Thursday, 27 July 2017

क्यों बचें Facebook से ? 7 reasons.



Facebook (Fb) world  की  दूसरी   सबसे  ज्यादा  visit की  जाने  वाली  site है …(पहली  Google है ).
Facebook Hindi Article
Facebook Over-use
इसे  बनाने  वाले  दुनिया  के  youngest billionaire  Mark Zukerberg ने  भी  कभी  नहीं  सोचा  था  की  ये  इतनी  जल्दी  इतनी  popular हो  जाएगी . In fact ,  अगर   आप  Fb पे  नहीं  हैं  तो  लोग  आपको  आश्चर्य  से  देखते  हैं . ..” Fb पे  नहीं  है ………….जी कैसे रहा है  …… 🙂 !!!” and all that.

आज  Fb   पे  1 billion+ registered user हैं, यानि दुनिया का हर सातवाँ आदमी Fb  पे है  and in all probability आप  भी  उन्ही में से एक होंगे . और  शौक  से  Fb use करते  होंगे . पर  जो  सोचने  की  बात  है  वो  ये कि  क्या  आप  Fb use करते  ; overuse  करते हैं …या  फिर  कहीं  आप  इसके  addict तो  नहीं  !
Let’s say use करने  का  मतलब  है  कि  आप  Fb पर  daily  1 घंटे  से  कम  समय  देते  हैं  , और  overuse करने  का  मतलब  है  1 घंटे  से  ज्यादा .  और  हाँ , use करने  से  बस  ये  मतलब  नहीं  है  कि  आप  physically system के  सामने  या अपने  smart phone  को हाथ में लेकर  use करते  हैं  even अगर  आप  Fb के  बारे  में  सोचते  हैं  तो  वो  भी  time usage में  count  होगा  after all वो  उतने  देर  के  लिए  आपका  mind space occupy कर  रहा  है .
और  अगर  आप  सोच  रहे  हैं  कि  कहीं  मैं  addict तो  नहीं  हूँ  तो  इन  traits को  देखिये  , अगर  ये  आपमें  हैं  तो  आप  addict हो  सकते  हैं :
  • आप का दिमाग अकसर इसी बात में लगा रहता है कि आपकी पोस्ट की गयी चीजों पर क्या कमेंट आया होगा, कितने लोगों ने लाइक किया होगा.
  • आप बिना मतलब बार-बार फेसबुक स्क्रीन रिफ्रेश करते हैं कि कुछ नया दिख जाए.
  • अगर थोड़ी देर आपका internet नहीं चला तो आप updates चेक करने  साइबर कैफे  चले  जाते हैं या दोस्त को फ़ोन करके पूछते हैं.
  • आप टॉयलेट में भी मोबाइल या लैपटॉप लेकर जाते हैं कि Fb use कर सकें
  • आप सोने जाने से पहले सभी को Good Night  करते हैं और सुबह उठ कर सबसे पहले ये देखते हैं की आपकी गुड नाईट पर क्या reactions आये.
अब मैं आपको अपने  usage  के  बारे  में   बताता  हूँ , on an average मैं  daily 10 minutes से  भी  कम   Fb use करता  हूँ  including Fb के  बारे  में  सोचने  का  time.  हाँ,  इसे  आप  under usage भी  कह  सकते  हैं .  🙂 In my opinion ideally Fb आधे  घंटे  से  अधिक  नहीं  use करना  चाहिए  पर  फिर  भी  मैंने  over usage को  1 घंटे  से  ऊपर  रखा  है .
और  अब  आपकी  बात  करते  हैं , आप  कितनी  देर  Fb use करते  हैं ?
Well, अगर  ये daily  1/2 घंटे  से  अधिक  है  तो  आप  अपना  time waste कर  रहे हैं , unless until आप purposefully ऐसा  कर  रहे  हैं . Purposefully  means आप  अपना बिज़नस प्रमोट कर रहे हैं, किसी social cause के लिए campaign चला रहे हैं या कोई और meaningful  काम कर रहे हैं , इन cases  में अपना टाइम देना worth  है .
किस  तरह  के  लोग  Fb ज़रुरत  से  अधिक  use करते  हैं :
In my opinion :
• जिनके  पास  कोई  meaningful goal   नहीं  है …… the wanderers

