Monday, 30 October 2017

3 स्टेप में जानें कि रिटायरमेंट के समय आपको कितने पैसों की ज़रुरत होगी!



Retirement Planning in Hindi

सेवानिवृत्ति योजना

Retirement Planning in Hindi
MBA की क्लास में मेरे प्रोफेसर ने एक बड़ी ही interesting बात कही, उन्होंने कहा-
जल्दी मरना जितना बड़ा रिस्क है उतना ही बड़ा रिस्क है लम्बा जीना!
जब हर कोई एक लम्बी ज़िन्दगी चाहता है तब भला उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
आइये आज रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़े इस लेख में हम इस बात को समझने की कोशिश करते हैं और accordingly अपने कल को सुरक्षित करने के लिए आज से ही इसकी तैयारी करते हैं.
फ्रेंड्स, आज़ादी के समय भारत में life expectancy सिर्फ 32 साल थी.
यानी, 1947 में भारत में जन्मे किसी व्यक्ति का संभावित जीवन काल बस 32 वर्ष का होता था. पर अब यह आंकड़ा करीब 70 साल का है. और ध्यान रहे कि ये पूरे भारत का औसत है जिसमे करोड़ों ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास नहीं के बराबर स्वास्थय सुविधाएं हैं. अगर सिर्फ well-off या middle class families की बात की जाए तो निश्चित ही ये आंकड़ा 80 साल के आस-पास पहुँच जाएगा.

इसका क्या मतलब है?

इसका ये मतलब है कि हम अपनी working life, जो करीब 60 साल तक की होती है, के बाद भी 20 साल की ज़िन्दगी जी रहे होंगे!
रिटायर्ड लाइफ के बीस साल…. ये life का एक ऐसा phase है जो किसी के लिए golden हो सकता है तो किसी के लिए burden, depending upon कि उसने अपने working years में रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे की थी और अब उसके पास बाकी की ज़िन्दगी काटने के लिए कितने पैसे हैं?
अब शायद आप मेरे प्रोफेसर साहब की बात समझ पा रहे होंगे… अगर आपने एक proper retirement planning नहीं की है तो लम्बा जीना एक बहुत बड़ा रिस्क हो सकता है!
तो सवाल उठता है कि-

हमारे पास रिटायरमेंट के समय कितने रुपये का corpus होना चाहिए ताकि हम comfortably retire हो सकें?

ये पता करना थोड़ा complex है क्योंकि ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि-
  • Inflation rate या महंगाई दर क्या है
  • हम कितने साल में रिटायर हो रहे हैं
  • हमारी liability क्या-क्या है
  • After retirement हमारे sources of income क्या-क्या हैं, जैसे कि interest on investment, rental income, etc
इसलिए हर किसी के लिए adequate retirement corpus का अमाउंट अलग-अलग आएगा! लेकिन अगर हम थोड़ी सी calculation करें तो हम पता कर सकते हैं कि रिटायरमेंट के समय हमारे पास कितना फण्ड होना चाहिए!
Luckily, हमारे पास Reliance Mutual Fund की साईट पे एक calculator भी मौजूद है जो हमारा काम काफी आसान बना देता है.
तो आइये step by step जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी हमें अपनी मौजूदा life style को मेन्टेन करने के लिए कितने रुपये का रिटायरमेंट कॉर्पस चाहिए होगा-

Step 1:सबसे पहले आप अपने खर्चों का एस्टीमेट बनाइये:

आप औसतन हर महीने कितने रुपये खर्च कर देते हैं. खर्चे में आप इन सभी चीजों को include करें:
  • खान-पान
  • मनोरंजन
  • इंश्योरेंस
  • बिजली बिल
  • स्वास्थ्य
  • किराया
  • वैकेशन
  • टैक्स
  • इत्यादि
जो expenses साल में एक बार होते हैं आप उनको 12 से डिवाइड कर उनकी मंथली कॉस्ट निकाल लें. जैसे कि मोटर इंश्योरेंश, tourism expenses, etc.
मान लीजिये सभी खर्चों का monthly-average 30,000 रु आता है, मतलब अगर आप आज रिटायर हो रहे होते तो आपको अपनी current lifestyle मेन्टेन करने के लिए हर महीने कम से कम 30,000 रूपये चाहिए होते!

