Tuesday, 18 July 2017

आप अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते हो? | Moral Story




Inspirational Moral Story About Children

दोस्तों! सबसे पहले मेरा आपसे एक प्रश्न है– आप अपने बच्चे को जीवन में क्या बनाना चाहते हो?
क्या आप उसे वह बनाना चाहते हो जो वह बनना चाहता है?
या फिर उसे वह बनाना चाहते हो जो आपकी उसे बनाने की इच्छा है?
इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले आप इस प्रेरणादायक कहानी (Motivational story) को जरूर पढ़ लें।


moral story about children and students in hindi
Story About Children

सुंदरवन नाम का एक बहुत सुन्दर जंगल था। उसमें बहुत से जानवर और पक्षी एक साथ रहते थे। वहां के राजा शेर ने जंगल के निवासियों के लिए सभी जरुरी सुविधाएँ दे रखी थीं।
शेर चाहता था कि जंगल के सभी लोग पढ़े लिखे हों, इसी कारण उसने जंगल में बहुत से स्कूल खुलवा दिए थे।
इसी जंगल में एक तोता रहता था जिसे गाना गाने का बहुत शौक था। पूरे दिन जंगल में घूमकर वह सबको गाना सुनाता था। उसकी मधुर आवाज को सुनने के लिए जंगल में सभी लोग उसके आने का बेसब्री से इंतजार करते थे।
तोता बहुत खुश था। तोता रोज नए-नए गाने गाता था, खूब हँसता और मुस्कुराता था।
तोता गाना तो बहुत अच्छा गाता था लेकिन उसका मन शिक्षा प्राप्त करने में बिलकुल भी नहीं था।
एक दिन शेर को पता चला कि जंगल में एक ऐसा तोता भी है जो स्कूल में पढ़ने नहीं जाता है। शेर ने तुरंत तोते को बुलवाया और उसे अगले दिन से स्कूल जाने को कहा।
तोते को जंगल के राजा का आदेश मानना पड़ा। अगले दिन से वह भी स्कूल जाने लगा। लेकिन पढ़ाई में उसका मन बहुत कम लगता था। स्कूल के तुरंत बाद वह घर से बाहर निकल जाता और बहुत मन से जंगल के अन्य जानवरों और पक्षियों को अपनी मधुर आवाज में गाना सुनाता।
उसके गाने के सुर दिन व दिन और भी ज्यादा मधुर होते जा रहे थे। लेकिन जब स्कूल का परिणाम आया तो पता चला कि तोता बहुत कम सीख पाया है।
जब यह बात शेर को पता चली तो उसने तुरंत तोते और उसके शिक्षकों को बुलवाया।
शिक्षकों से तोते के स्कूल में बहुत कम सीख पाने का कारण पूछा गया तो शिक्षकों ने कहा, “तोता पूरे दिन घूमता रहता है और गाना गाता रहता है, इसी कारण यह सही से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहा है।”
शेर ने कहा, “इस तोते की शिक्षा का इंतजाम मेरे महल में ही होगा। इस जंगल के सबसे अच्छे शिक्षकों को बुलवाया जाये जो इसे सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दे सकें।”
अब तो जंगल के सबसे अच्छे शिक्षक तोते को पढ़ाने के लिए बुलाए गए। पढ़ने के लिए मोटी-मोटी पुस्तकें लाई गयीं। तोता कहीं बाहर न जा सके इसके लिए एक सुन्दर सा पिंजरा बनवाया गया।
तोते की शिक्षा शुरू हो चुकी थी।
रोज एक से एक बेहतरीन शिक्षक उसे पढ़ाने आते थे। पूरे दिन तोता पढ़ता था। अब वह कहीं भी बाहर नहीं जा सकता था। जब भी तोता गाना गाता तो उसे तुरंत रोक दिया जाता और शिक्षा पर ध्यान देने को कहा जाता।
अब तो बहुत सा धन तोते की शिक्षा पर खर्च किया जाने लगा। अब तोते के रक्षक और शिक्षक खुश थे कि तोता अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहा है लेकिन तोता क्या चाहता है, यह किसी ने ध्यान नहीं दिया।
कई सालों बाद शेर को पता चला कि तोते की शिक्षा पूर्ण हो चुकी है।
उसने तुरंत तोते को अपने दरबार में बुलाया।
पिंजरे में से निकालकर अब तोते को शेर के सामने लाया गया।
तोता चुपचाप सभी को देख रहा था। वह सुन्दर वस्त्र पहने था लेकिन एक अजीब सी खामोशी उसके चेहरे पर थी।
शेर ने शिक्षकों से पूछा, “क्या अब तोता गाना गाता है? शिक्षकों ने कहा, “बिलकुल नहीं।”
शेर ने पूछा, “क्या अब तोता शरारत करता है?” शिक्षकों ने कहा, “जी नहीं”
शेर ने पूछा, “क्या अब तोता बाहर घूमने जाता है?”
शिक्षकों ने कहा, “बिलकुल नहीं जाता, अब तो वह उड़ना भी भूल चुका है।”
शेर ने पूछा, “क्या तोता अब बहुत तेज़ हँसता और मुस्कुराता है?”
शिक्षकों ने कहा, “जी बिलकुल नहीं”
शेर ने पूछा, “लेकिन अब यह इतना शांत और गंभीर क्यों बैठा है?”
शिक्षकों ने कहा, “क्योकि अब यह एक सभ्य और पढ़ालिखा बन गया है।”
शेर ने कहा, “वाह! यह तो बहुत अच्छी बात है। हमें भी दिखाओ कि इस तोते ने क्या शिक्षा सीखी है।”
तभी एक शिक्षक ने तोते से दो अति गंभीर सवाल पूछे।
प्रश्न सुनते ही तोते ने सिर उठाया और अपने शिक्षकों द्वारा रटाये गए उत्तर को एक ही सांस में बोल दिया और फिर चुपचाप बैठ गया।
अब शेर और उसके शिक्षक बहुत खुश थे क्योकि तोता अब वैसा बन चुका था जैसा वह चाहते थे। उस तोते के अंदर से पहले वाला तोता अब मर चुका था। अब तो उसके अंदर उस तोते ने जन्म ले लिया था जैसा उसके शिक्षक चाहते थे।