• जो  लोगोंका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं  करना  चाहते  हैं ….the attention seekers.
• जो  अपनी  life से  अधिक  दूसरों  की  life में  interest रखते  हैं …..the peepers
 क्या नुकसान कर सकता है Facebook का over usage  ?
इसकी लिस्ट तो बहुत लम्बी है लेकिन आज मैं आपके साथ 7 ऐसे  points share कर रहा हूँ , तो आइये देखते हैं इन्हें :
1)  आप  unknowingly अपनी  happiness का  control दूसरों  को  दे  देते  हैं ?
कैसे ? दरअसल  अब  आपकी  happiness इस  बात  पर  depend करने  लगती है कि  Fb पे  आपकी  बातों , आपकी  pics को  कितने  लोग  like कर  रहे  हैं , कितने  लोग  उसपर  comments कर  रहे  हैं …कैसे  comments कर  रहे  हैं …etc.  For instance आपने  एक  नई  watch ली  और  उसकी  photo post की …obviously आपको  watch बहुत  पसंद  थी  इसलिए  आपने  ली …पर  जब  Fb पे  उसे  अधिक  लोग  like नहीं  करते  और  कोई  उसका  मज़ाक  बना  देता  है  तो  आप  दुखी  हो  जाते  हैं .  और  उसका  उल्टा  भी  सही  है …आप  को  कोई  चीज  पसंद   नहीं  है  पर  बाकी  लोग  उसको  अच्छा   कह  देते  हैं  तो  आप  खुश  हो  जाते  हैं …so in a way आप  अपनी  happiness का  control अपने  Fb friends को  दे  देते  हैं . मैं  ये  नहीं  कहता  कि  ये  सभी  के  साथ  होता  है  पर  इतना  ज़रूर  है  कि  हम  कहीं  न  कहीं  इन  चीजों  से  affect होते  हैं .
And  over a long period of time ये छोटे छोटे इफेक्ट्स बड़े होते जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम अपना real self कहाँ छोड़ आये.