Step 2: पता करिए कि रिटायरमेंट के समय आपका मंथली एक्सपेंस क्या होगा

Step 1 में जो आपने कैलकुलेट किया वो आज की डेट में आपका monthly expense है, लेकिन आप तो अभी बस 30 साल के हैं और आपको 60 की age में, यानी 30 साल बाद रिटायर होना है.
तो सवाल उठता है कि 30 साल बाद आपका सालाना expense क्या होगा? इसका पता लगाने के लिए आपको महंगाई दर ( inflation rate) को apply करना होगा.Inflation के कारण 30 साल बाद आज जो पैसे की कीमत है वो घट जायेगी, जो मूवी आज हम 200 रु में देख लेते हैं वही मूवी देखने के लिए 30 साल बाद हमें 1500 रु खर्च करने पड़ सकते हैं.
Historically, इन्फ्लेशन रेट 6% के आस-पास रही है. अगर हम इसे ही अगले 30 साल का एवरेज मान लें तो 30 साल बाद हमारा मासिक खर्च हो जाएगा:
Retirement Planning in Hindi Calculatorhttps://www.reliancemutual.com/learn-and-invest/tools/retirement-calculator
                                                   रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें
Rs. 1,80,677 ( करीब एक लाख अस्सी हज़ार रुपये)
यानी आपको साल का 1,80,677 x 12= 2168124 रु चाहिए होगा.

Step 3: रिटायरमेंट के समय जो yearly income चाहिए उसे generate करने के लिए required corpus पता करें:

अब ये सोचिये कि अगर आपको हर साल 2168124 रु चाहिए तो इसके लिए आपके पास कितना बड़ा कॉर्पस होना चाहिए जिसका interest आपको yearly इक्कीस लाख अड़सठ हज़ार रुपये दे सके!
रिटायरमेंट के बाद अगर हम primarily secured investment करें और मान कर चलें कि हमें सालाना 8% का रिटर्न मिल रहा है तो हमारा कॉर्पस इतना बड़ा होना चाहिए कि उसका 8% इंटरेस्ट हर साल हमें 2168124 रु दे सके.
So, let us use the Simple Interest formula
Simple Interest = Principal*Rate of Interest*Time(years)/100
2168124= (Principal*8*1)/100
इसलिए Principal= 27101550 (2 करोड़ 71 लाख रुपये). यानी अगले 30 साल में हमें रिटायर होने के लिए करीब दो करोड़ इकहत्तर लाख रुपये चाहिए होंगे!
क्या आपने पहले कभी ये कैलकुलेशन की थी? की थी तो बहुत अच्छा नहीं की थी तो आज इस पर ज़रूर ध्यान दीजिये!
अब सवाल उठता है कि अगर आप अगले 30 सालों में इतना बड़ा कॉर्पस जुटाना चाहते हैं तो आपको क्या करना होगा?
सिर्फ एक चीज —- निवेश
जी हाँ, आपको आज से ही पैसे बचाने होंगे और उसे best possible financial instruments में इन्वेस्ट करना होगा.
अगर आप ऊपर के नंबर्स को देख कर डर गए हैं तो नीचे दिए नंबर शायद आपको कुछ रिलेक्स कर पाएं.
30 साल में दो करोड़ इकहत्तर लाख कर टारगेट अचीव करना इतना मुश्किल नहीं है, क्योंकि समय आपके साथ है.
अगर आप हर महीने सिर्फ 12000 रुपये निवेश करें और on an average आपको 10% का return मिले तो अगले 30 सालों में आपके पास 2.71 करोड़ रूपये जमा हो जायेंगे.
यहाँ मैं आपसे एक और interesting calculation share करना चाहूँगा.
Suppose करिए आप ये सोचते हैं कि चलो अभी तो retirement में 30 साल हैं, अभी थोड़ी मौज-मस्ती कर लेता हूँ और बाद में सेविंग करूँगा….और इस philosophy के चलते आप 40 साल की उम्र में सेविंग करना शुरू करते हैं… जानते हैं 60 साल की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते 2.71 करोड़ का आंकड़ा छूने के लिए अब आपको monthly कितना invest करना पड़ता?
लगभग 36000 रुपये.
कहाँ तीस की उम्र में 12000 और कहाँ चालीस की उम्र में 36000!
💡 इसका मतलब समझदारी जल्द से जल्द रिटायरमेंट प्लानिंग को seriously लेने और accordingly invest करने में है.
I hope, retirement planning पर यह पोस्ट उन लोगों के लिए एक eye-opener का काम करेगी जो अभी तक इस ज़रूरी विषय को नज़रंदाज़ करते आ रहे हैं.
Personal finance के अगले लेख के साथ आपसे जल्द मुलाक़ात होगी.
Thank You!
Gopal Mishra
MUST READ:


