Retirement Planning in Hindi
सेवानिवृत्ति योजना
MBA की क्लास में मेरे प्रोफेसर ने एक बड़ी ही interesting बात कही, उन्होंने कहा-
जल्दी मरना जितना बड़ा रिस्क है उतना ही बड़ा रिस्क है लम्बा जीना!
जब हर कोई एक लम्बी ज़िन्दगी चाहता है तब भला उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
आइये आज रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़े इस लेख में हम इस बात को समझने की कोशिश करते हैं और accordingly अपने कल को सुरक्षित करने के लिए आज से ही इसकी तैयारी करते हैं.
फ्रेंड्स, आज़ादी के समय भारत में life expectancy सिर्फ 32 साल थी.
यानी, 1947 में भारत में जन्मे किसी व्यक्ति का संभावित जीवन काल बस 32 वर्ष का होता था. पर अब यह आंकड़ा करीब 70 साल का है. और ध्यान रहे कि ये पूरे भारत का औसत है जिसमे करोड़ों ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास नहीं के बराबर स्वास्थय सुविधाएं हैं. अगर सिर्फ well-off या middle class families की बात की जाए तो निश्चित ही ये आंकड़ा 80 साल के आस-पास पहुँच जाएगा.
इसका क्या मतलब है?
इसका ये मतलब है कि हम अपनी working life, जो करीब 60 साल तक की होती है, के बाद भी 20 साल की ज़िन्दगी जी रहे होंगे!
रिटायर्ड लाइफ के बीस साल…. ये life का एक ऐसा phase है जो किसी के लिए golden हो सकता है तो किसी के लिए burden, depending upon कि उसने अपने working years में रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे की थी और अब उसके पास बाकी की ज़िन्दगी काटने के लिए कितने पैसे हैं?
अब शायद आप मेरे प्रोफेसर साहब की बात समझ पा रहे होंगे… अगर आपने एक proper retirement planning नहीं की है तो लम्बा जीना एक बहुत बड़ा रिस्क हो सकता है!
तो सवाल उठता है कि-
हमारे पास रिटायरमेंट के समय कितने रुपये का corpus होना चाहिए ताकि हम comfortably retire हो सकें?
ये पता करना थोड़ा complex है क्योंकि ये कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि-
- Inflation rate या महंगाई दर क्या है
- हम कितने साल में रिटायर हो रहे हैं
- हमारी liability क्या-क्या है
- After retirement हमारे sources of income क्या-क्या हैं, जैसे कि interest on investment, rental income, etc
इसलिए हर किसी के लिए adequate retirement corpus का अमाउंट अलग-अलग आएगा! लेकिन अगर हम थोड़ी सी calculation करें तो हम पता कर सकते हैं कि रिटायरमेंट के समय हमारे पास कितना फण्ड होना चाहिए!
Luckily, हमारे पास Reliance Mutual Fund की साईट पे एक calculator भी मौजूद है जो हमारा काम काफी आसान बना देता है.
तो आइये step by step जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी हमें अपनी मौजूदा life style को मेन्टेन करने के लिए कितने रुपये का रिटायरमेंट कॉर्पस चाहिए होगा-
Step 1:सबसे पहले आप अपने खर्चों का एस्टीमेट बनाइये:
आप औसतन हर महीने कितने रुपये खर्च कर देते हैं. खर्चे में आप इन सभी चीजों को include करें:
- खान-पान
- मनोरंजन
- इंश्योरेंस
- बिजली बिल
- स्वास्थ्य
- किराया
- वैकेशन
- टैक्स
- इत्यादि
जो expenses साल में एक बार होते हैं आप उनको 12 से डिवाइड कर उनकी मंथली कॉस्ट निकाल लें. जैसे कि मोटर इंश्योरेंश, tourism expenses, etc.
मान लीजिये सभी खर्चों का monthly-average 30,000 रु आता है, मतलब अगर आप आज रिटायर हो रहे होते तो आपको अपनी current lifestyle मेन्टेन करने के लिए हर महीने कम से कम 30,000 रूपये चाहिए होते!
Step 2: पता करिए कि रिटायरमेंट के समय आपका मंथली एक्सपेंस क्या होगा
Step 1 में जो आपने कैलकुलेट किया वो आज की डेट में आपका monthly expense है, लेकिन आप तो अभी बस 30 साल के हैं और आपको 60 की age में, यानी 30 साल बाद रिटायर होना है.
