आपने movies में कोई ऐसा scene ज़रूर देखा होगा जिसमे hero jail से भागने के लिए एक सुरंग बनाता है और finally उस जेल से फरार हो जाता है. काफी exciting होता है ये, नहीं!
पर आज मैं आपको खुद यही काम करने के लिए कह रहा हूँ …मैं आपको एक सुरंग बनाने के लिए कह रहा हूँ..क्योकि आप भी अपनी life के hero हैं और unfortunately एक virtual jail में क़ैद हैं …एक ऐसी जेल जिसमे जाने से पहले आपको पता भी नहीं था की वो एक जेल है….. आप किसी ऐसी job, business या काम में फंस चुके हैं जो आपको बिलकुल पसंद नहीं है …कभी कभी तो आप frustrated feel करते हैं …क्योंकि आप यहाँ वो नहीं कर रहे होते जो आप सबसे अच्छे ढंग से कर सकते हैं…आप खुद इसे छोड़ना भी चाहते हैं लेकिन financial obligations की वजह से छोड़ नहीं पाते..
मत accept करिए इस condition को, अपनी सुरंग बनाना शुरू करिए …अपने दिल का काम शुरू करिए …अगर नहीं पता कि वो क्या है तो उसे तलाशिये ….पर उस काम को ज़िन्दगी भर मत करिए जिसे आप पसंद नहीं करते …. जो आपको mediocre बनाता है. इस बात को हमेशा याद रखिये कि –
जिस चीज को आप चाहते हैं उसमे असफल होना जिस चीज को आप नहीं चाहते उसमे सफल होने से बेहतर है.
कैसे बनाएं सुरंग ?
कैसे से ज्यादा ज़रूरी है की क्यों बनाएं … जेल में बहुत से कैदी होते हैं पर हीरो ही सुरंग क्यों बना पाता है, क्योंकि उसके सामने एक motive होता है, ये motive ही उसे इतना कठिन काम करने की inspiration देता है …आपका motive क्या है ??…क्या already आपके दिमाग में वो चीज है जो आप current job/ work को छोड़ कर करना चाहते हैं ? …अगर नहीं है तो इस बारे में सोचना बेकार है, ऐसे में अगर आप सुरंग बनाने में कामयाब हो भी जाते हैं तो पता है वो कहाँ निकलेगी ???
एक दूसरी जेल में!!
तो अगर आपको लगता है कि आप किसी जेल में बंद हैं तो सबसे पहले आपको जानना होगा कि यहाँ से निकल कर आप करना क्या चाहते हैं, what is that excites you, किस चीज को लेकर आप passionate हैं?
ये कैसे पता करें ?
I really don’t know. पर मैंने कैसे किया ये आपको बता सकता हूँ. ACT करके.
मैंने अपनी life में बहुत experiments किये हैं. Job करने के साथ साथ मैंने NGO found की है, 2 साल तक slum dwellers के लिए school चलाया है, एक consultancy run की है, English में blog बनाया है..और for last 2 and a half years AchhiKhabar.Com(AKC) run कर रहा हूँ ….क्योंकि यही वो चीज है जो मुझे सबसे ज्यादा excite करती है. मुझे इसी की तलाश थी.
Friends, most of us कभी न कभी किसी चीज को लेकर excited होते हैं …सपने बुनने लगते हैं …आपने लोगों को कहते सुना या खुद भी कहा होगा, “ मैं एक restaurant शुरू करने वाला हूँ ”, “ मैं एक xyz company डालने वाला हूँ …”, etc..but most of the people just talk, they don’t act.
अगर आपको अपना passion जानना है तो ACT करना होगा, जो चीज बहुत appeal करे उसे कर डालिए …don’t let the excitement die. कर के ही जाना जा सकता है की आप सचमुच उस काम के लिए बने हैं या नहीं.
अब लौट कर आते हैं अपने basic question पर, “कैसे बनाएं सुरंग ?”
हीरो क्या करता है ?… किसी औजार का प्रयोग करता है ….आपको भी कुछ ‘औजारों’ की ज़रुरत पड़ेगी और वो औजार हैं …आपकी skills, आपका knowledge. आप जो करना चाहते हैं उससे related knowledge और skills gather कीजिये.
उसके बाद औजार का प्रयोग करिए …. सिर्फ औजार हाथ में आ जाये और Hero उसे लेकर बैठा रहे तो क्या सुरंग बन पायेगी ? नहीं. आपको भी अपने औजारों को प्रयोग में लाना होगा. समय निकालना होगा.
हीरो सुरंग कब बनाता है …दिन में जब सब काम कर रहे होते हैं …नहीं, उस वक़्त तो वो भी काम करता है …आप भी उस वक़्त वही करिए जो आप कर रहे हैं …पर जिस वक़्त सब आराम कर रहे होते हैं …सो रहे होते हैं …मैच के मजे ले रहे होते हैं …facebook से चिपके हुए होते हैं….. उस वक़्त आप अपनी सुरंग बनाइये …अपना काम करिए … ये आसान नहीं है …इसमें time लगेगा … साल -दो साल या फिर और, सुरंग एक दिन में नहीं बनती.., …बहुत कुछ sacrifice करना होगा ….थक कर रुक जाने का दिल करेगा …पर आपको चलते रहेना होगा ….
और चलते -चलते एक दिन आ ही जायेगा जब आप जेल के बहार होंगे ….अपनी नयी दुनिया में, आज़ाद, अपने नए काम के साथ… खुशियाँ बटोरते …खुशियाँ लुटाते …
आज 8 July है , आज का दिन मेरे लिए बहुत ख़ास है . इसके ख़ास होने की दो वजहें हैं :
पहली , आज मेरा Birthday है . दूसरी , और बड़ी वजह … आज मैं अपनी नौकरी को अलविदा कह रहा हूँ .
A big leap…
जो नहीं जानते हैं उनके लिए बता दूँ , कि AchhiKhabar.Com (AKC) को run करने के साथ -साथ मैं Noida में एक American IT company में बतौर Business Analyst job भी करता हूँ , और आज 8 July को मेरा Last Working Day है , और इसका ये मतलब भी नहीं कि मैं अपनी जॉब switch कर रहा हूँ , और अब दूसरी company में काम करने लगूंगा … नहीं, आज तो मेरे corporate career का आखिरी दिन है … यानी आज के बाद मुझे office नहीं जाना होगा , किसी को report नहीं करना होगा … अब मैं आज़ाद हूँ … अब मैं पूरी तरह से अपने interests को pursue कर पाउँगा … अपना पूरा समय सिर्फ उन चीजों को दे पाउँगा जो मेरे दिल के करीब हैं , जिन्हे मैं सचमुच करना चाहता हूँ .
आज का दिन मेरी आज़ाद ज़िन्दगी का पहला दिन है , मैं इसे ईश्वर द्वारा दिए गए एक नए जन्म के रूप में देखता हूँ …, जिसे मैं पूरी तरह जनसेवा में लगा देना चाहता हूँ . Of course इसकी शुरुआत माता -पिता की सेवा से होती है और इसलिए अब मैं Delhi से अपने home town Gorakhpur शिफ्ट हो रहा हूँ .
एक MNC की जॉब छोड़ कर full time blogger बनना एक बड़ा कदम है , इसमें थोड़ा risk भी involved है , पर मैं ये risk उठाना चाहता हूँ … मैंने पहले भी कहा है और आज भी दोहराता हूँ … मैं इस दुःख के साथ नहीं मरना चाहता कि मैंने जो चाहा वो किया नहीं …मैं इस ख़ुशी के साथ जीना चाहता हूँ कि जो मैं चाहता हूँ वो मैं कर रहा हूँ … I hope इस decision में आप मेरे साथ हैं और आपकी best wishes मुझे मिलती रहेंगी .