Key words : Accountable, Accuracy, Adaptability, Adept, Alertness, Ambition, Amiability, Analytical, Articulate, Assertive, Attentiveness, Businesslike, Capable, Caring, Competence, Confidence, Conscientiousness, Considerate, Consistency, Cooperation, Creative, Critical thinking, Dedication, Dependability, Detail oriented, Determination, Diplomatic, Efficiency, Empathy, Encouraging, Energy, Enterprising, Ethical, Experienced, Flexibility, Hardworking, Helpfulness, Honesty, Imaginative, Independent, Industriousness, Influence, Innovation, Insightful, Interpersonal, Intuitive, LeadershipLife skillsLogical thinking, Loyal, ManagementMotivationNonverbal communication, Optimism, Organizational, Passion, Patience, Perceptive, Perseverance, Positive, Practical, Problem solving, Productive, Professional, Progressive, Punctual, Rational, Realistic, Reflective, Reliable, Resourceful, Respectful, Responsible, Sense of humor, Sincere, Sociable, Teachable, Teaching, Teamwork, Technical Literacy, Tolerance, Training, Trustworthy, Understanding, Verbal, communication, Versatility, Visionary, Work ethic, Acknowledging Others, Active Listening, Advising, Collaboration, Commitment, Communication, Community Building, Confidence, Confidence Building, Conflict Management, Contributing, Cooperation, Coordination, Creativity, Creative ThinkingCritical Thinking,  Defining Problems, Dependable, Dependability, Encourage, Encouragement, Expanding Ideas, Flexibility,  Give Feedback, Goal Setting, Guide, Group Decisions, Group Decision Making, Hearing Concerns,  Helpfulness, Helping, Honesty, Idea Exchange, Influencing, Interpersonal, Interpreting, Language, Lead, Leadership,Listening, Logic, Logical Argument, Logical ThinkingManagement, Mediation, MotivationMultitaskingNegotiatingNonverbal Communication, Opinion Exchange, Oral Communication, Participation, Patience, Perform Tasks, Persuading, Positive Attitude, Problem Solving, Questioning, Receive Feedback,  Relationship Building, Reliable, Research, Respect, Respectful, Responsibility, Sharing Credit, Support, Supportive, Team Building, Team Building Activities, Team Management, Team Oriented, Team Player, Tact, Task Management, Teaching, Trust, Understanding Feelings, Verbal Communication, Visual Communication, Written Communication, Adaptability to changing circumstances, Addressing behavior which disrupts group harmony, Assessing group progress, Brainstorming strategies and solutions freely, Coaching, CollaborationCommunicationConflict Resolution, Cooperation by managers of departments comprising cross functional teams, Cultivating positive group leaders, Decision Making, Defining work roles clearly, Delegating tasks to appropriate members, Drawing consensus around goals and strategies, Encouraging input from reticent members, Establishing group norms, Facilitating group discussion, Hiring team oriented staff, Identifying the strengths and weaknesses of team members, InterpersonalLeadership, Mentoring new members, PersuasiveProblem Solving, Providing feedback, Recognizing and rewarding group achievements, Recording and disseminating team solutions, Responding to constructive criticism, Setting expectations, Terminating chronically unproductive team members, Training, Verbal communication, Adaptability, Analytical, Apologizing, Asking for help, Assertiveness, Body language, Communication, Confidence building, Conflict management, Cooperation, Coping, Creative thinking, Critical thinking, Decision making, Emotional intelligenceEmpathy, Etiquette, Flexibility, Focus, Giving and receiving feedback, Handling criticism, Independence, Influence, Information technology, Interpersonal, Leadership, Listening, Literacy, Mindfulness, Negotiating, Networking, Numeracy, Organization, Presentation skills, Prioritization, Problem solving, Professionalism, Public speaking, Recognizing diversity, Resilience, Respect, Self-awareness, Teamwork, Time management, Timeliness, Verbal communication, Willingness to learn, Success, Money, Inspiration, Hard work, Sympathy, Emotion, Blogs, Blogger, India top blogger, India best blogger, self improvement, Personal Development, Positive thinking, mother Teresa, Shiv khera, Sandeep maheswari, Vivekanand, Ramkrishna Paramhansa, Ajit vadakayil, Study Hard, 


