Alcohol Addiction Symptoms and Treatment in Hindi
शराब की लत के लक्षण व छोड़ने के उपाय
शारीरिक या मानसिक रूप से जब कोई व्यक्ति किसी चीज पर आश्रित हो जाता है तो उस स्थिति को लत या Addiction कहते हैं। लत अनेक चीजों से हो सकती है जैसे – स्मैक, हैरोइन, चरस, गांजा, शराब, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, जर्दा आदि। आज कल कुछ नए ऐडिक्शन- इन्टरनेट, Whatsapp एवं फेसबुक के अनियंत्रित दुरुपयोग के रूप में भी हमारे सामने आ रहे हैं, जो काफी घातक है।
शराब की लत – (Alcohol addiction in hindi ) –
शराब की लत एक गम्भीर बीमारी है। जिसने समाज को बहुत खतरनाक तरीके से जकड़ लिया है। शराब की लत के शिकार लोगों को शराब ना मिलने पर वे अत्यंत व्याकुल हो जाते हैं। शराब के नशे के लिय तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। झूठ बोलना, नशे के लिय चोरी करना तथा आपराधिक कार्य करने में भी नही हिचकते हैं।
लोग शराब का सेवन कई प्रकार से करते हैं। कुछ लोग नियंत्रित मात्रा में उचित तरीके से पीते हैं । इनके शराब पीने से किसी को कोई परेशानी भी नही होती है। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगो के लिए शराब जिन्दगी की बहुत बड़ी समस्या बन जाती है शराब पर उनका कोई नियंत्रण नही होता है बल्कि शराब का उनकी जिन्दगी पर पूरा नियंत्रण हो जाता है। इनकी जिन्दगी में शराब ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण वस्तु बन जाती है। शराब की वजह से उनकी जिन्दगी में अनेक शारीरिक, मानसिक परेशानियाँ खड़ी हो जाती हैं लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद व्यक्ति शराब नही छोड़ पाता है। यही शराब का सबसे बड़ा दुर्गुण है।
शराब की लत के कारण / alcohol addiction causes in hindi –
शराब सेवन करने के अनेक कारण हैं जो निम्नानुसार हैं –
1.शौकिया
बहुत से लोग शौक-शौक में, जिज्ञासा वश या दोस्तों के दबाव के कारण शादी-विवाह में पी लेते हैं। इनमे से कईयों को तो दुबारा पीने की जरुरत ही नहीं पड़ती है। किन्तु कई लोगों का शौक कब आदत में बदल जाता है और आदत कब लत में बदल जाती है। उन्हें पता ही नही चलता और जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
2. आनुवंशिकता
यदि माता-पिता में से कोई शराबी है तो बच्चे में शराब की लत के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं।
3. वातावरण एवं माहौल
घर का माहौल भी शराब की लत में बड़ी भूमिका निभाता है। यदि घर के सदस्य शराब पीते हैं और घर के आस पास का वातावरण या आस- पड़ोस भी ऐसा ही है तो बच्चा इन्हें देख कर ही बड़ा होता है जिससे बच्चे में शराब की लत के चांसेज बढ़ जाते हैं।
4. शराब की आसानी से उपलब्धता एवं शराब का सस्ता होना
हमारे देश में जहाँ दूध और पानी जैसी आवश्यक वस्तुओं का मिलना मुश्किल होता जा रहा है वहीं शराब का मिलना आसान है जो Alcohol Addiction की सम्भावना को बढ़ाता है। हाल ही में बिहार सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबन्ध लगाना इस दिशा में एक अच्छा कदम है। अन्य राज्यों को भी ऐसा ही करना चाहिए।
5 . मानसिक तनाव एवं डिप्रेशन
बहुत से लोग शराब को जिन्दगी की टेंशन और बोरियत दूर करने के लिए एक जरिया मान लेते हैं। लेकिन एक समय ऐसा आता है जब शराब ही उनकी जिन्दगी की सबसे बड़ी टेंशन बन जाती है।
6. शराब का सेवन early age में शुरु करना –