कई लोग mails और comments के through मुझसे मेरी blogging journey के बारे में पूछते रहते हैं … इसे बताने के लिए शायद आज का दिन ही सबसे अच्छा है … तो आज मैं आपको अपनी कहानी बताता हूँ .
मैंने AKC की शुरुआत October 2010 में Blogspot पे की थी . AKC से पहले मैं job के साथ -साथ कुछ और चीजें भी try कर चुका था , जैसे की NGO चलाना , एक consultancy run करना , etc.
पर problem ये थी कि मैंने अभी तक कुछ concrete नहीं किया था … बस छोटा -मोटा काम ही कर पाया था . इसलिए AKC शुरू करते वक़्त मैंने खुद से एक वादा किया था कि , “मैं अपने इस काम को बड़ा बनाऊंगा..बहुत बड़ा … कुछ भी हो जाए मैं इसे बीच में नहीं छोड़ूंगा , फिर चाहे इसमें कितना ही समय क्यों न लग जाए … एक दिन मैं इसमें सफल हो कर दिखाऊंगा ”
मैंने blogging शुरू कर दी …. और मेरा मन इस काम में पूरी तरह रम गया … मैं दिन रात इसी बारे में सोचता कि कोई post डालनी है … कुछ लिखना है … कुछ ऐसा create करना है जिसे पढ़कर लोगों को सच में फायदा हो .
दोस्तों , मैंने हमेशा , AKC को एक ऐसे platform के रूप में देखा है जो लोगों की समस्याएं सुलझाये , उनके अंदर एक हौंसला पैदा करे .. जिसका content सचमुच rich हो और किसी न किसी तरह लोगों की मदद करता हो . Definitely मैंने इससे पैसा कमाने के बारे में भी सोचा था , पर मेरा पहला मकसद readers को हिंदी में quality content provide करना था …और आज भी वही है . अब मेरे पास बहुत से लोगों के mail आते हैं जो कहते हैं की उन्हें भी blogging करनी है , पर वो अपने content के बारे में बात नहीं करते वे पूछते हैं कि कितनी जल्दी और कितना पैसा कमाया जा सकता है … I think, उन्हें भी content को पहले और पैसे को बाद में रखना चाहिए .
खैर … आगे बढ़ते हैं …
जब मैंने AKC की शुरुआत की तो मेरी job HCL , चेन्नई में चल रही थी , मैं अपनी scooty से हर रोज लगभग 22 km दूर , वेलाचेरी से शोलिंगनल्लूर अपने office जाया करता था … Office जाते वक़्त , office से आते वक़्त और office में रहते हुए भी मेरे दिमाग में बस AKC ही चलता रहता था … मैं सोचता … कैसे अच्छी -अच्छी posts डाली जाएं …कैसे अपना traffic बढ़ाया जाए … कई बार मैं इस चक्कर में रहता कि office से जल्दी से जल्दी निकलकर घर भागा जाए और AKC पे काम किया जाए ….
जब आप किसी चीज पर पूरी तरह focused हो जाते हैं तो अपने आप आपको नए रास्ते दिखने लगते हैं … AKC शुरू करने के लगभग 6 महीने बाद मेरी नज़र Brainy Quotes site पर पड़ी , दिमाग में एक बात आई … इस site को कितने लोग visit करते होंगे …. मैंने तुरंत उसकी Alexa rank check की , ये World की सबसे अधिक देखे जाने वाली sites में से एक थी . मैंने सोचा ,इसका ये मतलब हुआ कि बहुत से लोग Quotes पढ़ना चाहते हैं , तभी तो ये site इतनी ज्यादा popular है . फिर क्या था , मैंने हिंदी में Quotes translate करना शुरू कर दिए … और आज AKC Hindi Quotes की no. 1 site है .
कुछ ऐसा ही हुआ जब मैंने हिंदी कहानियां post करना शुरू कीं , आज की तारिख में AKC पर 194 कहानियां हैं , और मुझे लगता है किसी भी भाषा में इतनी अच्छी कहानियों का एक साथ इतना बड़ा संग्रह शायद ही कहीं और हो .
आप जो भी सोचिये बड़ा सोचिये … जो भी करिये बड़ा करिये . और याद रखिये इसमें समय लगता है इसलिए अपना धैर्य मत खोइए …इतना याद रखिये जिसके पास धैर्य है वो जो चाहे वो पा सकता है।
यहाँ एक और बेहद ज़रूरी बात बताना चाहूंगा , जब मैंने AKC शुरू की थी तब सोचा भी नहीं था कि कभी इसपर Quotes या stories डालूँगा और आज यही चीजें इस ब्लॉग पर सबसे ज्यादा पढ़े जाते हैं . आप शुरू में ही हर एक चीज plan नहीं कर सकते , आप चाहें न चाहें आगे चल कर चीजें बदल जाती हैं , इसलिए बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहिये , समय के साथ खुद को बदलिये . AKC में एक बड़ा बदलाव तब आया जब August 2011 में मैं blogger से WordPress पर shift कर गया . कारण ये था कि WordPress blogging के लिए सबसे अच्छा माना जाता है और बहुत से successful bloggers ने ऐसा ही किया था … इसलिए मैंने उनको follow करना ही ठीक समझा . मैंने बिना किसी external help के बस net पे articles पढ़ -पढ़ कर ये कर लिया … i am not too much into technical things; इसलिए इसमें थोड़ी दिक्कत ज़रूर आई … October और November 2010 की पोस्ट्स भी इस process में कहीं मिस हो गयीं … इसलिए जब आप All Posts में देखेंगे तो सबसे पहली post December 2010 की दिखेगी जबकि मैंने blogging October से ही शुरू कर दी थी .
Shift करने का decision बड़ा था … पर मैंने इसमें देर नहीं लगायी … क्योंकि AKC को मैंने कभी short term में नहीं सोचा , ये मेरी बाकी की life का एक बड़ा हिस्सा होने वाला था इसलिए इसे बेहतर बनाने वाली कोई भी ज़रूरी चीज टालना नहीं चाहता था … और मैंने ये बड़ा कदम उठा लिया , and I am happy that I did it.
AKC शुरू करने के 3-4 महीने बाद मेरा दिमाग एक और ज़रूरी बात पर गया , वो थी इस बात का एहसास होना कि लोग search कैसे करते हैं . मुझे realize हुआ कि भले लोग पढ़ना Hindi में चाहते हैं पर उसे search English में ही करते हैं , for example, अगर किसी को महात्मा गांधी के बारे में पढ़ना है तो most probably वो लिखेगा …. “Mahatma Gandhi In Hindi” या ” About Mahatma Gandhi in Hindi” . ये एक एहम realization था . और मुझे लगता है AKC के popular होने में ये सबसे बड़ी वजहों में से एक है .
इसका एहसास होते ही मैंने अपनी हर post में “In-Hindi:” keyword use करना शुरू कर दिया , और जल्द ही AKC के articles search results में पहले page पर आने लगे .
