31-मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष
भारत में 60 प्रतिशत से अधिक तंबाकू का सेवन करने वाले लोग ये जानते हैं कि इससे कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, आस्थमा इत्यादि रोग हो सकते हैं फिर भी तंबाकू की लत छोड़ने की दर 10 प्रतिशत से भी कम है। हम अक्सर देखते हैं की तंबाकू विक्रेता ने अपनी दुकान पर बड़े – बड़े शब्दों में लिखकर लगाया होता है कि-
तंबाकू से कैंसर होता है।
फिर भी तंबाकू उत्पाद खरीदते वक्त हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके इलावा सरकार द्वारा की गई पहल के अंतर्गत तंबाकू उत्पादों पर सहचित्र सहित सेहत चेतावनी का आकार भी 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि लोगो को तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति चेताया जा सके। हालांकि इन सब बातों का तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है और वो अपनी इस आदत को छोड़ने का प्रयास भी करता है या इसका इस्तेमाल कम कर देता है परन्तु ये स्थति कुछ ही समय के लिए रह पाती है।
तंबाकू की लत के कारण ऐसी बहुत सी धारणाएं जो की हमें फिर से इसका इस्तेमाल करने के लिए उकसा देती हैं, जैसे कि-
- मैं तंबाकू सेवन तो करता हूँ परन्तु मैं साथ में पोष्टिक आहार भी लेता हूँ इसलिए मुझे कैंसर नहीं हो सकता।
- मैं तो कभी-कभी इसका सेवन करता हूँ कैंसर तो उन्हें होता होता है जो प्रतिदिन इसका प्रयोग करते हैं।
- तंबाकू का सेवन छोड़ने के बाद मैं बीमार और सुस्त महसूस करता हूँ या करती हूँ।
- मेंरे बाप-दादा भी तो कब से इसका सेवन कर रहे हैं अगर उनको कुछ नहीं हुआ तो मुझे भी कुछ नहीं होगा।
परन्तु वो ये भूल जाते हैं कि बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो जवानी में ही तंबाकू से होने वाले रोगों के कारण मारे गए। इसलिए आज वो ये बात नहीं बता सकते की उनकी मृत्यु का कारण तंबाकू है।
कुछ लोगों को लम्बे समय तक तंबाकू सेवन करने के बाद भी कैंसर, अस्थमा, ह्रदयघात आदि रोग नहीं होते परन्तु कुछ लोगों को कुछ समय तक तम्बाकू सेवन करने के बाद ही ये रोग पकड़ लेते हैं।अभी तक ऐसा कोई टेस्ट इजात नहीं हो पाया है जो ये बता सके की तंबाकू उपभोग की किस उम्र या तंबाकू सेवन के कितने समय बाद ये रोग होंगे….होंगे भी या नहीं।
धुम्रपान न करें न करने दें!
तंबाकू के सेवन के कारण होने वाले रोगों की समस्या केवल पुरषों की समस्या ही नहीं है बल्कि ये महिलाओं और बच्चों के लिए भी घातक है। हमारे देश में ये भी धारणा है की जो महिलाओं तंबाकू का सेवन नहीं करती उनको ये सब रोग नहीं हो सकते परन्तु हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए की अगर कोई व्यक्ति उनके आस-पास धूम्रपान करता है तो उनको भी ये रोग होने का उतना ही खतरा है जितना की उस धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को। इस स्थिति में अगर बच्चे भी आते हैं तो वो भी कई प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं।
किसी और के द्वारा छोड़े गए धुएं से अगर किसी अन्य व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उससे एक प्रकार से क़त्ल के रूप में देखा जाना चाहिए। और ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम तम्बाकू का नशा करने वाले लोगों द्वारा अपना और अपने बच्चों का क़त्ल होने से बचाएं…ये हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे लोगों को अपने आस-पास धूम्रपान ना करने दें।
और यदि आप खुद स्मोकिंग करते हैं तो आपको खुद सजग होना चाहिए कि आपके हाथों किसी मासूम का क़त्ल न हो जाए!
चौंकाने वाली रिपोर्ट
‘ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे 2009-10’ के अनुसार, घरों में सबसे अधिक 52 प्रतिशत युवा दूसरों द्वारा छोड़े गए धुऐं का शिकार होते हैं। खोज में ये पता चला है की जिन घरों में बच्चों की मौजूदगी में धूम्रपान होता है उन बच्चों में-
- कान में संक्रमण
- अस्थमा
- निमोनिया
- घरघराहट और खाँसी आदि रोगों से ज्यादा ग्रस्त होते हैं।
- ऐसे बच्चे दूसरे बच्चों की तुलना में कमजोर और ज्यादा बीमार रहते हैं।
- इसी प्रकार यदि किसी गर्भवती महिला के पास धूम्रपान किया जाता है तो उसकी कोख में पल रहे बच्चे को भी कई प्रकार की समस्याएं जैसे कि-
- जन्म के समय बच्चे का कम वजन,
- समय से पहले बच्चे का जन्म और
- कुछ मामलो में शिशु की मृत्यु भी हो सकती है।
- आजकल पुरषों में नपुंसकता और औरतों में बांझपन का बहुत बड़ा कारण तंबाकू ही है।
तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में घातक है। मुंह, होंठ, गले, धवनियन्त्र, मूत्राशय आदि के कैंसर होने का 60 प्रतिशत कारण खाने वाले तंबाकू का प्रयोग करना है। लेकिन अगर समय रहते इस प्रकार से होने वाले कैंसर की लक्ष्णों और चिन्हों के द्वारा पहचान कर ली जाये तो इसका इलाज संभव है।
अंत में यही कहा जा सकता है आपके सिर के बालों से लेकर पैरों के नाखूनों तक जितने भी अंग इसमें आते हैं तंबाकू उन सभी अंगों के लिए घातक है। इतना सब जानते हुए भी अगर हम इसका इस्तेमाल करना या न करना हमारी बुद्धिमता पर निर्भर करता है।
याद रखिये –
Source: तंबाकू से होते हैं इतने रोग फिर क्यों नहीं डरते हैं लोग!तम्बाकू छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है बस छोड़ देना – नो इफ़्स, एंड्स और बट्स।
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