‘जीत आपकी’ by शिव खेड़ा की 35 थॉट प्रवोकिंग बातें You Can Win Quotes in Hindi


“जीत आपकी” by शिव खेड़ा के 35 बेस्ट थॉट्स

You Can Win Quotes in Hindi

शिव खेड़ा एक प्रेरक प्रवक्ता, उद्यमी और सफल लेखक हैं इन्होनें बहुत सी पुस्तकें लिखीं हैं जिनमें “You Can Win” एक International Bestseller बुक है. इस किताब में शिव खेड़ा नें अपनें जीवन अनुभव से प्राप्त ज्ञान को कहानियों तथा अन्य तरीकों से अपने पाठकों के सामनें रखा है. एक श्रेष्ठ जीवन तथा व्यक्तित्व के निर्माण के लिए सभी को इस पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहिए.
You Can Win Quotes in Hindi
“जीत आपकी” motivation का खजाना है. यदि कोई इस book को ध्यान से पढ़े तो निश्चित ही उसकी life में positive changes आयेंगे और उसे अपनी ज़िन्दगी को सफल बनाने में बहुत मदद मिलेगी. तो आइये जानते हैं –

You Can Win / जीत आपकी की 35 थॉट प्रवोकिंग बातें

1: मुझे यकीन है कि जीत हासिल करनें वालों के मन में भी टालमटोल करनें कि इच्छा जरूर पैदा हुई होगी, पर उन्होंने उसे अपनें ऊपर कभी हावी होने नहीं दिया.
2: महान वायलिनवादक फ्रिट्ज क्रिस्लर एक संगीत समारोह में वायलन बजा रहे थे. उन्होंने वायलिन बजाना बंद किया, तो एक आदमी ने स्टेज पर आकर पूछा, “आपके जैसी वायलिन बजाने क़े लिए मैं पूरी ज़िंन्दगी लगा सकता हूँ.” क्रिस्लर ने जवाब दिया, ” मैं तो लगा चुका हूँ.”
3: अपने को बेहतर बनानें में इतना वक़्त लगाएं कि दूसरों कि आलोचना करनें के लिए समय ही ना बचे.
4: जीतने वाले अलग चीजें नहीं करते, वो चीजों को अलग तरह से करते हैं.
    5: जब मैं थक जाता और थक कर रुक जाना चाहता, तो मुझे उत्सुकता होती थी कि मेरा प्रतिद्वंदी इस समय क्या कर रहा होगा. जब मैं सोच में देखता वह अब भी प्रैक्टिस कर रहा है तो मैं और मेहनत करता और जब मैं देखता वह थककर आराम कर रहा है तो मैं और भी कड़ी मेहनत करने लगता.
6: अगर लोगों को यह पता चल जाता कि इस कुशलता को प्राप्त करनें में मुझे कितनी मेहनत करनी पड़ी है तो उन्हें मेरा काम बिलकुल भी आशचर्यजनक न लगता.
 माइकलएंजेलो
7: विल्मा ( दुनिया की सबसे तेज धाविका जो डॉक्टर्स के मुताबिक चल भी नहीं सकती थी) सीखना चाहिए? इससे हमें शिक्षा मिलती है कि कामयाब लोग कठनाइओं के बावजूद सफलता हांसिल करते हैं, न कि तब, जब कठनाइओं नहीं होती.
8: जब हम अपनी हदों और सीमाओं को नहीं जानते, तो हम बड़े और ऊँचे काम करके खुद को ही आश्चर्यचकित कर देते हैं. पीछे मुड़ कर देखने पर हैरानी होती है कि क्या मेरी कोई सीमा भी थी. हम सिर्फ उन्हीं सीमाओं से बंधे है, जो हमनें अपने लिए खुद बनायीं है. शिक्षा को अपने ऊपर बंधन मत लगाने दें.
9: अनुशासन का पालन करें (Practice Discipline) आत्मअनुशासन हमारे आनंद को ख़त्म नहीं करता, बल्कि और भी बढ़ाता है. आपने देखा होगा कि अनेक लोग प्रतिभा और क्षमता कि बावजूद नाकामयाब हैं. वे मायूस होते हैं और यह बात उनके व्यव्हार, सेहत और रिश्तों पर असर डालती है. वे संतुष्ट नहीं होते और अपनी समस्याओं के लिए भाग्य को दोष देते रहते हैं. वे यह महसूस नहीं कर पाते कि उनकी कई समस्याएँ अनुशासन की कमी से पैदा हुई हैं.
10: अगर आप खुद के मान-सम्मान को महत्व देते हैं, तो गुणवान लोगों की संगति में रहें. ख़राब संगति रहने से तो अच्छा है कि आप अकेले ही रहें.
जॉर्ज वाशिंगटन
  जीत आपकी (You Can Win) by Shiv Khera 