AKC Page Views का एक snapshot आपको site की growth का idea दे देगा :
Blogging Income
Blog शुरू करने के एक साल बाद तक मैंने AKC से 1 रुपया भी नहीं कमाया था . मुझे याद नहीं मेरा पहला ad network कौन सा था , पर इतना ज़रूर याद है कि जब उस network से पहली बार सिस्टम में 50 पैसे की income show हुई थी तो मैंने अपनी माँ को फ़ोन किया था और बताया था कि आज मैंने अच्छीखबर से 50 पैसे कमाए …. और तब माँ मेरे ऊपर हंसी नहीं थीं ….बल्कि उन्होंने मुझे encourage किया कि आज 50 पैसा है … कल 5 हज़ार और फिर 50 हज़ार हो जाएगा … और उनके आशीर्वाद से ऐसा होता गया ..
Friends, AKC का पहला major ad network था Komli Media, उसके बाद Ozone Media जिसका नाम अब बदलकर adadyn हो गया है …and finally जब Google Adsense ने Hindi को approve कर दिया तो यही मेरा major ad network बन गया . इसके आलावा मेरे पास कुछ और बड़े ad networks का भी approval है , जिनका use कर के मैं अपनी income बढ़ा सकता हूँ , but for the time being मैं सिर्फ adsense ही use कर रहा हूँ .
At the moment मैं AKC से 4 तरीकों से पैसे कमाता हूँ , Adsense, Ebooks ,Flipkart Affiliate Program, and direct ads. Adsense generates 90% of the whole income. Big thanks to Google Adsense , जिसके बिना job quit करना पॉसिबल नहीं हो पाता.
I know, बहुत से लोग income के exact figures जानना चाहते हैं , पर मैं अपनी blogging income share करने में comfortable नहीं हूँ .. However, इतना कहूँगा कि ये income मेरी MNC job से कहीं अच्छी है .
What’s next?
जॉब से freedom मिलना अच्छा है पर इसका कोई मतलब नहीं रह जायेगा अगर मैं अपने समय का सही उपयोग न कर पाऊं . मेरी कोशिश होगी की मैं खुद को एक बेहतर इंसान बनाऊं …मैं जो लिखता हूँ , जिस तरह लिखता हूँ उसे बेहतर करने के लिए मुझे खुद को बेहतर करना ज़रूरी है इसलिए मैं इस समय का एक बड़ा हिस्सा self-improvement पर लगाउँगा . जिसमे , योग करना , नयी -नयी किताबें पढ़ना , अच्छे videos देखना शामिल होगा। आने वाले समय में मेरी इन्वॉल्वमेंट सोशल वर्क में भी बढ़ती जाएगी और आप मुझसे एक नए ब्लॉग की भी उम्मीद कर सकते हैं।
Gratitude
AKC की journey में कुछ लोगों का बहुत बड़ा contribution रहा है . सबसे पहले मैं भगवान एवं अपने mother-father और सभी family members को thanks कहना चाहूंगा and specially अपनी wife , Padmaja का नाम लेना चाहूंगा … मेरे काम की दीवानगी के चलते पद्मजा ने बहुत कुछ sacrifice किया है .. कितने ही weekends , जब हम घूमने जा सकते थे …movie देख सकते थे …. मैं अपने काम में ही लगा रहा …. उम्मीद करता हूँ अब मैं इन सबके लिए समय निकाल पाउँगा . उनका सबसे बड़ा role तब आता है जब मैं किसी वजह से परेशान या दुखी होता हूँ , ऐसे मौकों पर उनका साथ मुझे हिम्मत देता है और टेंशन ख़त्म करने में बहुत helpful होता है। A BIG thanks to her.
Then, मैं thanks करना चाहूंगा अपने बचपन के दोस्त Chandan को ( आज उनका भी B’day है :)) जिन्होंने मुझे SEO के fundamentals समझाए और आज भी मुझे कई technical बातें बताते रहते हैं . और इन सबसे ज्यादा , he is a wonderful human being, और किसी ऐसे इंसान का आपके साथ होना बहुत luck और गर्व की बात है .
दोस्तों , आज AKC एक popular site है और बहुत से लोग अपने articles इसपर share करना चाहते हैं , पर तब जब इसे अधिक लोग नहीं जानते थे , तभी से Anita ma’am voluntarily अपने articles share करती आ रही हैं . विभिन्न विषयों पर लिखे उनके 50 से अधिक articles से लाखों लोगों को फायदा हो चुका है . मैं तहे दिल से उनका शुक्रिया करता हूँ और नेत्रहीन बच्चों के लिए उनके द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्य के लिए शुभकामनाएं देता हूँ .
And last but not the least a Million thanks to all the readers of AKC. आपके encouraging comments, word of mouth publicity और best wishes के बिना मैं आज जो स्टेप ले रहा हूँ वो नहीं ले पाता ….thanks a lot .
जिसमे मैंने बेमन की जॉब या बिज़नेस, जिसे मैंने एक जेल से equate किया था ; से निकलकर अपने मन का काम करने का रास्ता बताया था … लगभग 5 साल की मेहनत के बाद आज मेरी सुरंग तैयार है …. finally वो दिन आ ही गया जब मैं अपनी जेल से फरार हो जाऊँगा ….अपनी नयी दुनिया में , आज़ाद , अपने दिल के काम के साथ … खुशियाँ बटोरते …खुशियाँ लुटाते …
एक सामान्य व्यक्ति भी भीड़ से अलग नजर आ सकता है, यदि वह एक अच्छा वक्ता हो! यदि आप ग्रुप सेमिनार, किसी मीटिंग, या स्टेज पर जाने के नाम से डरते हैं, भीड़ को संबोंधित करने का सोचकर आपके पैर कांपते हैं, या जब आप सामने वाले तक अपनी बात पहुंचाते हैं तो वह आपकी बातों को इग्नोर कर देता है.. तो ये आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है।
तो आईए जानते हैं एक अच्छा वक्ता बनने के 17 तरीके : 1) तैयारी करें :
आप भी बन सकते हैं एक अच्छे वक्ता !
ये पहला और सबसे ज़रूरी पॉइंट है . आप जिस विषय पर, जिस जगह और जिस समूह के सामने स्पीच देने वाले हैं , उसके according आपकी तैयारी होनी चाहिए। तैयारी करने के लिए खुद को पर्याप्त समय दें , google , अख़बारों , लाइब्रेरी का पूरा प्रयोग करें और जबरदस्त कंटेंट तैयार करें, मिरर के सामने उसकी rehearsal करें , हो सके तो अपने speech की recording कर के सुनें और गलितयों को सुधारें . याद रखें आप चाहे कितना अच्छा बोलना क्यों न जानते हों , अगर आपका कंटेंट अच्छा नहीं है तो बात नहीं जमेगी .
तैयारी की महत्ता आप अब तक के महानतम लेखकों और ह्यूमरिस्ट में से एक मार्क ट्वेन के इस कथन से भी समझ सकते हैं :
“It usually takes me more than three weeks to prepare a good impromptu speech.
“आमतौर पे मुझे बिना तैयारी के दिए जाने वाले भाषण को तैयार करने में तीन हफ्ते लगते हैं.”
2) ये सोचें कि आपको सफल होकर आना है :
सफलता का सबसे बड़ा सूत्र यही है कि आप कभी भी हार न माने. हार के बारे में सोंचे भी नहीं.. हम दिमाग के लिए जैसे मैसेज टाइप करते हैं, या दिमाग को जैसे इनपुट देते हैं, उसी के according हमें output प्राप्त होता है, और हम वैसा ही कार्य करते हैं.. यदि हम दिमाग को लगातार असफलता और हार का सन्देश देंगे तो हमारी हार निश्चित है इसका उल्टा भी उतना ही सही है.. इसलिए दिमाग और मन को हमेशा सफलता और आत्मविश्वास का सन्देश दीजिए इससे output के रूप में आप हमेशा प्रसन्न रहेंगे और शरीर भी उसी के अनुरूप आगे बढ़ने को तैयार होगा.. यदि आप हमेशा और हर बार खुद से यह कहें कि “आप इसे यकीनन कर सकते हैं, आपके अंदर वो quality है, तो आप उसे सफलता से पूरा कर लेंगे..” इसलिए खुद पर यकीन करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ श्रोताओं के सामने अपने विचार प्रकट कीजिये, यकीनन आप श्रोताओं का दिल जीत सकते हैं .
