Tuesday 24 October 2017

क्यों अधिक इनकम से भी आपकी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स ख़तम नहीं हो पातीं? 7 reasons!

क्यों अधिक इनकम से भी आपकी फाइनेंसियल प्रॉब्लम्स ख़तम नहीं हो पातीं?

Financial Problems Reasons in Hindi

Financial Problems Reasons in Hindi 
संदीप एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करता है और महीने का 1 लाख कमाता है पर वो  फिर भी अपनी finances को लेकर परेशान रहता है. बार-बार उसके मन में यही विचार आता है कि जब मैं करियर की शुरुआत में 50 हज़ार कमाता था तो भी मैं किसी तरह महीने का खर्च निकाल पाता था और आज जब मैं उसका दोगुना कमाता हूँ तो भी पैसे कम ही पड़ते हैं.
दोस्तों, क्या आप संदीप की इस स्थिति से रिलेट कर पा रहे हैं?
क्या आपके साथ भी यही हो रहा है- आपकी इनकम तो बढ़ती जा रही है लेकिन अभी भी आपकी financial problems ख़त्म नहीं हो पा रहीं.
जी हाँ, ये एक कड़वा सच है कि सिर्फ इनकम बढ़ जाने से financial problems ख़त्म नहीं हो जातीं!
पर घबड़ाइए  नहीं, आप इस समस्या को फेस करने वाले अकेले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि कई और लोग भी आपके साथ हैं.
जी हाँ, अमेरिका में हाल ही में GOBankingRates द्वारा किये गए एक सर्वे में पता चला है कि लगभग आधे अमेरिकन्स paycheck to paycheck जीते हैं. पेचेक टू पेचेक जीने का मतलब है कि आप हर महीने जितनी सैलरी पाते हैं वो सारी उसी महीने ख़तम कर देते हैं और कोई भी बचत नहीं करते हैं.
आइये, आज इस आर्टिकल में हम 7 ऐसी बातों को जानते हैं जिनके कारण आप अच्छी इनकम के बावजूद अपने  finances को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं:

1. आप Financial Planning नहीं करते:

Unfortunately, ज्यादातर लोग ये ज़रूरी काम नहीं करते हैं, खासतौर से अपने career के शुरूआती दिनों में, और इसीलिए वे अक्सर अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर परेशान रहते हैं.
कृपया आप इस आर्टिकल को पढ़िए और इस direction में जल्द ही कोई कदम उठाइए.

2. आप पहले खुद को pay नहीं करते:

सैलरी आते ही आपको सबसे पहले अपनी एक महीने की कड़ी मेहनत के लिए खुद को पे करना चाहिए. यानी, आपको कुछ पैसे निकाल कर अलग रख देना चाहिए और बाकी के पैसों से खर्च चलाना चाहिए. For example: जिस दिन आपकी सैलरी क्रेडिट होती है उसके २-३ दिन बाद की डेट पे कोई SIP start कर सकते हैं, और अपने hard work के लिए खुद को reward कर सकते हैं.
मैंने पाया है कि ऐसी कोई भी saving arrangement करना जिसमे पैसे automatically आपके अकाउंट से कट जाते हों सही रहता है. ऐसा न होने पर पैसे कहीं न कहीं और खर्च हो जाते हैं.

3. आप आज की खुशियों को कल की ज़रूरतों से अधिक महत्त्व देते हैं:

आप 5 हज़ार रुपये की सेविंग करने के बजाये 15 हज़ार का नया मोबाइल लेने में यकीन रखते हैं वो भी तब जबकि आपका पुराना मोबाइल बिलकुल सही हो! “Living in the moment” की philosophy तभी भाति है जब “finances for the future” intact हों. पर आप पहले पार्ट में ही यकीन रखते हो और दूसरे को भूल जाते हो!
ऐसा ना करें, इन दोनों के बीच बैलेंस बनाना बहुत ज़रूरी है. ऐसा करना आपको बहुत सी financial stress से बचा सकता है.
दुनिया के सफलतम इन्वेस्टर्स में से एक वॉरेन बफे की ये बात हमेशा याद रखिये-
“Do not save what is left after spending, but spend what is left after saving.”