जो व्यक्ति जितनी कम उम्र में शराब पीना शुरू करता है उसके एडिक्ट होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
7 . शराब का प्रचार
टी.वी आदि के विज्ञापनों के माध्यम से जब कोई व्यक्ति अपने फेवरेट हीरो आदि को शराब का आकर्षक रूप में विज्ञापन करते हुए देखता है तो वह नशे के प्रति आसानी से आकर्षित हो जाता है। शराब कम्पनियाँ अगर directly इसका ऐड नहीं कर पातीं तो वे music cds, और soda के बहाने अपना ब्रांड प्रोमोट करती हैं और लोगों को alcohol consumption के लिए लुभाती हैं।
अत्यधिक शराब पीने के नुकसान / Harmful effects of alcohol addiction in Hindi
शराब कम मात्रा में लेने पर शुरू-शुरू में mood को अच्छा करती है। कुछ लोग शराब पीने के पक्ष में यह तर्क देते हैं की दो पैग पीने के लिए तो Doctor भी सलाह देते हैं। लेकिन दोस्तों कितने लोग है जो काफी समय बाद भी दो पैग पीने पर ही सीमित रहते है? हकीकत ये है कि कब दो पैग…. चार पैग में…. चार पैग क्वार्टर में और…. क्वार्टर बोतल में परिवर्तित हो जाते हैं पता ही नही चलता है और शराब के अत्यधिक एवं अनियंत्रित रूप में सेवन करने से अनेक शारीरिक, मानसिक,आर्थिक एवं सामजिक नुकसान होना शुरू हो जाते हैं जो निम्नानुसार हैं:
1 . शारीरिक नुकसान
शराब के अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से acidity, पेट में अल्सर, लीवर में सूजन (Hepatitis), लीवर शिरोसिस (Liver Cirrhosis), उच्च रक्तचाप (Hypertension), धमनी काठिन्यता, डायबिटीज, तथा ह्रदय रोग की सम्भावना बढ़ जाती है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इससे मुँह, अन्न नलिका, पेट व pancreas के कैंसर की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
2 .पारिवारिक कलह
शराब का अनियंत्रित सेवन पारिवारिक माहौल को खराब करता है पति-पत्नी में झगड़े बढ़ जाते हैं, शराब के नशे में व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता है और पड़ोसियों के साथ सम्बन्ध खराब कर लेता है।
4. सामजिक एवं आर्थिक क्षति
शराबी व्यक्ति के कार्यस्थल पर परेशानियां होना शुरू हो जाती हैं। स्कूल एवं कॉलेज में उपस्थिति घट जाती है। पुराने दोस्त छूट कर नये शराबी दोस्त बन जाते हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाना अनेक गम्भीर दुर्घटनाओं को अंजाम देता है व्यक्ति खुद की और दुसरो की जिन्दगी के लिए भी खतरा बन जाता है।
कार्यक्षमता में कमी आ जाती है। समाज में मान-सम्मान घट जाता है। लोग कटने लग जाते हैं। Alcoholic व्यक्ति के बच्चों के शादी विवाह में परेशानियां आती है। पुलिस द्वारा शराब के नशे में कानून तोड़ने के जुर्म में arrest करने की घटनाएँ घटती हैं। शराब के नशे में चोरी करना, झूठ बोलना, तथा अन्य आपराधिक कृत्यों को बढ़ावा मिलता है।
व्यक्ति अपने काम धंधे से विमुख हो जाता है। उसकी सुबह शराब के साथ शुरुआत होती है और रात भी शराब के नशे में डूबे हुए ही बीतती है। अपने काम धंधे पर ध्यान ना देने से धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति खराब होना शुरू हो जाती है। और आखिर में स्थिति यह आ जाती है की व्यक्ति सब कुछ बेचकर भी शराब की बोतल खरीदने को तैयार दिखाई देता है।
महात्मा गांधी ने शराब के सम्बध में कितना सुंदर कथन कहा है –
शराब की लत शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आर्थिक रूप से मनुष्य को बर्बाद कर देती है एवं शराब के नशे में मनुष्य दुराचारी बन जाता है.