3) श्रोताओं से जुड़ें :
हमेशा श्रोताओं से जुड़ने का प्रयास कीजिये, यदि आप पहले भी कभी उनके शहर में आ चुके हों तो उन बातों को दोहराइए, उस शहर के यादगार लम्हों को उनके सामने रखिये. उस स्थान के दुर्लभ स्मारकों की बात कीजिये. यदि उस अनगिनत की भीड़ में भी आप कुछ लोगों को जानते हों और वे प्रतिष्ठित हों, तो उनका आदरपूर्वक जिक्र कीजिये. हमेशा ऐसी बातें करने का प्रयास कीजिये जैसे आप खुद उस शहर से बहुत दिनों से जुड़े हों, उन लोगों के प्रति आपके दिल में बहुत प्यार और स्नेह है और आप खुद भी उस शहर से बेहद प्यार करते हैं. ये बातें जितना अधिक आपके ह्रदय से निकलेंगी उतना ही श्रोता आपको पसंद करंगे , बनावटी बातें किसी को पसंद नहीं आतीं। और जितना ज्यादा श्रोता आपको पसंद करंगे, उतना ही अधिक वो आप पर विश्वास करेंगे.
बातों को अच्छे ढंग से कहने का प्रयास कीजिये.
जैसे ये कहने की बजाये:- यदि तुम्हें तुम्हारा यह शहर खूबसूरत बनाना है तो तुमको प्रदुषण हटाना ही होगा!
इसे अलग शब्दों में पिरोकर यह कहिये:- यदि हमें हमारे इस शहर को खूबसूरत बनाना है तो हम सबको मिलकर प्रदुषण हटाना होगा..
4) भाषण बिना देखे बोलें :
अगर एक प्रभावी वक्ता बनना है तो आपको बिना देखे बोलना आना चाहिए . Of course आप अपने साथ कुछ notes रख सकते हैं , या पूरा का पूरा भाषण भी type कर के ले जा सकते हैं . पर आपकी practice इतनी होनी चाहिए कि सुनने वाले को ये लगे कि आप बोल रहे हैं पढ़ नहीं रहे हैं .
Again, बिना देखे खराब भाषण देने से अच्छा है देख कर सही बातें बोली जाएं . इसलिए अगर आप बिना देखे बोलने में comfortable नहीं हैं तो किसी बड़े occasion पर इसे try करने के बजाये छोटे-मोटे अवसरों पर ऐसा करने का attempt कर सकते हैं . Practice से कुछ भी सीखा जा सकता है , इसलिए एक प्रभावशाली orator बनने के लिए आपको बिना देखे बोलने की कला में पारंगत होना होगा . 5) Eye contact बनाये रखें :
एक अच्छा speaker speech देते वक़्त हमेशा audience की आँखों में देखता है , ऐसा करने से उसके self-confidence का पता चलता है। आप भी इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप इधर – उधर देखने की बजाये श्रोताओं को देखें . और ये भी ध्यान दें कि आप एक ही तरफ ये कुछ विशेष व्यक्तियों को ही नहीं देख रहे बल्कि बारी-बारी पूरे group से नज़र मिला रहे हैं .
6) रुचि की बात करिये :
यदि आप एक सफल वक्ता बनना चाहते हैं, तो आपको श्रोता की पसंद का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. जब आप श्रोता को एक दोस्ताना माहौल देते हैं, उनके व्यवसाय, उनकी समस्याओं, की बात करते हैं तो श्रोता को कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होता. आपकी जिंदगी के छोटे-छोटे किस्से और उनकी जिंदगी से जुड़ी बातें, छोटी-छोटी खुशियों के पल, जब आपकी भाषण के बीच में आते हैं तो श्रोता को आपको अपनाने में देर नहीं लगती.. यदि आप श्रोताओं, संस्था या उस समाज की किसी विशिष्ट उपलब्धि की चर्चा उनके सामने करते हैं, तो प्रतिक्रिया में उनके मुँह खुले के खुले रह जाते हैं, क्योंकि वे सुनकर हैरान हो जाते हैं कि सब वक्ता को पता कैसे चला!
7) गलती हो जाने पर घबराएं नहीं :
Speech के बीच में कुछ गलत pronounce कर देना या अटक जाना कोई गलत बात नहीं है , बशर्ते आप इस situation को smartly handle कर लें . ऐसे मौकों पर आप इसे हास्य का मोड़ भी दे सकते हैं , या सीधे -सीधे , “माफ़ –कीजियेगा ” बोल कर speech जारी रख सकते हैं . सभी जानते हैं कि stage पर जाकर बोलना इतना आसान नहीं होता ऐसे में छोटी -मोटी गलतियां होना स्वाभाविक है और इसके लिए घबराने की ज़रुरत नहीं है .
8) निंदा से हमेशा बचें :
श्रोताओं या उनसे जुड़ी चीजों की निंदा करने से बचें , जब आप अपना भाषण दे रहे हों तो आपका पूरा ध्यान श्रोताओं पर होना चाहिए और इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपके मुँह से निकली बात सामने वाले पर पूरा प्रभाव डालेगी. कई बार हम किसी क्षेत्र और वहाँ की अव्यवस्थाओं पर कड़े और तीखे भरे स्वर में निंदा कर देते हैं, लेकिन इसी निंदा के बदौलत हम श्रोताओं के दिल में जगह नहीं बना पाते! यदि आपने कभी कहा कि यहाँ के श्रोता समर्थन नहीं दे रहे, या कहा कि यहाँ टैलेंट की कमी नहीं लेकिन यह शहर टैलेंटेड लोगों के लिए ठीक नहीं है तो श्रोताओं के नाराज होने की संभावना बहुत बढ़ जायेगी. यह भी हो सकता है कि वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण ही न रख पायें और वहाँ आपको अपमान भी सहना पड़ जाये !
देखिये , आप निंदा करके रातों -रात चीजों को बदल नहीं सकते , इसलिए किसी कमी पर ध्यान केंद्रित करने की बजाये उस कमी को दूर करने के उपायों पर बात करना सही होगा , और यही आपके श्रोताओं को भी अच्छा लगेगा।
9) प्रशंसा से दिल जीतें :
श्रोताओं का दिल खोलकर वास्तविक प्रशंसा करें, क्योंकि प्रशंसा ही दिल को जीतने का सबसे अच्छा माध्यम है. श्रोता बहुत समझदार होते हैं , उन्हें मख्खनबाजी और वास्तविकता का फर्क बहुत अच्छे से पता होता है.. यदि आप किसी College में Speech देने के लिए गए हैं और आप स्टुडेंट्स से कहते हैं:- “आप सब दुनिया के सबसे अच्छे स्टुडेंट्स हैं” या “आपके जैसे अच्छे और होनहार स्टूडेंट हमने आजतक नहीं देखा” तो बच्चे समझ जायेंगे कि आप सिर्फ मख्खन लगा रहे हैं!
