यह पोस्ट जन जन तक पहुचाये इसमें पतंजलि और Baba Ramdev के खिलाफ कोंग्रेस के षड्यंत्र का पर्दाफास किया गया है.....
CCTV के विडियो फुटेज व पोस्टामर्टम रिपोर्ट से सच आया सामने, उत्तराखंड पुलिस की खुली पोल
पतंजलि फूड पार्क में 27 मई को हुए संघर्ष में उत्तराखंड पुलिस की पोल पूरी तरह से खुल चुकी है। फूड पार्क पर हमला करने आए हमलावरों की एक-एक गतिविधि इस सीसीटीवी फुटेज में कैद है, जिससे यह साबित होता है कि मृतक दलजीत सिंह तलवार लेकर पतंजलि में माल ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टरों पर हमला कर रहा था। यही नहीं, दलजीत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दर्शाती है कि उसकी मौत, लाठी-डंडों से हुई पिटाई में हुई थी, लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने शुरू शुरू में उसकी मौत गोली लगने से बतायी थी। यह साफ दर्शाता है कि उत्तराखंड पुलिस स्थानीय कांग्रेसी सरकार के दबाव में तथ्यों के परे जाकर काम कर रही है। यह भी एक हकीकत है कि पतंजलि फूड पार्क प्रशासन ने 15 अप्रैल 2015 को स्थानीय थाना में बार-बार हमला कर रहे इन अराजक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई करने की जगह चुपचाप तमाशा देखती रही, जिस कारण यह नौबत आयी।
पतंजलि फूड पार्क में 27 मई को हुए संघर्ष में उत्तराखंड पुलिस की पोल पूरी तरह से खुल चुकी है। फूड पार्क पर हमला करने आए हमलावरों की एक-एक गतिविधि इस सीसीटीवी फुटेज में कैद है, जिससे यह साबित होता है कि मृतक दलजीत सिंह तलवार लेकर पतंजलि में माल ढुलाई में लगे ट्रांसपोर्टरों पर हमला कर रहा था। यही नहीं, दलजीत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दर्शाती है कि उसकी मौत, लाठी-डंडों से हुई पिटाई में हुई थी, लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने शुरू शुरू में उसकी मौत गोली लगने से बतायी थी। यह साफ दर्शाता है कि उत्तराखंड पुलिस स्थानीय कांग्रेसी सरकार के दबाव में तथ्यों के परे जाकर काम कर रही है। यह भी एक हकीकत है कि पतंजलि फूड पार्क प्रशासन ने 15 अप्रैल 2015 को स्थानीय थाना में बार-बार हमला कर रहे इन अराजक तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई करने की जगह चुपचाप तमाशा देखती रही, जिस कारण यह नौबत आयी।
उल्लेखनीय है कि 27 मई 2015 को स्थानीय अराजक तत्वों ने हथियारों से लैस होकर पतंजलि फूड पार्क पर हमला कर दिया था, जिसमें करीब 12 लोग घायल हुअए और एक व्यक्ति दलजीत सिंह की मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि हमलावरों में सबसे आगे दलजीत सिंह ही था, जिसके हाथ में तलवार थी और वह ट्रांसपोर्टरों पर हमला कर रहा था। एक-एक ट्रांसपोर्टर की गाडी को रोककर वह उनके शीशे तोड़ रहा था। ट्रांसपोर्टर विवेक जैन, सुधीर कुमार व नरेंद्र चहल ने बताया कि आप सीसीटीवी फुटेज में साफ देख सकते हैं कि दलजीत हमारे ऊपर जानलेवा हमला कर रहा है। उसके हाथ में नंगी तलवार थी, जो वह बेखौफ लहरा रहा था।
उधर दलजीत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उसकी मौत लाठी-डंडे की मार से हुई है, न कि राइफल की गोली से। उत्तराखंड पुलिस ने दलजीत की मौत के बाद मीडिया को बताया था कि दलजीत की मौत राइफल की गोली से हुई है। आचार्य बालकृष्ण ने एक प्रेसवार्ता में बताया था कि 26 मई को भी हमलावरों ने फूड पार्क पर हमला किया था, जिसकी शिकायत मैंने स्वयं राज्य के सभी आला पुलिस अधिकारियों को फोन कर किया था और उनसे सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उन्हें बताया था कि 15 अप्रैल 2015 को हमने इस बारे में पथरी थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी, लेकिन आज तक पुलिस ने उस पर कार्रवाई नहीं किया है। उल्टे निर्दोष रामभरत को रात के अंधेरे में उठाकर ले गई। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक स्थानीय कांग्रेस प्रशासन जानबूझ कर हमें परेशान करने की कोशिश कर रही है।
पतंजलिा के पदाधिकारियों के अनुसार, CCTV के विडियो फुटेज जिसमे साफ़ साफ दिखाई दे रहा है मृतक दलबीर सिंह खुद हमलावर था। वह बिना कारन पतंजलि के गेट पर आया तथा उसने खुद आकर गाड़ी में बैठे लोगों पर जानलेवा हमला शुरू कर दिया। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने षड्यंत्र करके राम्भारत को गिरफ्तार किया है। षड्यंत्र करके पतंजलि फ़ूड पार्क को बंद करके एक लाख किसानो के पेट पर लात मारकर उनको भूखो मारने का काम कर रही है।
आप खुद देखिये पतंजलि फूड पार्क का सच.... खुद देखिये वीडियो में पूरा सच वीडियो लिंक -https://www.youtube.com/attribution_link…
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