Sunday 30 July 2017

इसमें कौन-सी बड़ी बात है! INSPIRATIONAL STORY IN HINDI


स्पेन के नाविक कोलंबस बहुत ही साहसी थे उन्होंने अपने नौका के माध्यम से ही अमेरिका महाद्वीप को खोज निकाला.. सभी जगह उनकी कीर्ति फ़ैल चुकी थी, उनका ही यशगान चारों तरफ फैल रहा था..
अमेरिका की खोज से लौटने के दौरान बहुत से समारोह किये गए.. एक दिन इस खुशी को बढ़ाने के उद्देश्य से एक प्रीतिभोज का आयोजन किया गया… उस प्रीतिभोज में बहुत से व्यक्ति आये हुए थे, उनमें से एक व्यक्ति ने किसी दुसरे व्यक्ति से कहा- “अमेरिका की खोज करना कौन-सी बड़ी बात है? बस अटलांटिक पार किया कि अमेरिका आ गया.. इतने छोटे से और सरल कार्य के लिए इतने बड़े सम्मान की भला क्या जरूरत है?”
भोज समाप्त होने के कुछ देर बाद ही कोलंबस ने सभी लोगों को बुलाया, उनके हाथ में एक उबला अंडा था.. उन्होंने अंडे को मेज पर रखते हुए कहा- “कृपया आप सभी उपस्थित सज्जनों में से कोई इसे सीधा खड़ा करने की कृपा करे!”
जो लोग कोलंबस के बारे में “यह कौन-सी बड़ी बात है” वाली धारणा रख रहे थे उन्होंने बहुत अक्ल दौडाई, बहुत कोशिश की पर वैसा न हो सका, जैसा कि करने के लिए कहा गया था.. बाकि उपस्थित लोगों ने भी बहुत प्रयास किया पर सभी विफल रहे…
कोलंबस ने अंडे का एक सिरा उंगली से तोड़कर समतल किया और वे उसे मेज में खड़ा कर दिखाने में सफल रहे..
वहाँ उपस्थित कई व्यक्ति जोर-जोर से चिल्ला कर कह रहे थे- “इसमें कौन-सी बड़ी बात है, यह तो हम भी कर सकते थे..”
कोलंबस ने नम्रतापूर्वक कहा- “मित्रों, आप सब कर सकते थे! पर आप में से किसी ने नहीं किया.. सूझ बूझ के अभाव में सरल से सरल दिखने वाला कार्य भी असम्भव शब्द के आगोश में आ जाता है.. कुछ करने का महत्व सिर्फ अपने मेहनत और श्रम पर ही निर्भर नहीं करता, इसमें जब तक सूझ बुझ शामिल न हो तब तक आपके मुँह में सिर्फ ‘इसमें कौन सी बड़ी बात है’ ही शामिल होगी.. आप सब भी अमेरिका की खोज कर सकते थे पर मैंने सूझ बूझ के सहारे उसे खोज ही निकाला.. वह रास्ता तो सबके लिए पहले से ही खुला हुआ था…..”
दोस्तों, हम सब भी अधिकतर बार अपने जुबान से ‘इसमें कौन सी बड़ी बात है’ वाला वाक्य इस्तेमाल करते हैं.. लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि यह सिर्फ अपने आप से किया गया कोरा बहाना है..
यदि आपके अंदर क्षमता है तो आपको कभी भी इस वाक्य का उपयोग करना नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि आप प्रयत्न ही नहीं करेंगे, अपने दिमाग का इस्तेमाल ही नहीं करेंगे, सूझ बूझ से काम नहीं लेंगे तो आपके जिंदगी के शब्दकोश में बार-बार ‘इसमें कौन सी बड़ी बात है’ वाला यह वाक्य आता ही रहेगा!
‘इसमें कौन-सी बड़ी बात है’ वाला यह छोटा-सा वाक्य सीधे आपके घमंड के बारे दर्शाता है, यदि आप इस प्रकार के वाक्यों का उपयोग करते हैं तो यह सिर्फ अहंकार है, सफलता के बारे में सोचने वाले व्यक्ति दूसरों की हौसला बढ़ाते हैं उन्हें इस प्रकार के वाक्य के साथ गलत नहीं ठहराते! इसलिए दूसरों की काबिलियत को देखकर उनसे ज्यादा से ज्यादा सीखने का प्रयास करें और दिल खोलकर उनके गुणों की प्रशंसा करें… ऐसे शब्दों से हमेशा बचिए जो आपकी Ego को बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं!
धन्यवाद!
Source: https://www.hamarisafalta.com/2015/07/ego-best-inspirational-story-in-hindi.html

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