जब मैं छोटा था तो मेरे लिए हर एक चीज Possible थी. बड़े से बड़े पेड़ पर चढ़ जाता था बिना यह जाने या सोचे कि पेड़ कितना ऊँचा है. और उस वक़्त बिना किसी डर के, बिना किसी के साथ के मैं उसे आसानी से कर जाता था. उस वक़्त मेरे दिमाग में बस एक आईडिया होता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है और एक बहुत बड़ा Belief होता था जिसके Through हम ये सोचते ही थे कि पेड़ पर किसी भी हालत में चढ़ना ही है और हम उस ऊँचाई तक पहुंचकर ही दम लेते थे ..
लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरे अन्दर कुछ छोटे-बड़े चेंजेस आने शुरू हो गये.
जब स्कूल में होता और किसी एक सब्जेक्ट में भी मार्क्स कम आ जाते तो मैं बहुत रोता, किसी विषय में फ़ैल हो जाने पर यही सोचता “कि मैं इसे कभी नहीं कर सकता”
जब कोई दोस्त आगे निकल जाता तो उस वक़्त लगता “कि मुझसे यह कभी नहीं होगा”
जैसे ही स्कूल, कॉलेज की पढाई खत्म हुई मुझे लगा कि कोई बिजनेस कर लेते हैं लेकिन उस वक़्त भी एक बड़ी रूकावट थी .. मुझे लगा कि “यह इतना आसान नहीं है…”
और जब मैं एक बिजनेस में Involve हुआ, उसी समय दिमाग में एक बेहतरीन आईडिया ने जन्म लिया. और जब मैंने उस आईडिया को अपने पार्टनर्स के साथ शेयर किया तो सबने कहा हमें इसके लिए किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना.
उस एक आईडिया में वो सारी चीजें शामिल थीं जिससे गरीब क्षेत्रों में, मैं लोगों को जॉब देख सकूँ, कोई बेरोजगार न रहे, सब लोगों के पास अपने आवश्यकता की चीजें उपलब्ध हों और उस एक आईडिया की बदौलत कुछ ऐसा हो कि पूरा देश या दुनिया मुझ पर गर्व महसूस करे.
उस एक आईडिया की वजह से सबका विकास हो, जिससे हम दुनिया को कुछ नया दे सकें .. इन सबके बावजूद उस समय भी मेरे दिमाग में बस एक चीज ही चल रही थी “कि अभी भी मैं Sure नहीं हूँ कि ऐसा कुछ होगा”
उस आईडिया के बारे में मैं बस सोचता ही रहता है लेकिन कुछ Doubts के कारण मैं उस Idea को Reality में Convert नहीं कर पाया.
लेकिन कुछ सालों बाद जब मैंने अखबार का पन्ना पलटा मेरे सामने एक सख्स की तस्वीर थी जिसे Entrepreneur of the Year के लिए सम्मानित किया गया था और वह बस उस एक आईडिया के कारण जो कभी मेरा आईडिया हुआ करता था … उसे, उस एक आईडिया के लिए ही बहुत बड़े-बड़े पुरूस्कार मिले और वह उस साल का हीरो साबित हुआ.
मुझमे और उस Entrepreneur में क्या फर्क था ?
सिर्फ इतना कि उसने उस आईडिया को Reality में कन्वर्ट करने के लिए उसने Action लिया..
यदि आपको पता न हो तो मैं बता दूँ कि उस एक आईडिया के लिए उसे Creative Young Entrepreneur of the Year से नवाजा गया और वह इसका हक़दार था.
उस Entrepreneur की जीत का सबसे बड़ा कारण यही था कि उसने ACTION लिया….
यही आईडिया जब मैं बच्चा होता, तब यदि आये रहता तो क्या मैं ACTION लेता?
आपका भी जवाब इसके लिए यही होगा “कि हाँ जरूर लेता क्योंकि उस समय मेरे Believe इतने मजबूत होते कि मैं बिना ACTION लिए चैन से बैठता नहीं!
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा, बस मुझे अपने आईडिया को हकीकत में बदलने की जरूरत है
क्योंकि यह बिलकुल हो सकता है …..जब मैं BELIEVE करूँ….
क्योंकि अब मैं समझ चुका हूँ कि Creativity हमेशा एक BELIEVE से ही स्टार्ट होती है…
दोस्तों, हम अपने-अपने क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, ज्यादातर लोग भी चाहते हैं कि वे Entrepreneur of the Year की पहचान को कायम रखें या Entrepreneur of the Year में अपना नाम शामिल करें… इसके लिए उनके पास Idea भी रहता है उस आईडिया को Reality बनाने के लिए एक स्टेप आगे बढ़कर वे प्लान भी बहुत सारे बनाते हैं लेकिन आखिर में अपने Believe को कमजोर कर देते हैं और इसके लिए Action नहीं लेते.. यदि आप सचमुच Entrepreneur of the Year बनना चाहते हैं या अपने लेवल पर Success, Achieve करना चाहते हैं तो उस बच्चे की तरह बनिए जो सिर्फ यह देखता है कि उसे, उस ऊंचाई तक पहुंचना है जो उसका Last Step है.. जब तक आप अपने Last Step तक नहीं पहुँच जाते तब तक अपने हर एक स्टेप को क्लियर करते जाइए.. BELIEVE कीजिये कि आप कर सकते हैं और आप कर जायेंगे, क्योंकि आपके पास वो दमदार आईडिया है, जिसके लिए आपके पास प्लान है, या इस ऊंचाई तक पहुँचने का वो जूनून है, जहाँ बिना पहुंचे आप चैन से बैठ नहीं सकते, आप अभी भी ठीक उस बच्चे की तरह ही हैं जिसका विश्वास ही उसकी सफलता निर्धारित करती है, आप भी उस बच्चे की तरह ही हैं जो यह नहीं देखता कि पेड़ कितना बड़ा या ऊँचा, जो सिर्फ यह देखता है कि उसे उसकी मंजिल तक पहुंचना है, चाहे कोई उसका साथ दे या नहीं!
इसलिए आज से ही अपने BELIEVE के साथ आगे बढ़ना शुरू कीजिये, और उस बच्चे की तरह कितने बड़े से बड़े Target को Achieve कर लीजिये…
Source: https://www.hamarisafalta.com
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