लेकिन यदि आप कहते हैं :- “बच्चों आप सबको देखकर मुझे मेरे कॉलेज लाइफ की याद आ गयी. आप सबने इतने अच्छे से मेरा स्वागत किया, मेरे माथे पर तिलक लगाया. यह मुझे बहुत ज्यादा हृदयस्पर्शी लगा. पुरानी यादें ताजा हो गयीं, मेरी माँ मेरे माथे पर तिलक लगाया करतीं थीं आप सबने मुझे उनकी याद दिला दी इसके लिए धन्यवाद!”
तो ये उन्हें अच्छा लगेगा। इस प्रकार से आप सिर्फ दो टूक शब्दों में प्रशंसा के माध्यम से श्रोताओं का दिल जीत सकते हैं..
10) दीनता या माफ़ी से कभी शुरूआत न करें :
कई लोग स्टेज पर जाते ही नर्वस फील करते हैं ऐसे में बहुत लोगों की शुरूआत माफ़ी से होती है. वो ऐसी लाइनों से शुरूआत करते है, “मैं यहाँ आने के काबिल भी नहीं था लेकिन आपने मुझे यहाँ आमंत्रित किया” या “मेरे जैसे छोटे आदमी को आपने इतना सम्मान दिया” या “मैं माफ़ी चाहता हूँ कि इतने दिनों तक यहाँ उपस्थित न हो पाया..”
यदि आप अपनी Speech माफ़ी मांगने या दीनता दिखाते हुए शुरू कर रहे हैं तो आप सिर्फ श्रोताओं के समय को बर्बाद कर रहे हैं. इससे सामने वाले पर अच्छा प्रभाव कभी भी नहीं पड़ता. आपको जिस उद्देश्य के लिए invite किया गया है उस Topic पर बात कीजिये और विदा लीजिए. यदि आपको किसी कारण से माफ़ी मांगनी भी है तो speech के बीच में सरल शब्दों में अपनी बात कह दीजिए लेकिन भाषण की शुरूआत कभी भी माफ़ी मांगने के साथ मत कीजिये .
11) एक सामान्य व्यक्ति बनकर अपनी बात कहें :
कुछ लोग स्टेज पर जाते ही खुद को बड़ा समझने लगते हैं और सुनने वाले को एकदम सामान्य! आप श्रोताओं को कभी खुद से कम मत आंकिये क्योंकि श्रोता आपको सुनने के लिए उपस्थित हैं इस कारण आप स्टेज पर खड़े हैं. बड़ी-बड़ी बातों से डींगें हांकने की जगह साधारण इंसान की तरह सामान्य शब्दों में अपनी बात श्रोताओं तक पहुंचाइए. इस बात का ध्यान मन में हमेशा होना चाहिए कि बड़ी-बड़ी और साहित्यिक बातें सिर्फ प्रशंसा के लिए अच्छी लगती हैं परन्तु सामान्य बातें सीधे श्रोता के दिल पर असर डालती हैं. बड़ा व्यक्ति जितना ज़मीन से जुड़कर बात कहता है उतनी ही ज्यादा वह प्रसिद्धि हासिल करता है..
12) नकल का नहीं अकल का करें इस्तेमाल :
कई लोग दूसरों के स्पीच की नकल को हुबहू श्रोताओं तक पहुँचाते हैं लेकिन जो श्रोता उसी स्पीच को सुन चुके हैं उसे सुनने के लिए वो दोबारा अपना समय नष्ट नहीं करेंगे. इसलिए अपने अक्ल और मन से काम लीजिए. शब्दों में सादगी के साथ अपने भाषण की शुरूआत कीजिये. किसी भी भाषण में अपने स्वयं की अलग पहचान बनाने का प्रयास कीजिये. आपकी फीलिंग्स जो आपके दिल और शरीर को एक सामान्य सी अवस्था में व्यक्त करता है, वे सब दूसरों की नकल से कभी भी पैदा नहीं हो सकतीं हैं.. इसलिए जितना अच्छा हो सके स्टेज पर खुद की छवि बनाने का प्रयास करें।
13) ह्यूमर का प्रयोग करें :
अच्छे वक्ताओं का एक बहुत बड़ा हथियार होता है Humour या हास्य . भाषण में बीच -बीच में हास्य का प्रयोग श्रोताओं को बांधे रखता है और गंभीर विषयों को भी नीरस होने से बचाता है . हास्य का एक अहम पहलु है , “खुद पर हंसना”, ऐसा करना आपके व्यक्तित्व की विनम्रता को उजागर करता है. आपसे सम्बंधित कोई मजाकिया अनुभव श्रोताओं के बीच रखकर आप माहौल को खुशनुमा बना सकते हैं .
Humour का एक dark side भी है , अगर आपकी timing सही नहीं है तो audience पर इसका उल्टा असर भी हो सकता है . इसलिए अगर आप इस कला में निपुण हो तो जबदरदस्ती try न करें . और ये भी ध्यान रखें कि कभी किसी religion, race, sex, etc, को लेकर कोई मज़ाक न करें .
14) हमेशा उत्साहित रहें और श्रोताओं को उत्साहित करें:
आपको जिस Topic पर Speech देने के लिए बुलाया गया है उस विषय पर हमेशा खुद को Positive रखिये. आपका पूरा उत्साह आपकी बातों और शरीर से झलकता हुआ प्रतीत होना चाहिए. आपने कभी नीलामी होते हुए जरूर देखा होगा, वहाँ मुख्य वक्ता किस तरह से पूरे उत्साह से भरकर बोली लगाता है कि देखते ही देखते वो सबको अपनी ओर इतना आकर्षित कर देता है कि लोग अपनी हैसियत से ऊँची बोली लगा बैठते हैं.. जब भी आप अपना भाषण श्रोताओं तक पहुँचाने वाले हों तो स्वयं को उत्साह के चरम सीमा पर लेजाइये.. आपका आत्मविश्वास और उत्साह लोगों के दिल में आपकी जगह सुरक्षित कर देगा.
15) दिए गए वक्त में भाषण पूरा करें :
कई बार लोग शुरुआत तो अच्छी करते हैं पर अपनी बात को इतना खींचते चले जाते हैं कि श्रोता बोर हो जाते हैं। कम शब्दों में अपनी बात कहना एक कला है , और एक अच्छा वक्ता इस बात को बखूबी जानता है. इसलिए आपको भाषण के लिए जितना समय दिया गया है उतने में ही अपनी बात पूरी करिये। याद रखिये एक अच्छा वक्ता वो नहीं होता जो सिर्फ अच्छी तरह भाषण शुरू करना जानता है , बल्कि वो वो होता है जो सही समय पर रुकना भी जानता है।
16) Thanks करना न भूलें :
Gratitude दुनिया की सबसे अच्छी feelings में से एक है . Speech के अंत में आयजकों , sponsors, श्रोताओं , इत्यादि के सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद करना न भूलें . सब कुछ अच्छा करने के साथ -साथ अगर आप दिल से लोगों को धन्यवाद देते हैं तो ये सोने पे सुहागा जैसा काम करता है , इसे कभी मिस ना करें .
17) अंत भला तो सब भला : भाषण का अंत प्रभावशाली होना चाहिए . स्पीच के अंत में लोगों में जोश पैदा होना चाहिए, या उन्हें अच्छा feel होना चाहिए। कई नेता इसके लिए अंत में जय हिन्द या वन्दे मातरम जैसे नारे लगवा देते हैं। ऐसा हर जगह तो नहीं किया जा सकता पर आप कुछ शेरो-शयरी या कोई अच्छा सा quote तो use कर ही सकते हैं। Speech को positive note पे end करना उसे यादगार बना देता है और लम्बे समय तक लोग उसे याद रखते हैं . अतः भाषण का अंत कैसे हो इसपर विशेष ध्यान दें .