तो सवाल उठता है कि 30 साल बाद आपका सालाना expense क्या होगा? इसका पता लगाने के लिए आपको महंगाई दर ( inflation rate) को apply करना होगा.Inflation के कारण 30 साल बाद आज जो पैसे की कीमत है वो घट जायेगी, जो मूवी आज हम 200 रु में देख लेते हैं वही मूवी देखने के लिए 30 साल बाद हमें 1500 रु खर्च करने पड़ सकते हैं.
Historically, इन्फ्लेशन रेट 6% के आस-पास रही है. अगर हम इसे ही अगले 30 साल का एवरेज मान लें तो 30 साल बाद हमारा मासिक खर्च हो जाएगा:
Rs. 1,80,677 ( करीब एक लाख अस्सी हज़ार रुपये)
यानी आपको साल का 1,80,677 x 12= 2168124 रु चाहिए होगा.
Step 3: रिटायरमेंट के समय जो yearly income चाहिए उसे generate करने के लिए required corpus पता करें:
अब ये सोचिये कि अगर आपको हर साल 2168124 रु चाहिए तो इसके लिए आपके पास कितना बड़ा कॉर्पस होना चाहिए जिसका interest आपको yearly इक्कीस लाख अड़सठ हज़ार रुपये दे सके!
रिटायरमेंट के बाद अगर हम primarily secured investment करें और मान कर चलें कि हमें सालाना 8% का रिटर्न मिल रहा है तो हमारा कॉर्पस इतना बड़ा होना चाहिए कि उसका 8% इंटरेस्ट हर साल हमें 2168124 रु दे सके.
So, let us use the Simple Interest formula
Simple Interest = Principal*Rate of Interest*Time(years)/100
2168124= (Principal*8*1)/100
इसलिए Principal= 27101550 (2 करोड़ 71 लाख रुपये). यानी अगले 30 साल में हमें रिटायर होने के लिए करीब दो करोड़ इकहत्तर लाख रुपये चाहिए होंगे!
क्या आपने पहले कभी ये कैलकुलेशन की थी? की थी तो बहुत अच्छा नहीं की थी तो आज इस पर ज़रूर ध्यान दीजिये!
अब सवाल उठता है कि अगर आप अगले 30 सालों में इतना बड़ा कॉर्पस जुटाना चाहते हैं तो आपको क्या करना होगा?
सिर्फ एक चीज —- निवेश
जी हाँ, आपको आज से ही पैसे बचाने होंगे और उसे best possible financial instruments में इन्वेस्ट करना होगा.
अगर आप ऊपर के नंबर्स को देख कर डर गए हैं तो नीचे दिए नंबर शायद आपको कुछ रिलेक्स कर पाएं.
30 साल में दो करोड़ इकहत्तर लाख कर टारगेट अचीव करना इतना मुश्किल नहीं है, क्योंकि समय आपके साथ है.
अगर आप हर महीने सिर्फ 12000 रुपये निवेश करें और on an average आपको 10% का return मिले तो अगले 30 सालों में आपके पास 2.71 करोड़ रूपये जमा हो जायेंगे.
यहाँ मैं आपसे एक और interesting calculation share करना चाहूँगा.
Suppose करिए आप ये सोचते हैं कि चलो अभी तो retirement में 30 साल हैं, अभी थोड़ी मौज-मस्ती कर लेता हूँ और बाद में सेविंग करूँगा….और इस philosophy के चलते आप 40 साल की उम्र में सेविंग करना शुरू करते हैं… जानते हैं 60 साल की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते 2.71 करोड़ का आंकड़ा छूने के लिए अब आपको monthly कितना invest करना पड़ता?
लगभग 36000 रुपये.
कहाँ तीस की उम्र में 12000 और कहाँ चालीस की उम्र में 36000!
I hope, retirement planning पर यह पोस्ट उन लोगों के लिए एक eye-opener का काम करेगी जो अभी तक इस ज़रूरी विषय को नज़रंदाज़ करते आ रहे हैं.
Personal finance के अगले लेख के साथ आपसे जल्द मुलाक़ात होगी.
Thank You!
Gopal Mishra
Gopal Mishra
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