शराब की लत के लक्षण / Symptoms of alcohol addiction in Hindi
अक्सर शराब पीने वाला व्यक्ति यह स्वीकार नही करता है कि शराब उसके लिए जिन्दगी की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। बल्कि वह अपनी जिन्दगी में होने वाली परेशानियों की वजह अन्य व्यक्तियों या परिस्थितियों को ही बताता है।
निम्न लक्षणों को देख कर एवं CAGE Questionnaire द्वारा आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं की व्यक्ति शराब पर पूरी तरह dependent हो गया है या वह शराब की लत का पूरी तरह से शिकार हो चुका है।
1. उतने ही नशे के लिए अधिक शराब की आवश्यकता होना
व्यक्ति को अब शराब की उतनी मात्रा से नशा नही होता है जितनी मात्रा में पहले हो जाता था। अब उससे नशा प्राप्त करने के लिए शराब की ज्यादा मात्रा लेनी पड़ती है। इस तरह शराब की मात्रा दो से चार पैग, क्वार्टर और फिर कब बोतल में बदल जाती है पाता ही नहीं चलता है।
2. शराब छोड़ने पर गंभीर समस्याओं का होना ( Withdrawal symptoms of alcohol ) –
व्यक्ति को यदि किसी वजह से शराब ना मिल पाए या कुछ समय के लिय छोडनी पड़ जाए तो –
- बेचैनी
- घबराहट
- चिडचिडापन
- हाथ पैर कांपना
- नींद ना आना
- अत्यधिक थकान महसूस करना
- काम में जी ना लगना जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं।
- गम्भीर स्थिति में दौरे पड़ना, Confuse होना, बेहोशी आना एवं Heart attack भी हो सकता है।
3. मात्रा कम करने में असफल होना ( feeling cut down to alcohol ) –
यदि रोगी काफी कोशिश के बाद भी शराब की मात्रा कम करने में असफल रहता है तो ये शराब की लत का लक्षण दर्शाता है।
4. नियमित रूप से शराब पीना
शराब की लत का शिकार व्यक्ति (alcoholic) यह जानते हुए भी की शराब उसके लिए अत्यंत नुकसानदायक साबित हो रही है उसकी अनेक शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामजिक परेशानियों का कारण बन रही है। फिर भी वह लगातार शराब का सेवन करने को मजबूर रहता है ।
किसी शायर ने क्या खूब कहा है –
कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए,हम तो पीते हैं क्योंकि पीनी पड़ती है।
5. शराब पीने की आदत के कारण शर्मींदगी महसूस करना
6. शराब के विषय में दुसरे लोगों द्वरा टोके जाने पर गुस्सा होना
7. सुबह की शुरुआत शराब के साथ करना
एक स्थिति ऐसी आती है जब व्यक्ति रात के hangover को दूर करने के लिए बिना कुल्ला मंजन किये ही शराब पीना शुरू कर देता है यह अत्यंत घातक स्तिथि है। उपरोक्त लक्षणों में से जितने ज्यादा लक्ष्ण रोगी में मिलते है। उसकी स्थिति उतनी ही गम्भीर मानी जाती है।
शराब छोड़ने के उपाय / Ways to quit Alcohol Addiction in Hindi
यदि कोई व्यक्ति शराब का नियमित सेवन नही करता है, कम मात्रा में सेवन करता है एवं शराब सेवन करते हुए ज्यादा समय भी नही हुआ है किन्तु शराब की वजह से उसके घर एवं कार्य स्थल पर परेशानियां होने लगी हैं और व्यक्ति शराब छोड़ने हेतु highly motivated है तो वह शराब छोड़ने में सक्षम हो सकता है।
