू बुखार में अक्सर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती हैं। इससे पीड़ित मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। बता दें कि शरीर को पूरी तरह से व्यस्त रखने में प्लेटलेट्स का बड़ा योगदान होता है। प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं जो रक्तस्राव को रोकने के लिए आपके शरीर के थक्कों को बनाने में मदद करती हैं। डेंगू बुखार से ग्रसित व्यक्ति के यदि प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, तो पपीते के पत्ते ब्लड प्लेटलेट्स काउंट में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाएं
1. इसके लिए आप एक कप पपीते के पत्ते लीजिए।
2. इसके बाद ओखली और मूसल के जरिए इसे पीसकर इसका जूस निकाल लीजिए। फिर इसे मरीज को दीजिए।
3. आप एक्सपर्ट की सलाह से इसमें शहद या फिर फलों का जूस मिला सकते हैं। इससे स्वाद बदल जाता है।
4. एक्सपर्ट की मानें तो प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में आप रोजाना तीन बार दो बड़े चम्मच पपीते के पत्ते का जूस पीजिए।
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