Tuesday 24 October 2017

छठ पूजा की विधि इतिहास व रोचक तथ्य | Chhath Puja in Hindi

Chhath Puja in Hindi

छठ पूजा विधि इतिहास व रोचक तथ्य 

छठ पूजा मुख्यतः पूर्वी भारत में मनाया जाने वाला प्रसिद्द पर्व है। बिहार में प्रचलित यह व्रत अब पूरे भारत सहित नेपाल में भी मनाया जाने लगा है। इस पर्व को स्त्री व पुरुष समान रूप से मनाते हैं और छठ मैया से पारिवारिक सुख-समृद्धी तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। कई लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर भी यह व्रत उठाते हैं और आजीवन या जब तक संभव हो सके यह व्रत करते हैं।
Chhath Puja in Hindi
छठ पर्व दीपावली के छठे दिन मनाया जाता है। छठ पूजा में  निर्जला व्रत रहकर उगते और डूबते सूर्य की उपासना की जाती है। यह पर्व चार दिवस का होता है और इस दौरान साफ़-सफाई को विशेष महत्त्व दिया जाता है। कई जगहों पर छठ पूजा पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहले चैत्र ( March-April) माह में और उसके बाद कार्तिक (October – November) माह में, हालांकि कार्तिक माह में इस व्रत को करने का प्रचलन अधिक है।

छठ पूजा नामकरण इतिहास और अवधि

कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन इस व्रत को मनाये जाने के कारण इसका नाम ‘छठ’ पड़ा। यह चार दिवसीय व्रत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के दिन शुरू होता है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन इसका समापन होता है।

छठ पूजा के चार दिन का वृतांत

1. चतुर्थी – नहाय खाय: इस दिवस पर पूरे घर की सफाई कर के उसे पवित्र बनाया जाता है। उसके बाद छठ व्रत स्नान करना होता है। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण कर के शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत का शुभआरंभ करना होता है।
2. पंचमी – लोखंडा और खरना: इस दिवस पर पूरा दिन निर्जल उपवास करना होता है। और शाम को पूजा के बाद भोजन ग्रहण करना होता है। इस अनुष्ठान को खरना भी कहा जाता है। खरना का प्रसाद लेने के लिए आस-पड़ोस  के लोगों को भी बुलाया जाता है। प्रसाद में घी चुपड़ी रोटी, चावल की खीर बना सकते हैं।
3. षष्ठी – संध्या अर्ध्य: इस दिवस पर छठ का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद में चावल के लड्डू, फल, और चावल रूपी साँचा प्रसाद में शामिल होता है। शाम के समय एक बाँस की टोकरी या सूप में अर्ध्य सामग्री सजा कर व्रती, स परिवार अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पण करने घाट की और प्रयाण करता है, किसी तालाब या नदी किनारे व्रती अर्ध्य दान विधि सम्पन्न करता है। इस दिवस पर रात्रि में नदी किनारे मेले जैसा मनोरम दृश्य सर्जित होता है।
4. सप्तमी – परना दिन, उषा अर्ध्य: व्रत के अंतिम दिवस पर उदयमान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। जिस जगह पर पूर्व रात्री पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया था, उसी जगह पर व्रती (व्रतधारी) इकट्ठा होते हैं। वहीं प्रसाद वितरण किया जाता है। और सम्पूर्ण विधि स्वच्छता के साथ पूर्ण की जाती है।

छठ पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री 

  • दौरी या डलिया
  • सूप – पीतल या बांस का
  • नींबू
  • नारियल (पानी सहित)
  • पान का पत्ता
  • गन्ना पत्तो के साथ
  • शहद
  • सुपारी
  • सिंदूर
  • कपूर
  • शुद्ध घी
  • कुमकुम
  • शकरकंद / गंजी
  • हल्दी और अदरक का पौधा
  • नाशपाती व अन्य उपलब्ध फल
  • अक्षत (चावल के टुकड़े)
  • खजूर या ठेकुआ
  • चन्दन
  • मिठाई
  • इत्यादि