Friends, आज आप चाहे जैसे भी वक्ता हों , practice, patience और preparation से आप एक उच्च स्तर के वक्ता बन सकते हैं . तो चलिए इन बातों का ध्यान रखते हुए अपने efforts में जुट जाइए और महान वक्ताओं की श्रेणी में खुद भी शामिल हो जाइए .
किरण जी पिछले कुछ समय से एक प्रेरणादायक हिंदी किताब “हमारी सफलता” पर कार्य कर रहे हैं . वह एक स्टूडेंट होने के साथ एक मोटिवेशनल राईटर हैं. उनका रुझान समाज सेवा और आध्यात्म में गहरा होता जा रहा है. साथ ही वो एक प्रोफेशनल ब्लोगर और वेबसाइट डिजाईनर भी हैं. आप उनके ब्लॉग पर विजिट कर उनके लेख पढ़ सकते हैं.
अगर जानते हैं तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन अगर नहीं जानते हैं तो आज जान जाइए। क्योंकि वो एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें जानकर आप खुद को inspire कर सकते हैं, अपनी हताशा को एक नयी उर्जा में बदल सकते हैं, और उन्हें जानकर आप अपनी लाइफ को हमेशा-हमेशा के लिए change कर सकते हैं !
तो आइये पहले short में उनका profile देख लेते हैं :
Sandeep Maheshwari Wiki in Hindi – A snapshot
नाम :
संदीप महेश्वरी / Sandeep Maheshwari
जन्म :
28 सितम्बर 1980, दिल्ली (Age: 34 Years)
क्यों famous हैं?
अपनी कंपनी Imagesbazaar.com के लिए, और उससे अधिक अपनी motivational seminars के लिए, जिन्हें आप YouTube पर देख सकते हैं।
शिक्षा :
College dropout, B.Com की पढाई अधूरी छोड़ दी।
Awards & Recognition
Creative Entrepreneur of the Year 2013 by Entrepreneur India Summit
One of India’s Most Promising Entrepreneurs by “Business World” magazine
Star Youth Achiever Award instituted by the Global Youth Marketing Forum
Young Creative Entrepreneur Award by the British Council, a division of the British High Commission
Pioneer of Tomorrow Award by the “ET Now” television channel
Sandeep Maheshwari Biography in Hindi – An inspiring success story
“संदीप“ एक आम सा नाम; I am sure, आप संदीप नाम के कई लोगों को जानते होंगे। लेकिन मैं आज जिस संदीप के बारे में बात कर रहा हूँ वो special है, क्योंकि इस संदीप ने ना सिर्फ अपनी लाइफ बदली है बल्कि अपनी life changing seminars और YouTube channel के through लाखों-करोड़ों लोगों को एक बेहतर ज़िन्दगी जीने के लिए inspire किया है।
दोस्तों, जब कोई साधारण इंसान कुछ बड़ा करता है तो अपने आप ही वो हमारे–आपके जैसे common लोगों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन जाता है। क्योंकि उसे देखकर लगता है यार ये तो बिलकुल अपनी तरह का बन्दा है, और जब ये कर सकता है तो हम क्यों नहीं? संदीप माहेश्वरी भी बिलकुल वैसा ही बन्दा है…. मिडल क्लास फैमिली का एक आम सा बंदा जिसने कुछ बड़ा किया है और जो हमें भी अपनी लाइफ में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा देता है ।
तो आइये जानते हैं Sandeep Maheshwari की inspirational story:
दिल्ली का एक मिडल क्लास लड़का, किराए के दो कमरे के छोटे से मकान में रहता था, जब बहुत छोटा था तब पड़ोस के एक बच्चे के पास लाल साइकिल देखकर मन मचल गया, पिता से साइकिल दिलाने की जिद्द की; जवाब आया “ मैं कोई टाटा–बिड़ला नहीं हूँ जो इसकी सारी फ़रमाइशें पूरी करता रहूँ।”
माँ से पूछा, “ ये टाटा-बिड़ला क्या होता है?” “ये ऐसे लोग होते हैं जिनके पास ढेर सारे पैसे होते हैं।”, माँ ने पीछा छुड़ाते हुए कहा।
बच्चे ने फैसला किया कि वो बड़ा होकर “टाटा-बिड़ला” बनेगा। मगर लोग उसका मजाक उड़ाने लगे, जोकि ज्यादातर cases में expected है।
पर ये मजाक उड़ाना, discourage करना जारी रहा कभी किसी चीज को लेकर तो कभी किसी चीज को लेकर और बड़े होते होते ये बातें संदीप के दीमाग में इतनी बैठ चुकी थीं कि उन्हें लगने लगा कि कहीं से 10-15 हज़ार की नौकरी मिल जाए वही बहुत है।
इस विडियोमें मैंने संदीप जी के चुने हुए best 30 thoughts को अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड किया है. एक बार ज़रूर सुनें:
जब संदीप 15-16 साल के थे तब उनके परिवार पर एक बड़ी मुसीबत आ गयी, उनके पिता का 20 साल पुराना अलुमुनियम का बिजनेस था, पार्टनर्स से हुई कुछ अनबन की वजह से उन्हें वो बिजनेस छोड़ना पड़ा।ये एक बड़ा संकट था, जब पैसा कम होता है तो परेशानियाँ अधिक हो जाती हैं। संदीप का परिवार भी तमाम परेशानियों से जूझ रहा था। पिताजी भी depression में रहने लगे। संदीप को लगा कि उन्हें कुछ करना चाहिए, वो परिवार के साथ मिल कर छोटे-मोटे काम करने लगे –
माँ ने खजूर के पान बनाये, जिन्हें संदीप ने बेचने की कोशिश की नहीं बिका- Failure
STD-PCO चलाने का प्रयास किया, नहीं चला –Failure
Call-Center और इधर-उधर इंटरव्यू दिए, कहीं selection नहीं हुआ- Failure
हर तरफ निराशा,disappointment,उम्मीद की कोई किरण नहीं, टाटा- बिड़ला बनने का ख्वाब देखने वाला लड़का अब 5-6 हज़ार की नौकरी के बारे में सोचने लगा।
Sandeep Maheshwari की life का Turning Point : फिर संदीप की लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट आया, जब वे अठारह साल के थे तब किसी के बुलाने पर वे एक MLM company की seminar में गए। तीन घंटो में वहां उन्हें कुछ समझ नहीं आया लकिन अंत में जब एक लड़के ने स्टेज पे खड़े होकर बताया कि उसकी उम्र 21 साल है और वो महीने का ढाई लाख कमाता है तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गयी।
Sandeep आश्चर्य में थे, उन्हें लगा जब इस 21 साल के लड़के के लिए महीने का ढाई लाख कमाना आसान है तो उनके लिए भी है, जब ये कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूँ। और अचानक आई इस बिलीफ ने संदीप की लाइफ हमेशा-हमेशा के लिए बदल दी।
संदीप MLM company में successful होने के लिए जी जान से जुट गए, पर सफल न हो पाये ; एक बार फिर उन्हें failure का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार की विफलता से वे निराश नहीं हुए। ये काम उन्होंने दुसरे की मोटिवेशन से शुरू किया था, उनकी अपनी desire नहीं थी।
संदीप जल्द ही कुछ और करना चाहते थे, मन में आया की मॉडलिंग कर लेता हूँ।
संदीप ने कॉलेज लेवल पर modelling शुरू की, थोड़ा घुसे तो पता चला हर दूसरा आदमी मॉडल बनना चाहता है, संदीप यहाँ भी सफल ना हो पाए लेकिन इस फील्ड में जाना उनकी आगे आने वाली लाइफ को बदलने वाला था।
संदीप मॉडलिंग वर्ल्ड की बहुत सारी बातें समझने लगे, बहुत गंदगी थी इस field में, 99% मॉडलिंग एजेंसीज फ्रॉड थीं, जो models को सिर्फ exploit कर रही थीं, तब संदीप के मन में आया कि मॉडल्स के लिए कुछ किया जाए, पर ये समझ नहीं आ रहा था कैसे?