11: कुछ लोग बार-बार ये दलील देते हैं कि “मैं जब चाहूँ तब इन बुराईयों को छोड़ सकता हूँ.” पर वे ये महसूस नहीं करते कि इच्छाशक्ति के मुकाबले बुरे असर ज्यादा ताकतवर होते हैं.
12: खुद को सही आत्मसुझाव दें (Give yourself Positive Auto-suggestions) खुद को सही आत्मसुझाव देने की आदत बनाएँ. आत्मसुझाव हमारे अवचेतन मन को प्रभावित करके हमारी सोच के तरीके को बदलता है और हमारे व्यव्हार में हमारी सोच ही झलकती है. इस प्रकार आत्मसुझाव हमारी सोच के तरीके को प्रभावित करके हमारे व्यव्हार पर असर डालता है. एक तरह से ये आत्मविश्वास जगाने वाली भविष्यवाणियों का रूप ले लेता है. इस तरह के आत्मसुझावों के कुछ उदाहरण ये हैं –
      • मैं इसे संभाल सकता हूँ
      • मैं इसे कर सकता हूँ
      • मैं हिसाब मैं अच्छा हूँ
      • मेरी यादाश्त अच्छी है
13: बेईमानी की जीत से हार जाना कहीं अच्छा है.
14: लोहा आग में तपकर ही फौलाद बनता है.
15: कथनी और करनी में समानता होनी चाहिए. अगर कोई कहता कुछ है, और करता कुछ है, तो आप उसका कैसे यकीन करेंगे.
16: चीन में बांस का एक ऐसा पेड़ होता है जिसे रोपने के बाद चार साल तक पानी और खाद देने के बावजूद उसमें अंकुर फूटने का कोई निशान भी नहीं दिखता. लेकिन पांचवे साल के दौरान बांस का पौधा सिर्फ छह सप्ताह में 90 फ़ीट तक बढ़ जाता है. सवाल यह उठता है बांस का यह पौधा सिर्फ छह सप्ताह में बढ़ा या इस काम में पांच साल लगे? जब उसमें बढ़ने वाले कोई लक्षण नहीं आ रहे थे, यदि उस समय इस पौधे को पानी और खाद नहीं दी जाती, तो क्या वह बढ़ पाता? बिलकुल नहीं.
17: बुराई के जड़ ज़माने के लिए इतना काफी है कि अच्छे लोग कुछ न करें, और बुराई जड़ पकड़ लेगी.
 एडमंड बर्क
18: व्यव्हार में चतुर होने का मतलब है है हम अपनें शब्दों का चुनाव समझदारी और होशियारी से करें, और जानें कि हम कितनी दूर तक जा सकते हैं. इसका मतलब यह जानना भी है कि क्या कहना है और क्या नहीं कहना है? व्यव्हार कुशलता कि बिना प्रतिभा हमेशा काम नहीं आ सकती.
19: गलती को दोहराना सबसे बड़ी गलती है.
20: बहस एक ऐसी चीज है जिसे जीता नहीं जा सकता, अगर हम जीतते हैं तो भी हारेंगे और अगर हारते हैं तो भी हारेंगे.