1. शराब छोड़ने का पक्का निश्चय करें।
2. उन परिस्थितियों एवं दोस्तों की संगति से बचें जो शराब सेवन को बढ़ावा देते हैं।
3. शराब की खाली बोतलें, कैन आदि घर से बाहर फेंक दें।
4. जब Drink करने की सम्भावना लगे उस समय पहले ही खाना खालें।
5. पानी एवं अन्य तरल पदार्थो का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
6. Healthy Diet एवं Lifestyle को अपनायें – खान पान में दूध, दही, छाछ, फल, हरी सब्जियाँ, अंकुरित अन्न, जूस आदि शामिल करें। नियमित रूप से सुबह शाम घूमना शुरू करें। योग ,व्यायाम, प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें।
7. रूटीन बदलें – यदि काम खत्म करने के बाद शाम को शराब पीने की आदत है तो काम खत्म करने के बाद माता पिता, भाइयों एवं ऐसे लोगो से मिलने जाएं जहाँ शराब पीकर नही जा सकते हैं। अपने इष्ट के दर्शन करने धार्मिक स्थल पर जा सकते हैं।
8. हार ना मानें – यदि नशा छोड़ने में असफलता मिले तो पुनः कोशिश करें।डॉ.हरिवंश राय बच्चन जी की इन पंक्तियों को हेमशा याद रखें:
कोशिस करने वालों की हार नहीं होतीलहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ।
9. शराब का नशा छुड़ाने में उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ / Sharab ki lat chodne ke Ayurvedic Upay
गुल बनफशा, निशोथ, कुटकी, गिलोय, कालमेध, एलोवेरा, आंवला, हरड, अर्जुन, ब्राह्मी, असगंध, शतावरी, सौंफ, इलायची, तुलसी, नीम, चिरायता जैसी जड़ी बूटियाँ शराब के नशे की तलब को कम करने में उपयोगी हैं। साथ ही शराब छोड़ने में उत्पन लक्षणों को कम करती हैं। इन्हें रोगी की शारीरिक, मानसिक एवं नशे की मात्रा की स्तिथि के अनुसार चिकित्सक की देख रेख में ही लिया जा सकता है।
10. सेब का जूस, करेले का जूस, खजूर, शिमला मिर्च, अजवायन, सौंफ आदि शराब की तलब को कम करती हैं। किन्तु इनके साथ शराब का सेवन नही करना चाहिय।
शराब की लत छुडाने के कुछ आजमाए हुए घरेलू उपाए / Home remedies for alcohol addiction in Hindi
उपाय #1: शराब का आदी व्यक्ति हमेशा अपनी जेब में किशमिश के दाने रखे और जब कभी पीने की इच्छा हो तो 2-3 दाने मुंह में दाल के धीरे-धीरे चूसे इससे शराब पीने की इच्छा कम होगी और व्यक्ति का ध्यान शराब से हट कर कहीं और चला जाएगा.
उपाय #2:खजूर के दानों को पत्थर पर घिस लें और इन्हें पानी में मिलाकर एक रस तैयार कर लें. दिन भर में २-३ बार इस रस का सेवन करने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है.
उपाय #3: लगभग 250 ग्राम अजवाइन को 4-5 लीटर पानी में दो दिन के लिए भिगो दें. इसके बाद धीमी आंच पर इस घोल को पकाना शुरू करें और जब तक ये घट कर १ लीटर नहीं हो जाता ऐसे ही पकाते रहे. फिर ठंडा होने पर इसे एक साफ़ बोतल में भर कर रख लें. जब भी व्यक्ति को शराब पीने की तलब हो इस मिश्रण को 4-5 चम्मच पिला दें. ऐसा नियमित रूप से करने से अल्कोहल एडिक्शन छूट जाता है.
