पटना: हरियाणा के सोनीपत की अनु कुमारी संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के नतीजों में दूसरे स्थान पर रहीं। अनु कुमारी का चार साल का बेटा है। उन्होंने परिवार की जिम्मेदारियां निभाते हुए हर दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई की और यह कामयाबी हासिल की। 31 साल की अनु को दूसरी बार में यह सफलता मिली। पिछली बार वे महज एक अंक से चूक गई थीं।
अनु का कहना है कि उन्होंने अपनी ज्यादातर तैयारी गांव में रह कर की, जहां अखबार भी नहीं आता है। उनका कहना है कि मन में ठान लिया जाए तो कोई काम असंभव नहीं। यही मेरा सक्सेस मंत्रा है। वे देश में महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में काम करना चाहती हैं। हाल ही में यूपीएससी 2017 क्लीयर करके अनु कुमारी पैतृक गांव दीवाना पहुंची जहां उनका जोर शोर से स्वागत किया गया।
यूपीएससी की इस सेकंड टॉपर ने बेटे ने दूर रहकर 55.50 प्रतिशत नंबर हासिल करके इतिहास रच दिया। अनु को कुल 1,124 अंक मिले है, जिसमें लिखित में 937 और इंटरव्यू में 187 अंक मिले है।
अनु के मुताबिक यूपीएससी क्लीयर बहुत सरल नहीं है लेकिन यह नामुमकिन भी नहीं। मैंने कोई कोचिंग नहीं ली और खुद से पढ़ाई करके ही यह जगह हासिल की। मैंने केवल इतना ध्यान दिया कि मेरा लक्ष्य कभी न छूटे और लक्ष्य का पीछे करते हुए सफलता हाथ लगी। सेल्फ स्टडी करते हुए स्पेशल टॉपिक बनाकर प्रैक्टिस की और साथ ही ऑनलाइन स्टडी से मदद मिली।
वह बताती है कि सफल होने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। ऐसा भी समय आता है जब आपकी कोशिशों के बावजूद ऐच्छिक परिणाम नहीं मिलता है तब उम्मीद टूटने लगती है, मन में निराश आती है लेकिन इन हालातों से गुजर जाने वाला ही तो विजेता बनता है।
उन्होंने यह संदेश उन युवाओं को दिया जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं लेकिन सफल न हो पाने पर हार मानकर बैठ जाते हैं। अनु के इस 5 फॉर्मूले को अपनाने से सफलता पाने में जरूर मदद मिलेगी।
1. किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है प्रॉपर प्लानिंग। प्लानिंग करने से आपके रास्ते आसान हो जाएंगे। आप बेमतलब पढ़ने में उलझन महसूस नहीं करेंगे।
2. प्लानिंग के बाद अगर आपको कुछ सबसे पहले चाहिए तो वह है पैशेंस यानी धैर्य। अगर धैर्य होगा तो बड़ी से बड़ी परीक्षा पास कर सकते हैं। यह ऐसी परीक्षा है जिसके लिए धैर्य की जरूरत होती है। हार के बाद भी धैर्य रखते हुए कोशिश जारी रहनी चाहिए।
3. पढ़ाई के लिए एक माहौल होना चाहिए। आप सोचते हैं कि अकेले बैठकर आप 10-12 घंटे पढ़ लेंगे तो आपको बोरियत भी होगी। ऐसे में कुछ समय ग्रुप स्टडी बड़े काम की हो सकती है। सिविल सर्विस की परीक्षा को पास करने में ग्रुप स्टडी का महत्वपूर्ण रोल है। लाइब्रेरी में जाकर पढ़ने से भी आपको साथी मिल जाते हैं।
4. एग्जाम कोई भी हो उसके लिए रिविजन एक महत्वपूर्ण पार्ट है। जो एक बार पढ़ लिया, उसे यह समझ लें कि सब कुछ समझ आ गया तो ऐसा नहीं है। समय-समय पर रिविजन करने से आपको वो विषय या टॉपिक अच्छे से समझ आते हैं और याद रहते हैं।
5. आप सब कुछ हर किताब से नहीं पढ़ सकते। एक सूची बनाएं कि आपको पढ़ना क्या है।
6. वहीं सिविल सर्विस परीक्षा के पुराने पेपर काफी काम आते हैं। इससे यह पता चल जाता है कि किस प्रकार के प्रश्न आते हैं।
7. आपको समझना होगा कि प्रश्नों के उत्तर किस तरह लिखना है। आपको लिखने की कला आनी चाहिए। बार-बार लिखने से ही इसका अभ्यास होता है।
8. एक बार परीक्षा देकर यह सोचें की पास हो गए तो रिजल्ट आने से पहले अगली बार फिर से पेपर देने की तैयारी शुरू करें।
9. सेल्फ टेस्टिंग यानी खुद को परखने के लिए अपनी परीक्षा लें। आप कितनी मेहनत करते हैं, यह आपको ही पता है।
10. इंटरव्यू के वक्त बनावटी बनने के बजाय जैसे हैं वैसे रहें।
No comments:
Post a Comment