2) आपको  दूसरों   की  blessings और  अपनी  shortcomings दिखाई  देने  लगती  है ?
Fb पर लोग  generally अपनी  life की  अच्छी  अच्छी   बातें  ही  share करते  हैं …लोग  अपने  साथ  हो  रही  अच्छी  चीजें   बताते  हैं  , उनके  status कुछ  ऐसे  होते  हैं  “ My new machine” , “ Lost in London”..etc
In reality आप  भी ऐसा  ही  करते  हैं , पर  अन्दर  ही  अन्दर  आप  अपनी  असलीयत  भी  जानते  हैं , पर  दूसरों  के  case में  आप  वही  देखते  हैं  जो  वो  आपको  दिखाते  हैं , आपको  उनकी  नई car नज़र  आती  है  पर  उसके  साथ  आने  वाला  EMI नहीं , आपको  friend का  swanky office तो  दीखता  है  पर  उसके  साथ  मिलने  वाली  tension नहीं . और  ऐसा  होने  पर  आप  उनकी  खुशियों  को  अपने  ग़मों  से  compare करने  लगते  हैं  और  ultimately low feel करने  लगते  हैं .
Fb की  वजह  से  depression में  जाने  वालों  की  संख्या  दिन ब दिन  बढती  जा  रही  है , just beware कि  आप भी  इसके  शिकार  न  हो   जाएं .
3) Real Friends और  relationships suffer करते  हैं :
कई  बार  लोग  बहुत  proudly बताते  हैं  , “ Fb पे  मेरे  500 friends हैं …” I am sure उनमे  से  आधे  अगर  सामने  से  गुजर  जाएं  तो  वो  उन्हें  पहचान  भी  नहीं पायंगे . हकीकत में  Fb पे  हमारे  friends कम  और  acquaintances ज्यादा  होते  हैं . खैर  ये  कोई  खराब  बात  नहीं  है …लेकिन  अगर  हम  इन  more or less fake relations को  ज़रुरत  से  अधिक  time देते  हैं  तो  कहीं  न  कहीं  हमें   अपनी  family और  friends को  जो  time देना  चाहिए  उससे  compromise करते  हैं . I know हमारे  close friends और  relations भी  Fb पे होते  हैं , but  frankly speaking Fb पर  वो  भी  हमारे  लिए  आम  लोगों की  तरह  हो  जाते  हैं , क्योंकि   Fb तो  एक  भीड़  की  तरह  है …और  भीड़  का  कोई  चेहरा  नहीं  होता ….जो  सामने  पड़ा …like किया  , comment दिया  और  आगे  बढ़  गए ….individuals को  attention देना  ये  Fb की आत्मा  में  ही  नहीं  है .
4) आप  mainly addicts से  communicate करने  लगते  हैं :
शायद  आपने  Pareto principle के  बारे  में  सुना  होगा  …इस  principle का  कहना  है  कि  80% चीजों  के  लिए  20% चीजें  जिम्मेदार  होती  हैं .
For  eg. किसी  company की  80 % sales 20% customers की  वजह  से  होती  है .
ऐसा  ही  कुछ  Fb पे  भी  होता  है …80% updates 20% लोगों  द्वारा  ही  की  जाती  है …और  आप  बार  बार  उन्ही  से  linkup होते  रहते  हैं …and basically ये  वही  Addict kind of लोग  होते  हैं  जो  बस  Fb से  चिपके   ही  रहते  हैं . और  ऐसे   लोगों   से  interact करना  शायद  ही  कभी  आपको  काम  की  चीजें  बता  पाएं . ये  mostly waste of time ही  होता  हैं .
5)  आपको  Socially active  होने  का  भ्रम  हो  जाता  है  और  reality इसके  उलट  होती  है :
Facebook पे  होने  से  कई  लोग  खुद  को  socially active समझने  लगते  हैं , और  friends को  hi -bye कर  के  अपना  role पूरा  समझ  लेते  हैं . धीरे -धीरे  ये   बिलकुल  mechanical हो  जाता  है …आप  Fb पे  तो  hi करते  हैं  लेकिन  जब  उसी  दोस्त  से  college या  office में  मिलते  हैं  तो  react भी  नहीं  करते …it is like आपकी online presence मायने रखती हो पर आपका खुद का मौजूद होना बेमानी हो .
और  जब  आप  ऐसे  behave करते  हैं  तो  लोग  आपको  avoid करने  लगते  हैं  और  कहीं  न  कहीं  आपको  fake समझने  लगते  हैं . यानि  आपको  तो  लगता  है  कि  आप  सबसे  touch में  हैं  पर  इसके  उलट  आप  अपना  touch खोते  जाते  हैं .
6) आपकी  health पर  बुरा  असर  पड़ता  है :
Fb पर  लगे  रहने  से  आपको  फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की प्रॉब्लम हो सकती हैं. आपकी आँखें कमजोर पड़ सकती हैं, गलत posture में बैठने से आपको स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है . और डिप्रेशन में जाने का खतरा तो हमेशा ही बना रहता है.
7) आप  अपनी  life के  सबसे  energetic days lazy entertainment में लगा  देते  हैं :
Fb use करने  वालों  की  demography देखी जाए  तो  इसे  सबसे  अधिक  teens और  twenties के  young लोग use करते  हैं . अगर आप इस age group से बाहर हैं तो ये point आपके लिए applicable नहीं है.
Teenage और twenties  life का  वो   time होता  है  जब  आपके  अन्दर  energy की  कोई  कमी  नहीं  होती …कभी  सोचा  है  कि  इस  वक्त  भगवान्  आपको  सबसे  अधिक  energy क्यों  देते  है ….क्योंकि   ये हमारे  life making years होते  हैं ….इस  समय  आपके  सामने  करने  को  बहुत  कुछ  होता  है …..पढाई  का  बोझ  या  घर  की  जिम्मेदारी  उठाने  का  challenge…अपना  career chose करने  और  competition beat करने  की  कशमकश …अपने  दिल  कि सुनकर  कुछ  कर गुजरने  की  चाहत  …parents के  सामने  हाथ  फैलाने  की  जगह  उनका  हाथ  थामने   कि  जिद्द …और  ये  सब  करने  के  लिए  उर्जा  चाहिए  …energy चाहिए ; but unfortunately Fb का  over usage करने  वाले  उसे  गलत  जगह  invest करते  हैं . जहाँ  उनके  पास  करने  को  इतने  ज़रूरी  काम  हैं  वो  एक  कोने  में  बैठ  कर  , and in ,most of the cases लेट  कर …अपनी  life के  ये  energetic days एकदम  unproductive चीज  में  लगा  देते  हैं .
Friends अंत  में  मैं  यही  कहना चाहूँगा  कि  Fb एक  शोर -शाराबे  से  भरे  mall की  तरह  है …यहाँ  थोडा वक़्त बीतायेंगे  तो  अच्छा   लगेगा लेकिन  अगर  वहीँ  घर  बना  कर  रहने  लगेंगे  तो  आपकी  ज़िन्दगी  औरों  की  आवाज़  के  शोर  में  बहरी  हो  जाएगी . उसे  बहरा  मत  होने  दीजिये ….अपना  time अपनी  energy कुछ  बड़ा  , कुछ  valuable , कुछ  शानदार  करने  में  लगाइए  और  जब  आप  ऐसा  करेंगे  तो  आपके  इस  काम  को  सिर्फ  आपके  friends ही  नही  बल्कि  पूरी  दुनिया  Like करेगी , और  ऊपर  वाला comment देगा , “gr8 job my son
All the best!

Source: http://www.achhikhabar.com/2013/02/01/7-reasons-i-avoid-facebook-in-hindi/

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