उपाय #4:अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और उसमे नीम्बू नीचोड़ लें और थोड़ा सा काला नामक मिला कर इसे धूप में अच्छी तरह सुखा लें. इन टुकड़ों को हमेशा अपने जेब में रखें और जब कभी दारु पीने की इच्छा हो या बीडी, सिगरेट, तम्बाकू खाने की तलब हो तो अदरक का एक टुकड़ा निकालिए और मुंह में दाल कर चूसते रहिये. ऐसा करने से कई लोग शराब और अन्य बुरी लतों को छोड़ पाए हैं.
शराब की लत की चिकित्सा / Alcohol addiction Treatment in Hindi
शराब की चिकित्सा में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा सामान्यतया निम्न स्टेप लिए जाते हैं –
1. शराब छोड़ने पर होने वाले लक्षणों की चिकित्सा / Detoxification
लम्बे समय तक एवं अधिक मात्रा में नियमित रूप से शराब सेवन के बाद शराब छोड़ने पर अनेक परेशानियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। जिन्हें withdrawal symptoms कहते हैं एकदम से शराब छोड़ने पर हाथ-पैर कांपना, पसीना आना, जी घबराना, बेचैनी होना, भूख ना लगना ,नींद ना आना जैसी परेशानियाँ तो होती ही हैं। गंभीर स्तिथि में कई बार इनके साथ-साथ दौरे पड़ना, बेहोशी होना, Confusion जैसे गम्भीर लक्षण भी हो जाते हैं। ऐसी स्तिथि में विशेषज्ञ चिकित्सक के अधीन रहकर ही चिकित्सा की जाती है। इसके लिए चिकित्सक अनेक प्रकार की दवाइयाँ, ड्रिप आदि के माध्यम से रोगी को देते हैं।
2. सलाह एवं व्यवहार चिकित्सा / Counselling and behavioural therapy
विड्रावल लक्षण कम होने के बाद विशेषज्ञ की देख रेख में रोगी की counselling की जाती है क्योंकि व्यक्ति को शराब के साथ जीने की आदत पड़ जाती है। व्यवहार में अनेक नकारात्मक परिवर्तन आ जाते हैं। रोगी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेता है। इससे रोगी में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाता है।
3. नशा मुक्ति सेंटर में भर्ती करना / Rehabilitation
जब alcoholic व्यक्ति काफी कोशिस करने के बाद भी शराब नहीं छोड़ पाता है तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख रेख में De-addiction centre में भर्ती करके चिकित्सा की जाती है और चिकित्सा के दौरान व्यक्ति वहीँ रहता है। नशा मुक्ति विशेषज्ञ ज्यादातर निम्न कारणों से शराब एवं नशे की लत के शिकार व्यक्ति को Rehab centre में admit करते हैं –
- जब शराब व्यक्ति की जिन्दगी पर पूरी तरह नियन्त्रण कर लेती है। रोगी शराब के लिए दी गई दवा और शराब दोनों का एक साथ सेवन करना शुरू कर देता है।
- एकाएक शराब छोड़ने पर गम्भीर withdrawal लक्षण शुरू होने का डर रहता है। जैसे दौरे आना , बेहोशी आना, confusion आदि।
- अधिक मात्रा में एवं लम्बे समय तक अनियंत्रित रूप से शराब सेवन करने के कारण शरीर के ह्र्दय ( Heart ), गुर्दे ( Kidney ), लीवर ( Liver ) जैसे अंगो पर अत्यंत नकारात्मक असर हो गया हो।
- यदि रोगी को उच्च रक्तचाप ( Hypertension ), ह्रदय रोग और डायबिटीज आदि की समस्या हो या मानसिक रोग हो।
- रोगी को पारिवारिक माहौल से अलग रखने की जरूरत हो, साथ ही नियमित रूप से individual एवं group therapy की जरुरत हो।
धन्यवाद
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Key words : Accountable, Accuracy, Adaptability, Adept, Alertness, Ambition, Amiability, Analytical, Articulate, Assertive, Attentiveness, Businesslike, Capable, Caring, Competence, Confidence, Conscientiousness, Considerate, Consistency, Cooperation, Creative, Critical thinking, Dedication, Dependability, Detail oriented, Determination, Diplomatic, Efficiency, Empathy, Encouraging, Energy, Enterprising, Ethical, Experienced, Flexibility, Hardworking, Helpfulness, Honesty, Imaginative, Independent, Industriousness, Influence, Innovation, Insightful, Interpersonal, Intuitive, Leadership, Life skills, Logical thinking, Loyal, Management, Motivation, Nonverbal communication, Optimism, Organizational, Passion, Patience, Perceptive, Perseverance, Positive, Practical, Problem