जीवन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा– एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी
Motivational Hindi Story On Healthy Competition In Life
डेविड नाम का व्यक्ति बहुत ही धनी (Rich) और कई फैक्ट्री का मालिक था। वह अपनी सभी फैक्टरियों का संचालन बहुत अच्छी तरह से कर रहा था।
एक बार उसने नोटिस किया की उसकी एक फैक्ट्री का उत्पादन (Production) लगातार कम होता जा रहा है।
डेविड अपनी उस फैक्ट्री में गया और वहां के मैनेजर से फैक्ट्री के लगातार कम हो रहे उत्पादन के बारे में पूछा, “आप जैसे अच्छे मैनेजर के होते ऐसा क्या कारण है कि इस फैक्ट्री का उत्पादन कम होता जा रहा है?”
मैनेजर ने कहा, “फैक्ट्री के मजदूरों का उत्साह (Cheerfulness) कम होने की वजह से वह सही से कार्य नहीं कर रहे हैं। मुझे खुद समझ में नहीं आ रहा है कि उनका उत्साह बढ़ाने के लिए मैं क्या करूँ।”
डेविड ने कहा, “क्या आपने कुछ ऐसा किया जिससे मजदूरों का उत्साह बढ़ सके?”
मैनेजर बोला, “मैंने अपनी तरफ से सभी तरीके अपनाकर देख लिए हैं। मैंने मजदूरों को बहुत समझाया, उन्हें कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे कोई फायदा नहीं हुआ तो मैंने उन्हें डराया और धमकाया, उन्हें नौकरी से निकालने का डर भी दिखाया। लेकिन इन सभी तरीकों से कोई भी फायदा नहीं हुआ।”
अब फैक्ट्री का मालिक डेविड सोच में पड़ गया।
तभी उसे एक उपाय ध्यान में आया।
उस फैक्ट्री में दो शिफ्ट में कार्य होता था। डेविड ने फैक्ट्री के नोटिस बोर्ड के पास एक बहुत बड़ी थैली लटका दी जिसमे बहुत सी ऐसी चीजें थीं जो दैनिक जीवन में बहुत काम की थीं। साथ ही उसने नोटिस बोर्ड पर “अगले दिन मिलने वाले उपहार (Gifts for next day)” लिख दिया।
अब उसने मैनेजर को कुछ समझाया और वहां से चला गया।
शाम का समय था। दिन की शिफ्ट में काम करने वाले मजदूर चले गये थे और रात की शिफ्ट में काम करने वाले मजदूर आ चुके थे।
जब रात की शिफ्ट में काम करने वाले मजदूर आये तो उन्होंने नोटिस बोर्ड को पढ़ा और उसके पास लटकी बहुत बड़ी थैली को देखा और मैनेजर से इसके बारे में पूछा।
मैनेजर ने कहा, “फैक्ट्री के मालिक आये थे, वह ही इस थैली को लटका गए हैं और कह गए हैं कि कल शाम को यह गिफ्ट उस शिफ्ट के मजदूरों को बांट देना जिन्होंने एक दिन में अधिक उत्पादन किया हो।”
मजदूर बहुत खुश हुए। अब रात की शिफ्ट शुरू हुई।
मजदूरों ने रात भर कार्य किया और मैनेजर ने देखा कि आज उत्पादन पहले के दिनों से कुछ ज्यादा हुआ है। उस रात जितना भी उत्पादन हुआ, वह नोटिस बोर्ड पर लिख दिया गया।
अब सुबह को दिन की शिफ्ट में काम करने वाले मजदूर आये। उन्होंने भी मैनेजर से नोटिस और थैली के बारे में पूछा तो मैनेजर ने उन्हें भी सारी बात समझा दी।
दिन में काम करने वाले मजदूरों ने भी अच्छा काम किया और पहले के दिनों से अधिक उत्पादन किया। शाम को उनके द्वारा किये गए उत्पादन को भी बोर्ड पर लिख दिया गया।
दिन की शिफ्ट के मजदूरों ने ज्यादा उत्पादन किया था। अतः मैनेजर ने उन्हें उस थैली में रखे सामान को समान रूप से बांट दिया।
मजदूर बहुत खुश हुए।
अब रोज एक नई थैली शाम को टांग दी जाती थी और अगले दिन वह थैली उस शिफ्ट के मजदूरों में बांट दी जाती जिन्होंने अधिक उत्पादन किया हो।
