Osho Stories in Hindi
आध्यात्मिक गुरु ओशो की कहानी
बहुत समय पहले की बात है गंगा नदी के किनारे पीपल का एक पेड़ था. पहाड़ों से उतरती गंगा पूरे वेग से बह रही थी कि अचानक पेड़ से दो पत्ते नदी में आ गिरे.
एक पत्ता आड़ा गिरा और एक सीधा.
जो आड़ा गिरा वह अड़ गया, कहने लगा, “आज चाहे जो हो जाए मैं इस नदी को रोक कर ही रहूँगा…चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए मैं इसे आगे नहीं बढ़ने दूंगा.”
जो आड़ा गिरा वह अड़ गया, कहने लगा, “आज चाहे जो हो जाए मैं इस नदी को रोक कर ही रहूँगा…चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए मैं इसे आगे नहीं बढ़ने दूंगा.”
वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा – रुक जा गंगा ….अब तू और आगे नहीं बढ़ सकती….मैं तुझे यहीं रोक दूंगा!
पर नदी तो बढ़ती ही जा रही थी…उसे तो पता भी नहीं था कि कोई पत्ता उसे रोकने की कोशिश कर रहा है. पर पत्ते की तो जान पर बन आई थी..वो लगातार संघर्ष कर रहा था…नहीं जानता था कि बिना लड़े भी वहीँ पहुंचेगा जहाँ लड़कर..थककर..हारकर पहुंचेगा! पर अब और तब के बीच का समय उसकी पीड़ा का…. उसके संताप का काल बन जाएगा.
वहीँ दूसरा पत्ता जो सीधा गिरा था, वह तो नदी के प्रवाह के साथ ही बड़े मजे से बहता चला जा रहा था.
“चल गंगा, आज मैं तुझे तेरे गंतव्य तक पहुंचा के ही दम लूँगा…चाहे जो हो जाए मैं तेरे मार्ग में कोई अवरोध नहीं आने दूंगा….तुझे सागर तक पहुंचा ही दूंगा.”
नदी को इस पत्ते का भी कुछ पता नहीं…वह तो अपनी ही धुन में सागर की ओर बढती जा रही है. पर पत्ता तो आनंदित है, वह तो यही समझ रहा है कि वही नदी को अपने साथ बहाए ले जा रहा है. आड़े पत्ते की तरह सीधा पत्ता भी नहीं जानता था कि चाहे वो नदी का साथ दे या नहीं नदी तो वहीं पहुंचेगी जहाँ उसे पहुंचना है! पर अब और तब के बीच का समय उसके सुख का…. उसके आनंद का काल बन जाएगा.
जो पत्ता नदी से लड़ रहा है…उसे रोक रहा है, उसकी जीत का कोई उपाय संभव नहीं है और जो पत्ता नदी को बहाए जा रहा है उसकी हार को कोई उपाय संभव नहीं है.
व्यक्ति ब्रह्म की इच्छा के अतिरिक्त कुछ कभी कर नहीं पाता है, लेकिन लड़ सकता है, इतनी स्वतंत्रता है। और लड़कर अपने को चिंतित कर सकता है, इतनी स्वतंत्रता है…इतना फ्रीडम है।
इस फ्रीडम का प्रयोग आप सर्वशक्तिमान की इच्छा से लड़ने में कर सकते हैं और तब जीवन उस आड़े पत्ते के जीवन की तरह दुःख और संताप के अलावा और कुछ नहीं होगा…या फिर आप उस फ्रीडम को ईश्वर के प्रति समर्पण बना सकते हैं और सीधे पत्ते की तरह आनंद विभोर हो सकते हैं.!
Source: http://www.achhikhabar.com/2017/07/02/osho-stories-in-hindi/
hello this blog is very informational, i loved to read it, mne apni website life triangle k kuchh behad shandar vicharo ko likha h wo bhi hindi, mujhe poora yakeen h ki apke pathako k liye ye behad madadgar savit honge, asha karta hun k ap niche diye gaye link ko apne is post m sajha kr meri madad krenge.
ReplyDeletehttps://lifetriangle.in/osho-quotes-in-hindi/
बहुत ही उम्दा article लिखा है अपने
ReplyDeletebhannaat.com की और से आपको शुभकामनायें