छठ पूजा के अन्य नाम

  • छठी माई की पूजा,
  • डाला छठ,
  • सूर्य सस्थी,
  • डाला पूजा छठ पर्व

छठ पूजा व्रत के महत्वपूर्ण नियम 

छठ पूजा से सम्बंधित कई नियम व मान्यताएं हैं, हालांकि, समय के साथ-साथ इन नियमों में बदलाव होते जा रहे हैं। आइये, हम छठ से  सम्बंधित प्रमुख नियम जानते हैं:
1. छठ पूजा के चार दिन घर पर मांस आहार, और लहसुन प्याज नहीं खाये जाते हैं।
2. इस व्रत के दौरान व्रतधारी व्यक्ति ज़मीन पर सोते हैं। और बिछौने में चटाई और ओढ़ने में कंबल प्रयोग करते हैं।
3. छठ पूजा में महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं।
4. छठ व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। व्रतधारी को इन चार दिनों में शारीरिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
5. छठ पूजा के दौरान अथवा यह पर्व आने वाला हों तब किसी करीबी सगे संबंधी का अवसान हो जाये तब उस वर्ष यह व्रत नहीं करना चाहिए।
6. छठ पूजा के पवित्र पर्व पर काम, क्रोध, मोह, और लोभ का त्याग कर के सुगम सात्विक आचरण करना चाहिए।
7. छठ व्रती बिना सिलाई वाले कपड़े पहनते हैं। जब की त्यौहार में शामिल व्यक्ति नए-नए वस्त्र धारण कर सकते हैं।
8. एक बार छठ पूजा व्रत का आरंभ करने के बाद उसे प्रति वर्ष निरंतर करना चाहिए, जब तक की आगे की पीढ़ी की विवाहित महिला व्रत करना आरंभ न कर दे।

छठ पूजा से जुड़े रोचक तथ्य


  • रामायण काल में श्री राम जब देवी सीता का स्वयंवर जीत कर अयौध्य लौटे थे तब उनका राज्यअभिषेक हुआ था। इस दिव्यप्रसंग के बाद श्री राम नें सीता सहित विधिवत कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर पूजा की थी। उस समय से इस पूजा का बड़ा महत्व है। 
  • महाभारत काल में जब द्यूतक्रीडा में पांडव अपना सर्वस्व हार चुके थे, तब द्रौपदी (पांचाली) नें इस पवित्र व्रत का अनुष्ठान किया था। 
  • अंगराज कर्ण सूर्य देव के परम भक्त थे। वह सूर्यदेव के औजस पुत्र भी थे। कर्ण प्रति दिन प्रातः काल घंटों तक पानी में कमर तक खड़े रह कर उनकी पूजा करते थे। इसी कारण सूर्य देव की उन पर विशेष कृपा भी रही थी। इस प्रसंग के बाद छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्यदान देने की परंपरा शुरू हुई थी।
  • सूर्यदेव को आरोग्य के देवता भी कहा जाता है। सूर्य की तेजस्वी किरणें कई प्रकार के रोग दोष नष्ट करने में सक्षम होती हैं। छठ पूजा सूर्योंपासना का एक रूप भी है।
  • उत्तर वैदिक काल के अंतिम कालखण्ड में सूर्य देव के मानवीय रूप की कल्पना की गयी है, इसी समय के बाद से उनकी मूर्ति पूजा होने लगी। और जगह जगह उनके मंदिर बने।

छठ पूजा की कथा


राजा प्रियवद निःसंतान थे। तब संतान प्राप्ति हेतु महर्षि कश्यप नें यज्ञ करा कर राजा प्रियवद की धर्म पत्नी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए तैयार की गयी खीर दी। इस खीर के प्रभाव से उन्हे एक पुत्र उत्पन्न हुआ। परंतु उनका पुत्र मृत पैदा हुआ था। इस दुखद घटना के शोक में लीन प्रियवद अपने मृत पुत्र को गोद में ले कर शमशान गए। और पुत्र वियोग में स्वयं के प्राण त्यागने की चेष्ठा करने लगे।
Chhath Puja in Hindi छठ मैया
छठ मैया की जय
उस समय ईश्वर की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं, उन्होने कहा कि-

श्रृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी देवी कहलाती हूँ।

फिर उन्होने राजा प्रियवद को अपनी पूजा करने और अन्य लोगों को इस के लिए प्रेरित करने को कहा। इसी घटना के बाद प्रियवद नें कार्तिक माह की शुक्ल षष्ठी को पूजा की थी और पुत्र-रत्न प्राप्त किया था।

छठ पूजा विशेष

इस पवित्र व्रत को निरंतर करने से जीवन में सुख-संपत्ति और शांति मिलती है तथा यश, पुण्य और किर्ति का उदय होता है। पाप नष्ट होते हैं, दुर्भाग्य योग समाप्त होता है। निसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति होती है। प्रत्यक्ष देवता सूर्य की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
वर्ष 2017 में छठ पूजा मंगलवार 24 अक्टूबर से ले कर शुक्रवार 27 अक्टूबर तक होगी।
आप सभी को छठ पूजा की अग्रिम शुभकामनाएं।
MUST READ:


Key words : Accountable, Accuracy, Adaptability, Adept, Alertness, Ambition, Amiability, Analytical, Articulate, Assertive, Attentiveness, Businesslike, Capable, Caring, Competence, Confidence, Conscientiousness, Considerate, Consistency, Cooperation, Creative, Critical thinking, Dedication, Dependability, Detail oriented, Determination, Diplomatic, Efficiency, Empathy, Encouraging, Energy, Enterprising, Ethical, Experienced, Flexibility, Hardworking, Helpfulness, Honesty, Imaginative, Independent, Industriousness, Influence, Innovation, Insightful, Interpersonal, Intuitive, LeadershipLife skillsLogical thinking, Loyal, ManagementMotivationNonverbal communication, Optimism, Organizational, Passion, Patience, Perceptive, Perseverance, Positive, Practical, Problem solving, Productive, Professional, Progressive, Punctual, Rational, Realistic, Reflective, Reliable, Resourceful, Respectful, Responsible, Sense of humor, Sincere, Sociable, Teachable, Teaching, Teamwork, Technical Literacy, Tolerance, Training, Trustworthy, Understanding, Verbal, communication, Versatility, Visionary, Work ethic, Acknowledging Others, Active Listening, Advising, Collaboration, Commitment, Communication, Community Building, Confidence, Confidence Building, Conflict Management, Contributing, Cooperation, Coordination, Creativity, Creative ThinkingCritical Thinking,  Defining Problems, Dependable, Dependability, Encourage, Encouragement, Expanding Ideas, Flexibility,  Give Feedback, Goal Setting, Guide, Group Decisions, Group Decision Making, Hearing Concerns,  Helpfulness, Helping, Honesty, Idea Exchange, Influencing, Interpersonal, Interpreting, Language, Lead, Leadership,Listening, Logic, Logical Argument, Logical ThinkingManagement, Mediation, MotivationMultitaskingNegotiatingNonverbal Communication, Opinion Exchange, Oral Communication, Participation, Patience, Perform Tasks, Persuading, Positive Attitude, Problem Solving, Questioning, Receive Feedback,  Relationship Building, Reliable, Research, Respect, Respectful, Responsibility, Sharing Credit, Support, Supportive, Team Building, Team Building Activities, Team Management, Team Oriented, Team Player, Tact, Task Management, Teaching, Trust, Understanding Feelings, Verbal Communication, Visual Communication, Written Communication, Adaptability to changing circumstances, Addressing behavior which disrupts group harmony, Assessing group progress, Brainstorming strategies and solutions freely, Coaching, CollaborationCommunicationConflict Resolution, Cooperation by managers of departments comprising cross functional teams, Cultivating positive group leaders, Decision Making, Defining work roles clearly, Delegating tasks to appropriate members, Drawing consensus around goals and strategies, Encouraging input from reticent members, Establishing group norms, Facilitating group discussion, Hiring team oriented staff, Identifying the strengths and weaknesses of team members, InterpersonalLeadership, Mentoring new members, PersuasiveProblem Solving, Providing feedback, Recognizing and rewarding group achievements, Recording and disseminating team solutions, Responding to constructive criticism, Setting expectations, Terminating chronically unproductive team members, Training, Verbal communication, Adaptability, Analytical, Apologizing, Asking for help, Assertiveness, Body language, Communication, Confidence building, Conflict management, Cooperation, Coping, Creative thinking, Critical thinking, Decision making, Emotional intelligenceEmpathy, Etiquette, Flexibility, Focus, Giving and receiving feedback, Handling criticism, Independence, Influence, Information technology, Interpersonal, Leadership, Listening, Literacy, Mindfulness, Negotiating, Networking, Numeracy, Organization, Presentation skills, Prioritization, Problem solving, Professionalism, Public speaking, Recognizing diversity, Resilience, Respect, Self-awareness, Teamwork, Time management, Timeliness, Verbal communication, Willingness to learn, Success, Money, Inspiration, Hard work, Sympathy, Emotion, Blogs, Blogger, India top blogger, India best blogger, self improvement, Personal Development, Positive thinking, mother Teresa, Shiv khera, Sandeep maheswari, Vivekanand, Ramkrishna Paramhansa, Ajit vadakayil, Study Hard, 

No comments:

Post a Comment