फिर एक दिन उनका एक model दोस्त अपना पोर्टफोलियो लेकर आया, उसकी images देखकर संदीप बहुत excited हो गए। उसी क्षण उन्होंने फैसला कर लिया कि उन्हें photography सीखनी है। साउथ दिल्ली में सिर्फ २ हफ़्तों का एक कोर्स किया और एक बढ़िया सा कैमरा खरीद कर शौकिया फोटोग्राफी करने लगे। पर इस फील्ड में भी पहले से महारथियों की फ़ौज खड़ी थी, 2 हफ्ते क्या लोग 2-2 साल के कोर्स करके बैठे थे और कुछ ख़ास नहीं कर पा रहे थे।
Sandeep Maheshwari Wiki in Hindi contd…
संदीप के मन में एक आईडिया आया, वो अपने मॉडलिंग एक्सपीरियंस का यूज करते हुए एक लिस्ट बांटने लगे जिसमे genuine और fraud modelling agencies के नाम थे। लोग इनका ये काम पसंद करने लगे। जब कुछ लोग जान गए तो संदीप ने पेपर में एक ऐड दिया कि “मुफ्त में पोर्टफोलियो बनवाएं”
संदीप ने इन्हें बनाने के लिए retail market के हिसाब से सिर्फ मटेरियल और processing cost ली, पर चूँकि उन्हें whole sales market के हिसाब से चीजें उपलब्ध थीं इसलिए उन्हें इस काम में करीब 20 हज़ार का फायदा हुआ, जो उनकी पहली मेजर कमाई थी और ये बात उन्होंने ने पोर्टफोलियो बनवाने वाले मॉडल्स को भी क्लियर कर दी।
संदीप का कहना है कि–
ज़िन्दगी में कभी भी कुछ करना है तो सच बोल दो, घुमा-फिरा के बात मत करो।
इसके बाद फोटोग्राफी का उनका काम कुछ चल पड़ा, महीने के 20-30 हज़ार आने लगे। पर गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही थी।
संदीप कहते हैं कि ,“photography में सिर्फ काम नहीं बिकता नाम बिकता है”
और अब उन्हें नाम करना था।
21-22 साल की उम्र का कोई लड़का अमूमन क्या सोचता? यही ना कि ये तो बड़ा मुश्किल है ! पर संदीप तो मानते ही नहीं कि कुछ भी मुश्किल है, उनके ज़हन में ये बात बैठ चुकी थी कि सब आसान है!
दीमाग में आया कि एक world record बनाया जाए। जिससे सब लोग उनको जान जाएं। पहुँच गए, Limca Book Of World Records के office. अधिकारी ने समझाया; कोई इंडिया लेवल का रिकॉर्ड बनाओ… ये वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना मुश्किल है, इसके लिए कम से कम 100 मॉडल्स होने चाहियें जिनकी 12 घंटे के अन्दर 10,000 फोटो खींचनी होगी वो भी सब अलग-अलग पोज में..
“हो जाएगा”, संदीप ने जवाब दिया।
लेकिन क्या ये करना इतना आसान था, बिलकुल नहीं !
बहुत से challenges आये, मॉडल्स arrange करना, पैसों का इंतजाम, etc; लेकिन अपनी धुन के पक्के संदीप माहेश्वरी के सामने एक भी टिक न सका। और संदीप ने 22 साल की उम्र में year 2003 मे ये वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
World record बन जाने से अब उनका नाम भी हो गया, आम लोग, मॉडल्स, advertising agencies सब उनको जानने लगे, उनकी agency Delhi और India level पे भी top की एजेंसी बन गयी, दो-दो offices खुल गए, खूब पैसे भी आने लगे पर संदीप खुश नहीं थे।
एक बात उन्हें अभी भी परेशान कर रही थी, मॉडल्स का कुछ ख़ास नही हो रहा था , पोर्टफोलियो बनवाने में वे इतने पैसे खर्च करते पर उन्हें काम नहीं मिलता।
संदीप में उनकी हेल्प करने के लिए एक मैगज़ीन निकाली , वेबसाइट भी लांच की पर कुछ नहीं हुआ, संदीप परेशान थे।
वो 2006 का साल था, संदीप के अन्दर मॉडल को हेल्प करने की एक बहुत बड़ी urge आई, सोचा चाहे जो हो जाए इनके लिए कुछ करना है!
संदीप कहते हैं, “जब हम बोलते हैं आसान है और जवाब मांगते हैं तो जवाब मिल जाता है।”
एक दिन उनके ऑफिस में एक ad agency वाला आया, एक मॉडल की फोटो देखी और बोला, “हमारे पास शूट-वूट का टाइम नहीं है, हम इसी फोटो को स्कैन करेंगे और सीधा ऐड में छाप देंगे। और इसके हम बस ढाई हज़ार दे सकते हैं। ”
संदीप को और क्या चाहिए था, उनके मॉडल को एक ऐड में आने का मौका मिल रहा था और कुछ पैसे भी आ रहे थे। वे फ़ौरन तैयार हो गए।
और इस incident से ही उनके दिमाग में ImagesBazaar का आईडिया आया। दरअसल, पहले क्या होता था कि ad agencies किसी मॉडल का पोर्टफोलियो देखकर उसे सेलेक्ट करती थीं , फिर जैसा ऐड होता था उस हिसाब से शूटिंग- फोटो सेशंस वगैरह किये जाते थे। पर इस बार तो सीधे पोर्टफोलियो वाली फोटो ही सेलेक्ट कर ली गयी थी। यानि अगर clients को directly उनके ऐड के मुताबिक ही फोटो मिल जाएं तो शूट करने में टाइम और पैसा खराब करना कौन चाहेगा। और इसी सोच ने Indian photos की सबसे बड़ी online repository ImagesBazaar को जन्म दिया। और आज आप अखबारों , मैगजीन्स, और बड़ी-बड़ी hoardings पे जितने भी ads देखते हैं, उनमे से ज्यादातर में ImagesBazaar की फोटोग्राफ्स use की गयी होती हैं। What an achievement ! Isn’t it?