इस प्रेरणादायक कहानी से आपने क्या सीखा?

Moral Of The Story

दोस्तों! इस कहानी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
कहानी में तोते को यदि बच्चा माना जाये और जो शेर है, उसे यदि अभिभावक (Guardian) माना जाये तो यह कहानी आजकल के हर एक परिवार के बच्चों से संबंधित कहानी है।
आज दुनिया बहुत तेज़ी से आगे की ओर दौड़ी चली जा रही है। हमारी बहुत सी इच्छाएं (Desires) होती हैं जिन्हें हम पूरा करते हैं और जो इच्छाएं पूरी होने से रह जाती हैं, उन्हें हम अपने बच्चों पर थोप देते हैं।
तोता अच्छा गाना गाता था, सभी को सुनाता था, जंगल में सभी उसके गाने को पसंद भी करते थे। धीरे-धीरे तोते की singing और भी अधिक मधुर (sweet) होती जा रही थी।
शेर उसे अच्छी शिक्षा (Good education) देना चाहता था, यह अच्छी बात थी लेकिन वह उसे अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा देना चाहता था, यह गलत था।
उसने यह नहीं सोचा की तोता क्या चाहता है। तोते का किस चीज में interest था, शेर को इससे कोई भी मतलब नहीं था।
सोचो यदि शेर तोते को singing की अच्छी शिक्षा दिलाता तो शायद आज तोता एक famous singer होता और खुश होता।
वह मन से गाता, दिल से हँसता और अपनी life को खुलकर enjoy कर पाता।
लेकिन एक अच्छे गायक (Singer) को उसके रक्षक और शिक्षक दोनों के द्वारा मार दिया गया। और आज तोता किस हाल में है, यह आप भी अच्छी तरह जानते हैं।
तोता केवल वही करता है जो उसे उसकी इच्छा के बिना सिखा दिया गया है। अब उसकी कोई इच्छा नहीं है, कोई creativity नहीं है।
आप जरा एक बात सोचिये कि आपके आसपास हजारों-लाखों लोग रहते हैं। किसी को नीला रंग पसंद है, तो किसी को लाल रंग। किसी को चाय पसंद है तो कोई कॉफी पसंद करता है। अर्थात सबकी पसंद अलग-अलग है।
जब सबकी पसंद अलग-अलग हैं तो सभी को एक जैसी शिक्षा कैसे पसंद हो सकती है???
दोस्तों! आपके भी तो बच्चे होंगे। अगर नहीं हैं तो आगे आने वाले समय में होंगे।
आप ही बताइए कि आप अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते हैं?
एक रटा-रटाया तोता या वो जो वह बनना चाहता है।
आप उसे अपनी इच्छायों के पिंजरे में कैद करना चाहते हैं या यह चाहते हैं कि वह खुल कर अपनी इच्छा से उड़े और सारा आसमान उसका हो?
अब आप मेरे प्रश्न का उत्तर दीजिए जो मैंने कहानी से पहले पूछा था।
क्या उत्तर है आपका?
अब निर्णय (Decision) आपका है क्योकि बच्चा भी तो आपका ही है।
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Source: http://www.aapkisafalta.com/2016/06/moral-story-about-children-students-education-in-hindi.html

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