4. आप ‘wants’ को ‘needs’ से अलग नहीं करते हैं:

Need: कुछ ऐसा जिसके बिना काम नहीं चल सकता.
Want: कुछ ऐसा जो आप चाहते हैं कि आपके पास हो पर उसके बिना भी काम चल सकता है.
Finances को लेकर परेशान रहने वाले लोग अपनी अपनी Want को भी Need बना लेते हैं. For example: Genuinely आपको एक कार की जरूरत है, लेकिन आप आराम से afford की जा सकने वाली एक hatchback की जगह एक SUV को अपनी ज़रूरत बना लेते हैं और फिर सालों तक उसका loan pay करते हैं.
कभी भी सिर्फ show off के लिए कोई चीज ना लें, ऐसा करना आपको कुछ दिन की खुशियाँ तो दे सकता है पर  long term में वो आपके लिए problems ही कड़ी करेगा.
5. आप spendaholic हैं:
आप financially इस लिए परेशान रहते हैं क्योंकि आपको खर्च करने में मजा आता है…. आपके घर के हर कोने में कोई न कोई ऐसी चीज पड़ी है जो impulse buying का नतीजा है. आपकी वार्डरोब में ऐसे कपड़ों की भरमार है जिन्हें आपने मुश्किल से एक-दो बार ही पहना है. आपके drawer में ऐसे mobile phones पड़े हुए हैं जिनको आपने साल भर भी use नहीं किया. आपको बाहर खाने-पीने में इतना मजा आता है कि हफ्ते में दो बार बाहर ही खाते हैं या आर्डर करके घर पे मंगा लेते हैं.
अगर एक financially stable life चाहते हैं तो spendaholic नहीं frugal, यानी सोच-समझ कर खर्च करने वाला बनें.
    6. आप जितना कमाते हैं उससे भी अधिक खर्च करते हैं:
ये कैसे possible है? बिलकुल है, आपके जेब में 3-3 क्रेडिट कार्ड जो पड़े हैं!  In fact, आप सैलरी का एक बड़ा हिस्सा पिछले महीने के credit card bill के लिए ही बचा कर रखते हैं. और इस महीने की शुरुआत ही क्रेडिट कार्ड से खरीदारी के साथ करते हैं. इस तरह से आप हेमशा एक debt-trap में फंसे रहते हैं.
बेहतर तो होगा कि आप क्रेडिट कार्ड रखें ही नहीं, लेकिन अगर रखना भी है तो बस एक रखें और वो भी अपने वालेट में नहीं, और उसे सिर्फ और सिर्फ emergency में ही प्रयोग करें.

7. आप “ना” नहीं कर पाते!

As an individual आप पैसे की importance समझते हैं लेकिन आप अपने family members को “ना” नहीं कर पाते. आप अपने spouse के कहने पर कोई भी मूवी देखने चले जाते हैं…अपने बच्चे की जिद को भी “ना” नहीं कर पाते और महंगे-महंगे खिलौने खरीद लाते हैं.
ऐसे करके आप उन्हें आज कुछ खुशियाँ ज़रूर दे रहे हैं लेकिन आपको उन्ही की बेहतरी के लिए “ना” कहना सीखना चाहिए ताकि सिर्फ present नहीं future भी खुशियों से भरा रहे. और एक और कड़वी बात दिमाग में बैठा लीजिये अगर फ्यूचर में कभी पैसों की दिक्कत आई, तो आपके फॅमिली मेंबर्स उन सारे entertaining moments को भूल जायेंगे और कहीं न कहीं इस situation के लिए आपको ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
इसलिए अपनी और अपने परिवार की खुशियों के लिए आपको कभी-कभी “ना” कहना सीखना होगा.
फ्रेंड्स, अगर एक लाइन में कहूँ तो-

ज्यादा पैसा आपको और ज्यादा वो बना देता है जो आप पहले से हैं.

इसीलिए अधिक पैसे कमाना नहीं अपनों पैसों को सही से manage करना ही financial problem का solution है.
और अगर आप अभी तक ऐसा नहीं कर रहे थे तो कोई बात नहीं, past cannot be changed…लेकिन फ्यूचर को हेमशा बेहतर बनाया जा सकता है. और personal finance की इस series के माध्यम से मेरी पूरी कोशिश होगी कि मैं आपके साथ ऐसी बातें शेयर करूँ जो आपको financially sound बना सके.
जल्द मिलते हैं अगले article के साथ.
Thank You

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