Sandeep Maheshwari Biography in Hindi
दोस्तों, यहाँ एक बात गौर करने की है, जब संदीप को ये आईडिया आया तो वो already एक अच्छी position में थे, फिर भी उन्होंने तुरंत अपने दोनों offices बंद किये और अपना पूरा फोकस ImagesBazaar पर डाल दिया। ऐसा करने पर लोगों ने उन्हें पागल कहा, पर संदीप अक्सर कहते हैं , “जब भी कुछ बड़ा होना होता है तो आपको पागल होना पड़ेगा।” और उन्होंने ने यही किया, ImagesBazaar को लेकर वो पागलों की तरह काम करने लगे और उसे अपनी सबसे बड़ी success story बना दी।
Sandeep Maheshwari के तीन सबसे बड़े failures:
Photography शुरू करने के कुछ दिनों बाद एक दोस्त ने संदीप को एक New Year Party organize करने के लिए तैयार किया। Deal ये थी कि वो दोस्त पैसा लगाएगा और संदीप सारा काम देखेंगे। दोस्त ने शुरू में तो पैसे लगाए पर बाद में पीछे हट गया। ऐसे में संदीप ने इधर-उधर से पैसे उधार लेकर 2-3 महीने जम कर इस event को सक्सेसफुल बनाने के लिए काम किया। 800 लोग इसमें आये, event बहुत सफल रहा , पर जब अंत में profit शेयर करने की बात आई तो वो दोस्त सारे पैसे लेकर गायब हो गया और फिर कभी नहीं मिला। ये एक बड़ा धक्का था , पर संदीप कहते हैं , “सक्सेस एक्सपीरियंस से आती है और एक्सपीरियंस बैड एक्सपीरियंस से।” वो इससे जरा भी हताश नहीं हुए और घर जाकर खूब enjoy किया कि चलो आज एक बहुत बड़ी सीख मिली है।
फोटोग्राफी में घुसने के कुछ दिन बाद भी Sandeep Japan Life नाम की एक Multi-level marketing company से जुड़े हुए थे, और तुक्के में उनके महीने के एक लाख रुपये भी आने लगे। पर यहाँ भी उन्हें लगा कि लोग ठगे जा रहे हैं, तो कुछ down line के लोगों के साथ मिलकर एक दूसरी MLM company शुरू की। इसमें खूब लग कर काम किया , software बनवाना, operations manage करना, सबकुछ किया। और शुरू में सब सही चला, 6 महीनो में 1100 लोगों ने ज्वाइन भी कर लिया पर उसके बाद पार्टनर्स में हुई किसी dispute की वजह से कम्पनी बंद हो गयी।संदीप ने इसमें काफी पैसा लगा दिया था और अब जापान लाइफ भी नही थी और यहाँ भी कुछ नहीं था , एक बार फिर वो ZERO पे थे।
जब संदीप MLM में भी फेल हो गए और अभी फोटोग्राफी में भी स्ट्रगल चल रहा था तभी संदीप के दीमाग में आया कि Marketing पे एक बुक लिखी जाए और लगभग 20 साल की उम्र में उन्होंने एक बुक लिख डाली। इसकी आनोखी बात ये थी कि इसे आगे से नहीं पीछे से पढना था । पर इसे खरीदने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई, 1000 में से करीब 150 copies ही बिकीं और बाकी 850 को माँ ने कबाड़ वाले को बेच दिया।
पर क्या ये failures सचमुच इतने बुरे थे?
संदीप कहते हैं कि-
मैं सिर्फ good luck को मानता हूँ, bad luck नाम की इस दुनिया में कोई चीज नहीं, क्योंकि जो होता है अच्छे के लिए होता है। इसका मतलब हमारे साथ कुछ बुरा भी हो रहा है तो बुरा लग रहा है बुरा है नहीं,आज बुरा लग रहा है आगे आने वाले टाइम पे पता चलता है कि वो भी अच्छे के लिए हुआ है।
और यही सीख हमें संदीप के इन तीन बड़े failures से मिलती है :
पहले failure की वजह से संदीप को event manage करने का confidence आ गया, जिस वजह से वो photography से related अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड बना पाए, जिसमे उन्होंने खुद ही सारा कुछ मैनेज किया, नहीं तो उन्हें किसी इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी को हायर करना पड़ता जिसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
दुसरा, MLM वाला फेलियर न होता तो ImagesBazaar ही नहीं बन पाती। क्योंकि, अपनी MLM कम्पनी बनाने की वजह से उन्हें software की knowledge हो गयी , और अगर ये knowledge ना होती तो वो ImagesBazaar की कल्पना भी नहीं कर पाते।
तीसरे फेलियर, जिसमे उनकी बुक फ्लॉप हो गयी , उसके लिए संदीप कहते हैं कि ,”आज मैं जो कुछ भी कर रहा हूँ इस बुक की वजह से कर रहा हूँ”, दरअसल इस बुक को लिखने के चक्कर में उन्होंने इतनी सारी बुक्स पढ़ डालीं कि उनका माइंड बहुत ब्रॉड हो गया, और वो बिजनेस रिलेटेड या और भी कई तरह की problems को बड़ी आसानी से solve कर लेते हैं।
Sandeep Maheshwari की success का सबसे बड़ा secret?
संदीप की सफलता का सबसे बड़ा राज सिर्फ दो शब्दों में छिपा है –“आसान है”। वे किसी भी चीज को मुश्किल नहीं मानते, चाहे challenges बड़े हों या छोटे, हर बार वो यही सोचते हैं कि ये “आसान है”, और सचमुच वो उनके लिए आसान बन जाता है। और यही सलाह वो हर इंसान को देते हैं, उनका कहना है कि अगर किसी को उनसे सिर्फ और सिर्फ एक चीज सीखनी है तो वो है “आसान है” का फंडा।
Sandeep says,
अपनी life की छोटी से छोटी problems बड़ी से बड़ी problems उसमे जा कर के इन दो words को चिपका दो , अंदर से जिस दिन आवाज आने लग गयी न.. “आसान है ”, उस दिन सबकुछ सबकुछ सच मे आसान हो जाएगा.. और यही मेरी life का सबसे बड़ा secret है सबसे बड़ा… “आसान है !” इसकी power को under estimate मत करो … इसने मेरी ज़िन्दगी बदली है !
क्या कोई भी कुछ भी कर सकता है?
संदीप – “अगर मेरे जैसा लड़का जो दब्बू था…जो शर्माता था…वो अगर स्टेज पे आकर बोल सकता है तो दुनिया का कोई भी आदमी कुछ भी कर सकता है।”
संदीप मानते हैं कि, “कामयाब होना कोई बड़ों का खेल नहीं… ये बच्चों का खेल है…और अगर तुम मान लो कि successful होना बच्चों का खेल है तो क्या होगा… successful हो जाओगे…”
हम करना तो चाहते हैं पर डर लगता है कि लोग क्या कहेंगे?
संदीप-“वो क्या सोचेगा…ये मत सोचो…वो भी यही सोच रहा है. एक समय लोग मुझसे कहते थे …ये ले दस रुपये और मेरी photo खींच दे …अगर मैं यही सोचता कि लोग क्या कहेंगे तो मैं आज यहाँ नहीं होता.. दुनिया का सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग !”
आपके लिए सक्सेस का क्या मतलब है?
संदीप- “Success की सिर्फ एक definition है मेरे लिए, share करो….दिल से share करो…सबके साथ share करो… “
आपकी सबसे बड़ी सक्सेस क्या है?
संदीप- “एक बार एक बच्चे की फोटो प्रिंट हुई, मुझे इस बारे में पता भी नहीं था; उसकी माँ आई, उनकी आँखों में आंसूं थे, मुझसे बोलीं , “thank you”…यही मेरी सबसे बड़ी सक्सेस है।”
Friends, I hope Sandeep Maheshwari की ये कहानी मेरी तरह आपको भी ज़रूर inspire करेगी। ये पोस्ट लम्बी है इसकी सारी बातें याद रहे न रहे लेकिन दो बातें ज़रूर याद रखियेगा : आप जो भी करना चाहते हैं, छोटा…बड़ा…बहुत बड़ा… वो करना आसान है…आसान है…आसान है। और जब आपकी ज़िन्दगी सचमुच आसान बन जाए तो दूसरों की ज़िन्दगी आसान बनाना मत भूलियेगा….share करियेगा..दिल से share करियेगा…खूब share करियेगा…बार-बार share करियेगा !