21: पूर्णतया कुशलता और समझदारी का मतलब है – छोटी- छोटी बातों और बहस में न उलझना.
22: वचनबद्धता का मतलब यह होता है कि वादा हर हाल में निभाया जायेगा, चाहे कुछ भी हो.
23: किसी को माफ़ तो कर दो, लेकिन उसका नाम मत भूलो.
जॉन कैनेडी
24: जब किसी को शर्मिंदा होना पड़े, जब कोई दिल में दुःख लेकर जाये, जब किसी महान चीज को छोटा बना दिया जाये, जब किसी की कमजोरी हसीं का कारण बने, जब किसी चीज को मजेदार बनाने के लिए बेअदबी की जरूरत पड़े, जब एक बच्चे को रुला दिए जाये और जब हर कोई हसीं में शामिल न हो सके, तब वह एक घटिया जोक होता है.
25: सफल लोगों का राज यह है कि वे उन कामों को करने की आदत डाल लेतें हैं, जो असफल लोग करना नहीं चाहते.
अर्ल नाइटिंगल
26: एक व्यक्ति जब किसी विश्वास को बार-बार दोहराता है, तो यह उसके अवचेतन मन की गहराई में बैठ जाता है, और एक असलियत का रूप ले लेता है. बार-बार दोहराया गया झूठ सच मान लिए जाता है.
27: कुछ करने की कोशिश करके असफल हो जाने वाले लोग उन लोगों से लाख गुना बेहतर हैं, जो कुछ किए बिना सफल हो जाते हैं.
 लॉयड जोन्स
28: दुनिया की सबसे अच्छी और सबसे सुन्दर चीजों को न तो देखा और न ही छुआ ही जा सकता है. उन्हें दिल से महसूस किया जाना चाहिए.
हेलन केलर
29: मैं उस काम में असफल होना पसंद करूँगा, लो आखिर में सफल होगा, बजाये उस काम में सफल होने के जो आखिर में असफल होगा.
वुडरो विल्सन
30: अधिकतर लोगों को वही मिलता है जिसकी उन्हें तलाश होती है.
31: अनियमित कड़ी मेहनत से कहीं बेहतर है नियमित रूप से की गई थोड़ी सी कोशिश, जो अनुशासन से आती है.
32: मैं जितनी कड़ी मेहनत करता हूँ, भाग्य क़े उतने ही करीब पहुँच जाता हूँ.
सैमुएल गोल्डविन
33: कोई आदमी अपने बारे में जो सोचता है, उसी से उसकी तक़दीर तय होती है, या उसके भाग्य क़े बारे में संकेत मिलता है.”
हेनरी डेविड थोरो
35: हर घर में अगर अनुशासन का पालन किया जाये, तो युवाओं द्वारा किए जाने वाले अपराधों में 95 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी.
जे. एडगर हूवर


MUST READ:


Key words : Accountable, Accuracy, Adaptability, Adept, Alertness, Ambition, Amiability, Analytical, Articulate, Assertive, Attentiveness, Businesslike, Capable, Caring, Competence, Confidence, Conscientiousness, Considerate, Consistency, Cooperation, Creative, Critical thinking, Dedication, Dependability, Detail oriented, Determination, Diplomatic, Efficiency, Empathy, Encouraging, Energy, Enterprising, Ethical, Experienced, Flexibility, Hardworking, Helpfulness, Honesty, Imaginative, Independent, Industriousness, Influence, Innovation, Insightful, Interpersonal, Intuitive, LeadershipLife skillsLogical thinking, Loyal, ManagementMotivationNonverbal communication, Optimism, Organizational, Passion, Patience, Perceptive, Perseverance, Positive, Practical, Problem solving, Productive, Professional, Progressive, Punctual, Rational, Realistic, Reflective, Reliable, Resourceful, Respectful, Responsible, Sense of humor, Sincere, Sociable, Teachable, Teaching, Teamwork, Technical Literacy, Tolerance, Training, Trustworthy, Understanding, Verbal, communication, Versatility, Visionary, Work ethic, Acknowledging Others, Active Listening, Advising, Collaboration, Commitment, Communication, Community Building, Confidence, Confidence Building, Conflict Management, Contributing, Cooperation, Coordination, Creativity, Creative ThinkingCritical Thinking,  Defining Problems, Dependable, Dependability, Encourage, Encouragement, Expanding Ideas, Flexibility,  Give Feedback, Goal Setting, Guide, Group Decisions, Group Decision Making, Hearing Concerns,  Helpfulness, Helping, Honesty, Idea Exchange, Influencing, Interpersonal, Interpreting, Language, Lead, Leadership,Listening, Logic, Logical Argument, Logical ThinkingManagement, Mediation, MotivationMultitaskingNegotiatingNonverbal Communication, Opinion Exchange, Oral Communication, Participation, Patience, Perform Tasks, Persuading, Positive Attitude, Problem Solving, Questioning, Receive Feedback,  Relationship Building, Reliable, Research, Respect, Respectful, Responsibility, Sharing Credit, Support, Supportive, Team Building, Team Building Activities, Team Management, Team Oriented, Team Player, Tact, Task Management, Teaching, Trust, Understanding Feelings, Verbal Communication, Visual Communication, Written Communication, Adaptability to changing circumstances, Addressing behavior which disrupts group harmony, Assessing group progress, Brainstorming strategies and solutions freely, Coaching, CollaborationCommunicationConflict Resolution, Cooperation by managers of departments comprising cross functional teams, Cultivating positive group leaders, Decision Making, Defining work roles clearly, Delegating tasks to appropriate members, Drawing consensus around goals and strategies, Encouraging input from reticent members, Establishing group norms, Facilitating group discussion, Hiring team oriented staff, Identifying the strengths and weaknesses of team members, InterpersonalLeadership, Mentoring new members, PersuasiveProblem Solving, Providing feedback, Recognizing and rewarding group achievements, Recording and disseminating team solutions, Responding to constructive criticism, Setting expectations, Terminating chronically unproductive team members, Training, Verbal communication, Adaptability, Analytical, Apologizing, Asking for help, Assertiveness, Body language, Communication, Confidence building, Conflict management, Cooperation, Coping, Creative thinking, Critical thinking, Decision making, Emotional intelligenceEmpathy, Etiquette, Flexibility, Focus, Giving and receiving feedback, Handling criticism, Independence, Influence, Information technology, Interpersonal, Leadership, Listening, Literacy, Mindfulness, Negotiating, Networking, Numeracy, Organization, Presentation skills, Prioritization, Problem solving, Professionalism, Public speaking, Recognizing diversity, Resilience, Respect, Self-awareness, Teamwork, Time management, Timeliness, Verbal communication, Willingness to learn, Success, Money, Inspiration, Hard work, Sympathy, Emotion, Blogs, Blogger, India top blogger, India best blogger, self improvement, Personal Development, Positive thinking, mother Teresa, Shiv khera, Sandeep maheswari, Vivekanand, Ramkrishna Paramhansa, Ajit vadakayil, Study Hard,