इस तरह दोनों शिफ्ट के मजदूरों में रोज अधिक से अधिक उत्पादन करने की प्रतियोगिता (Competition) होने लगी।
मजदूर आपस में मिलकर काम करने लगे और एक-दूसरे की काम में सहायता भी करने लगे ताकि उत्पादन अधिक से अधिक हो।
फैक्ट्री का उत्पादन मजदूरों की दोनों शिफ्ट में होने वाली प्रतियोगिता की वजह से लगातार बढ़ता जा रहा था।
इस तरह कुछ ही दिनों में फैक्ट्री का उत्पादन उम्मीद से कहीं ज्यादा होने लगा जिससे फैक्ट्री का नाम हुआ और उसके मालिक डेविड को बहुत फायदा हुआ।
एक असम्भव (Impossible) लगने वाला काम अब संभव (Possible) हो चुका था। मजदूरों की Salary बढ़ा दी गई। अब डेविड और मैनेजर खुश थे और फैक्ट्री के मजदूर भी खुश थे।
यह प्रेरक कहानी हमें क्या सिखाती है?
(Moral Of This Story)
दोस्तों! इस कहानी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
दुनिया में कहीं भी लोगों की कार्य करने की क्षमता (Working power) को बढ़ाने के लिए हम लोगों को प्रतियोगिता के द्वारा प्रेरित (Motivate) कर सकते हैं।
कहानी में फैक्ट्री के मालिक डेविड ने अपनी फैक्ट्री में कार्य करने वाले दो शिफ्टों के मजदूरों के बीच एक ऐसी प्रतियोगिता करवाई जिससे फैक्ट्री का Production उम्मीद से भी ज्यादा होने लगा।
यह लोगों से काम करवाने का एक बहुत अच्छा तरीका है जिसमे किसी को भी कोई भी हानि नहीं होती।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि मैं यहाँ पैसे कमाने वाली घटिया प्रतियोगिता (Poor competition) की बात नहीं कर रहा हूँ बल्कि मैं लोगों की कार्यक्षमता (Ability to work) बढ़ाने वाली प्रतियोगिता की बात कर रहा हूँ जिससे लोगों की working skills भी बढ़ती हैं और पैसा (Money) भी कमाया जाता है।
फायदा किसी एक को नहीं बल्कि सभी को होता है।
एक Teacher अपनी class में बच्चों के बीच ऐसी प्रतियोगिता करवाकर उनकी study skills को बढ़ा सकता है।
एक कंपनी का मालिक अपने यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों के बीच ऐसा competition करवाकर उनकी working power को बढ़ाने के साथ अपनी कंपनी की growth भी कर सकता है।
एक माता-पिता अपने बच्चों के बीच ऐसी प्रतियोगिता करवाकर उन्हें पढ़ने और कुछ अच्छा करने को Motivate कर सकते हैं।
ऐसी प्रतियोगिता को स्वस्थ प्रतियोगिता (Healthy Competition) कहा जाता है जिसकी आज के समय में बहुत जरूरत है।
बहुत से लोग अपने से सीनियर की टांग खींचकर उसे गिराकर खुद आगे बढ़ने को प्रतियोगिता कहते हैं जो समय आने पर मुंह के बल गिरते हैं और फिर कभी नहीं उठ पाते।
ऐसे लोग एक Healthy Competition का मतलब कभी नहीं समझ सकते।
अतः हम दूसरे लोगों को और खुद को Healthy Competition के द्वारा Motivate करके कार्य के प्रति उत्साह (Enthusiasm for work) को बढ़ा सकते हैं और working power को बढ़ाकर कम समय में अधिक काम कर सकते हैं।
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Source: http://www.aapkisafalta.com/2016/04/hindi-short-story-on-grow-work-skills-by-healthy-competition.html
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