solving, Productive, Professional, Progressive, Punctual, Rational, Realistic, Reflective, Reliable, Resourceful, Respectful, Responsible, Sense of humor, Sincere, Sociable, Teachable, Teaching, Teamwork, Technical Literacy, Tolerance, Training, Trustworthy, Understanding, Verbal, communication, Versatility, Visionary, Work ethic, Acknowledging Others, Active Listening, Advising, Collaboration, Commitment, Communication, Community Building, Confidence, Confidence Building, Conflict Management, Contributing, Cooperation, Coordination, Creativity, Creative Thinking, Critical Thinking, Defining Problems, Dependable, Dependability, Encourage, Encouragement, Expanding Ideas, Flexibility, Give Feedback, Goal Setting, Guide, Group Decisions, Group Decision Making, Hearing Concerns, Helpfulness, Helping, Honesty, Idea Exchange, Influencing,Interpersonal, Interpreting, Language, Lead, Leadership, Listening, Logic, Logical Argument, Logical Thinking, Management, Mediation, Motivation, Multitasking, Negotiating, Nonverbal Communication, Opinion Exchange, Oral Communication, Participation, Patience, Perform Tasks, Persuading, Positive Attitude, Problem Solving, Questioning, Receive Feedback, Relationship Building, Reliable, Research, Respect, Respectful, Responsibility, Sharing Credit, Support, Supportive, Team Building, Team Building Activities, Team Management, Team Oriented, Team Player, Tact, Task Management, Teaching, Trust, Understanding Feelings, Verbal Communication, Visual Communication, Written Communication, Adaptability to changing circumstances, Addressing behavior which disrupts group harmony, Assessing group progress, Brainstorming strategies and solutions freely, Coaching, Collaboration, Communication, Conflict Resolution, Cooperation by managers of departments comprising cross functional teams, Cultivating positive group leaders, Decision Making, Defining work roles clearly, Delegating tasks to appropriate members, Drawing consensus around goals and strategies, Encouraging input from reticent members, Establishing group norms, Facilitating group discussion, Hiring team oriented staff, Identifying the strengths and weaknesses of team members, Interpersonal, Leadership, Mentoring new members, Persuasive, Problem Solving, Providing feedback, Recognizing and rewarding group achievements, Recording and disseminating team solutions, Responding to constructive criticism, Setting expectations, Terminating chronically unproductive team members, Training, Verbal communication, Adaptability, Analytical, Apologizing, Asking for help, Assertiveness, Body language, Communication, Confidence building, Conflict management, Cooperation, Coping, Creative thinking, Critical thinking, Decision making, Emotional intelligence, Empathy, Etiquette, Flexibility, Focus, Giving and receiving feedback, Handling criticism, Independence, Influence, Information technology, Interpersonal, Leadership, Listening, Literacy, Mindfulness, Negotiating, Networking, Numeracy, Organization, Presentation skills, Prioritization, Problem solving, Professionalism, Public speaking, Recognizing diversity, Resilience, Respect, Self-awareness, Teamwork, Time management, Timeliness, Verbal communication, Willingness to learn, Success, Money, Inspiration, Hard work, Sympathy, Emotion, Blogs, Blogger, India top blogger, India best blogger, self improvement, Personal Development, Positive thinking, mother Teresa, Shiv khera, Sandeep maheswari, Vivekanand, Ramkrishna Paramhansa, Ajit vadakayil, Study Hard,
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