जीवन में अवसर की पहचान- एक प्रेरणादायक कहानी
Identifying Opportunities In Life- A Inspirational Story
किसी नगर में एक बहुत गरीब व्यक्ति रहता था। एक दिन उसके यहाँ एक महात्मा जी आये। महात्मा जी बहुत भूखे थे तो उन्होंने उस व्यक्ति से खाना खिलाने को कहा।
उस गरीब व्यक्ति ने महात्मा जी का स्वागत किया, उन्हें खाना खिलाया और बहुत सेवा की।
उस व्यक्ति की सेवा से खुश होकर और उसकी गरीब स्थिति को देखकर महात्मा जी ने उसे पारस पत्थर दिया और कहा, “मैं तुम्हारी सेवा से बहुत खुश हूँ। यह लो पारस पत्थर। इससे तुम जितना चाहो, लोहे से सोना बना लेना। मैं एक सप्ताह बाद लौटकर आऊंगा और यह पारस पत्थर वापस ले जाऊंगा।”
पारस पत्थर को पाकर वह गरीब व्यक्ति बहुत खुश हुआ।
अगले दिन वह बाजार में लोहा लेने के लिए गया।
बाजार में जाकर उसने लोहे के भाव पूछे। उसे पता लगा की लोहा 100 Rs. प्रति कुंतल बिक रहा है। लोहे का यह भाव उसे बहुत ज्यादा लगा।
तब उसने दुकानदार से पूछा, “क्या लोहे का मूल्य एक-दो दिन बाद कम हो सकता है?”
दुकानदार ने उत्तर में “हाँ” कह दिया।
दुकानदार का यह उत्तर सुनकर वह अपने घर लौट आया और यह सोचने लगा कि एक या दो दिन में लोहा सस्ता हो जायेगा तब वह उसे खरीद लेगा।
दो दिन बाद वह फिर बाजार पहुंच गया। उसने लोहे के दाम पूछे तो पता चला कि अभी भी लोहा उसी मूल्य पर मिल रहा है जिस मूल्य पर दो दिन पहले मिल रहा था।
वह घर लौट आया और सोचने लगा कि लोहे का मूल्य आज भी महंगा है, हो सकता है कि कल सस्ता हो जाये।
अगले दिन वह फिर बाजार गया। उसने लोहे का मूल्य पूछा तो पता लगा कि लोहे के मूल्य में बहुत मामूली गिरावट आई है।
उसने सोचा कि चलो एक कुंतल लोहा खरीद लेते हैं लेकिन तभी उसके मन में विचार आया कि एक कुंतल लोहे को वह घर तक कैसे ले जायेगा। इतना लोहा ले जाने में तो काफी पैसा खर्च हो जायेगा। ऐसा करता हूँ कि एक या दो दिन बाद फिर से बाजार आऊंगा, तब तक लोहा और भी सस्ता हो जायेगा, इस तरह मेरे कुछ पैसे और बच जायेंगे।
दो दिन बाद वह बाजार जाने के लिए जैसे ही घर से बाहर निकला तभी उसे महात्मा जी मिल गए।
महात्मा जी ने देखा कि उस व्यक्ति की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ।
महात्मा जी ने उस गरीब व्यक्ति से इसका कारण पूछा तो उसने सारी बात बता दी।
तब महात्मा जी बोले, “अरे मूर्ख व्यक्ति! लोहा चाहे कितना भी महंगा हो लेकिन सोने से कई गुना सस्ता होता है। यदि तू प्रतिदिन एक कुंतल लोहे को सोना बनाता तो आज 7 कुंतल सोने का मालिक होता। आज एक सप्ताह पूरा हो चुका है, अब वह पारस पत्थर मैं तेरे पास से ले जा रहा हूँ।”
उस व्यक्ति को अब अपनी गलती का एहसास हुआ तो रोते हुए महात्मा जी के चरणों में गिर गया और कहने लगा, “मुझे आप एक मौका और दो, मैं एक सप्ताह बाद वह पारस पत्थर आपको लौटा दूंगा।”
तब महात्मा जी बोले, “तूने अपनी जिंदगी में आये एक स्वर्ण अवसर को अपने अविवेक के कारण खाली गंवा दिया है। ऐसे अवसर जीवन में एक बार ही आते हैं।”
ऐसा कहकर महात्मा जी पारस पत्थर को अपने साथ लेकर चले गए।
इस प्रेरणादायक कहानी से आपने क्या सीखा?
What is the moral of this inspiring story?
दोस्तों! इस कहानी से हमें जीवन का एक बहुत बड़ा सबक (A great lesson of life) सीखने को मिलता है।
सभी के जीवन में एक या दो अवसर (opportunity) ऐसे जरूर आते हैं जो हमारी जिंदगी को बदल सकते और एक बड़ा सकारात्मक बदलाव (Large positive change) ला सकते हैं। जरूरत केवल उस अवसर (Chance) को पहचानने की है।
जो व्यक्ति जीवन में आये ऐसे अवसरों को पहचान लेता है, वह सफलता (Success) प्राप्त कर लेता है।
लेकिन जो व्यक्ति ऐसे अवसरों को अपनी जिंदगी से ऐसे ही जाने देता है या वह उस अवसर को पहचान नहीं पाता तो सफलता ऐसे व्यक्ति के दरवाजे को खटखटाकर चली जाती है।
कहानी में उस गरीब व्यक्ति के जीवन में महात्मा जी के रूप में एक सुनहरा अवसर (Golden opportunity) आया था लेकिन वह अपने अविवेक (Indirection) के कारण उस opportunity को नहीं पहचान पाया और वो अवसर उसके हाथ से यूँ ही खाली चला गया।
यहाँ यह बात भी समझ लेने की है कि जीवन में आए हुए किसी अवसर को हम भाग्य (Luck) नहीं मान सकते। आया हुआ एक अच्छा अवसर (Good opportunity) हमारे ही किसी कर्म का परिणाम होता है।
कहानी में उस गरीब व्यक्ति को महात्मा जी का आदर सत्कार करने के परिणाम के रूप में वह अवसर मिला था।
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसा एक अवसर जरूर आता है जो उसे सफलता के शिखर (Top of success) तक ले जाता है।
अतः अवसर को पहचानना सीखिए। अवसर बहुत मूल्यवान होता है। (Learn how to identify opportunities. Opportunity is very valuable.)
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Source: http://www.aapkisafalta.com/2016/05/short-story-in-hindi-about-opportunity.html
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