Wednesday 27 December 2017

हाइपरथायरायडिज्म में क्या खाएं क्या ना खाएं ?


Food Diet For Hyperthyroidism in Hindi

हाइपरथायरायडिज्म में क्या खाएं क्या ना खाएं ?

Food Diet For Hyperthyroidism in Hindi
AchhiKhabar.Com पर हम आपसे पहले ही थायराइड के लक्षण कारण व उपचार के बारे में बात कर चुके हैं. इसी कड़ी में आज हम आपसे हाइपरथायरायडिज्म; जिसके प्रमुख लक्षण गले में सूजन या लम्प का दिखयी देना और वजन का घटना है, के दौरान क्या खाएं – क्या ना खाएं पर बात करेंगे. तो आइये सबसे पहले जानते हैं कि-

 हाइपरथायरायडिज्म में क्या खाएं / What to Eat in Hyperthyroidism in Hindi

Hyperthyroidism Food in Hindi1. स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्पबेरी

Berries ऐसे fruits होते हैं जिनमे काफी मात्रा में एंटीओक्सिडैन्ट्स मौजूद होते हैं, जो हमारे immune system यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं. अतः इनका सेवन ज़रूर करना चाहिए. 

Hyperthyroidism Food in Hindi हाइपरथायरायडिज्म में क्या खाएं2. Cruciferous Veggies

क्रुसिफेरस वेजीज जैसे कि Broccoli (ब्रोकोली), फूलगोभी, पत्तागोभी, इत्यादि goitrogen family को belong करते हैं और ये थायराइड ग्लैंड द्वारा प्रोड्यूस होने वाले थायराइड हॉर्मोन को कम करते हैं. इन्हें हो सके तो कच्चा या फिर पका कर सब्जी के रूप में खाना चाहिए.

3. Vitamin D and Omega-3s for Thyroid Health

Food Diet For Hyperthyroidism in Hindiपहले विटामिन डी और थायराइड के बीच कोई सीधा सम्बन्ध नहीं माना जाता था, लेकिन एक स्टडी में पाया गया कि hypothyroid patients में vitamin D का लेवल काफी कम था. इसीलिए अब डॉक्टर्स थायराइड होने पर विटामिन डी का सेवन करने की सलाह भी देते हैं. Vitamin D प्राप्त करने के लिए आप इन चीजों का सेवन कर सकते हैं-
  • सैल्मन (एक प्रकार की मछली) – इससे आपको विटामिन डी के साथ-साथ ओमेगा-३ फैटी एसिड्स का डोज भी मिल जाता है जो आपको स्वस्थ रखता है.
  • अंडे
  • मशरूम
  • ओमेगा ३ के लिए आप वाल्नट्स, ओलिव आयल और फ्लैक्ससीड का प्रयोग कर सकते हैं.

4. Protein rich diet

Hyperthyroidism Food in HindiHyperthyroidism की वजह से वेट लॉस होना एक आम समस्या है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना ensure कर सकता है कि आपका वेट सही रहे. इसके लिए आप इन चीजों को खा सकते हैं-
  • मीट, मटन, चिकन
  • दाल, चना, सोयाबीन
  • बीन्स एंड नट्स

हाइपरथायरायडिज्म में क्या खाएं5. हरी सब्जियां या उनका जूस

पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जियां या उनका जूस थायराइड के फंक्शन को कम करते हैं. इसलिए आपको गोभी, पालक, इत्यादि को सब्जी या जूस के रूप में लेना चाहिए.

6. जिंक युक्त भोजन

बॉडी फंक्शन्स के लिए एक बेहद ज़रूरी तत्व होता है जिंक. हायपरथायराइडइज्म की वजह से आपकी बॉडी में इसकी कमी हो सकती है. अतः आपको अपने भोजन में इन चीजों को शामिल करना चाहिए-
  • अनाज, चोकर, मल्टीग्रेन अनाज
  • गेंहू के अंकुर
  • पालक, कद्दू के बीज
  • अनार, अवोकेडो
  • सोयाबीन
  • फिश, चिकन
  • क्रैब, लॉबस्टर
तो ये थी उन चीजों की list जो Hyperthyroidism की diet में include होनी चाहिए. और अब जानते हैं-

हाइपरथायरायडिज्म में क्या ना खाएं / What Not to Eat in Hyperthyroidism in Hindi

1. आयोडीन युक्त आहार

हाइपरथायरायडिज्म में क्या ना खाएंजैसा कि हम जानते हैं hyperthyroidism में आयोडीन थायराइड ग्लैंड की एक्टिविटी को बढ़ा देता है, इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम ऐसी चीजें खाना अवॉयड करें जिनमे अधिक मात्रा में आयोडीन हो. जैसे कि-
  • आयोडीन युक्त नमक
  • सी फूड्स जैसे कि – केल्प (समुद्री घास), seaweeds, etc.
  • क्रैनबेरी
  • ऑर्गेनिक दही,
  • ऑर्गेनिक स्ट्राबेरी
  • ऑर्गेनिक चीज
  • ऑर्गेनिक पोटैटो

2. ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे आपको एलर्जी हो

यदि आप ऐसी कोई चीज खाते हैं जिससे आपको एलर्जी हो तो ये आपके hyperthyroidism symptoms को worse बना सकता है. जिससे आपको – सांस लेने में दिक्कत, त्वचा में चकत्ते, पेट की ऐंठन, और दस्त हो सकती है. यदि आपको फ़ूड एलर्जी का शक है तो आपको कुछ suspected food items, जैसे कि – डेयरी प्रोडक्ट्स, मकई, सोया, wheat gluten, artificial food additives.
जब भी कोई फ़ूड आइटम अपनी डाइट से अलग करें तो ये ध्यान रखें कि उससे मिलने वाले पोषक तत्वों को आप अन्य तरीकों से कंज्यूम करें.
For example: डेयरी प्रोडक्ट्स ना लेने पर आपकी बॉडी में कैल्शियम की कमी हो सकती है, इसलिए आपको fortified rice, almond milk and seafood लेना चाहिए. ऐसे ही वीट ग्लूटेन की जगह आप ग्लूटेन-फ्री स्टार्चेज, ग्लूटेन-फरे ओटमील, ब्राउन राइस और स्वीट पोटैटो ले सकते हैं.
    3. हाई ग्लाइसेमिक कार्ब्स
थायराइड डिसऑर्डर आपके कार्बोहायड्रेट मेटाबोलिज्म और सुगर कंट्रोल को प्रभावित कर सकता है. लेकिन, चूँकि carbohydrates आपकी एनर्जी का में सोर्स होते हैं, इसलिए आप इनके साथ लापरवाही नहीं कर सकते. लेकिन अपने ब्लड सुगर का सही सस्तर बनाए रखने के लिए आप high-glycemic sources का कन्जम्पशन लिमिट तो कर ही सकते हैं.
इसलिए आपको मैदा, वाइट ब्रेड, आलू, सुगर, राइस, इत्यादि कम खाने चाहिए. इनकी जगह आप जौ, दलिया, ब्राउन ब्रेड, होल-ग्रेन पास्ता, और मसूर खा सकते हैं.
4. कैफ़ीन
What not to eat in Hyperthyroidism in Hindiकैफ़ीन hyperthyrodisim के लक्षणों को बढ़ाता है, इसलिए आपको कैफीन युक्त चीजें कम लेनी चाहिए, जैसे कि-
  • कॉफ़ी
  • चाय
  • कोल्ड ड्रिंक
  • चॉकलेट

5. डेयरी प्रोडक्ट्स

Hyperthyroidism में फुल क्रीम मिल्क का कन्जम्पशन ठीक नहीं है. दूध और बाकी डेयरी प्रोडक्ट्स में विभिन्न ग्रोथ हॉर्मोन्स और पेंसिलिन के ट्रेसेस होते हैं जो human hormonal system पर अतरिक्त दबाव डालते हैं. साथ ही मिल्क व अन्य डेयरी उत्पादों में एक प्रकार का प्रोटीन casein भी पाया जाता है जो पाचन प्रक्रिया को कठिन बना देता है. इसलिए Hyperthyroidism के ज्यादातर मरीजों को दूध,दही आदि का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है.
हालांकि, ये भी एक फैक्ट है कि डेयरी प्रोडक्ट्स के बहुत से फायदे भी हैं इसलिए इनका कितना सेवन करना है या नहीं करना है, इसकी सलाह डॉक्टर से लेना ज़रूरी है.

6. Red Meat

रेड मीट जैसे कि पार्क, बीफ, लैम्ब, जिनमे कोलेस्ट्रोल या सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है कम खाना चाहिए. ऐसा करने से आपके अन्दर hyperthyroidism के लक्षण घटते हैं और hyperthyroidism की वजह से गले में होने वाली सूजन भी कम होती है.

7. हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल

Hydrogenated vegetable oil बहुत से commercially prepared food items में प्रयोग होता है. इनमे ट्रान्स फैट्स होते हैं जो good cholestrol को डैमेज कर देते हैं और hyperthyroidism के symptoms को बदतर कर देते हैं. इसलिए बाज़ार में बिकने वाली कुकीज़, डोनट्स, मार्जरीन, पाई क्रस्ट्स, इत्यादि का सेवन कम से कम करें.

8. शराब

शराब पीने से बॉडी का एनर्जी लेवल गड़बड़ा जाता है जिससे hyperthyroidism से जुड़ी सोने की समस्या और भी बढ़ जाती है. साथ ही hyperthyroidism के मरीजों में इसके कारण osteoporosis होने का खतरा भी बढ़ जाता है. अतः शराब या तो पूरी तरह से छोड़ दें या इसका सेवन बहुत लिमिट कर दें.
➡ यहाँ बतायी गयी चीजों का सेवन करने या ना करने का निर्णय अपने थायराइड डॉक्टर से विचार-विमर्श करने के बाद ही लें.

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