Millionaire बनने की चाहत सभी को होती है। मैं भी करोड़पति बनना चाहता हूँ और आप भी बनना चाहते हैं। लेकिन important यह नहीं कि कौन करोड़पति बनना चाहता है बल्कि यह है कि कितने लोग करोड़पति (Millionaire) बन पाते हैं।
अमीर (Rich) बनने के लिए आज के समय में सारी दुनिया आपके सामने है। आजकल बहुत सी ऐसी possibilities हैं जिनका प्रयोग करके हम जितना चाहें उतना अमीर बन सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति money earn करने और उसे manage करने के कुछ rules सीख ले तथा इन्हें पूरे मन से follow करे तो उसे करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
दोस्तों! मेरी जानकारी में एक ऐसा व्यक्ति है जो 10 साल पहले एक मजदूर था लेकिन अमीर बनने की उनमें ऐसी लगन (diligence) लगी कि आज वह Millionaire बन चुके हैं और आसपास के लोगो के लिए प्रेरणा के स्रोत (Source of inspiration) हैं।
उनका नाम योगेश कुमार है। मैंने सोचा कि क्यों न उनसे बात की जाये और उनसे करोड़पति बनने का राज (The secret of becoming a millionaire) पूछा जाये। इसी विचार के साथ मैं उनके घर पहुंच गया। उनसे मिला और पूछा कि आप करोड़पति कैसे बने? इसके लिए आपने क्या-क्या किया?
योगेश जी पहले तो अपना कोई secret बताने को तैयार नहीं थे और केवल यही कह रहे थे कि Millionaire बनना है तो मेहनत करो। लेकिन जब मैंने बताया कि मैं अपने ब्लॉग पर आपके करोड़पति बनने के बारे में लिखना चाहता हूँ ताकि आप बहुत से लोगों के प्रेरणा स्रोत बन सकें और आपके बताये गए millionaire secret से अनेक लोग करोड़पति बन सकें तो कुछ देर सोचने के बाद वह सब कुछ बताने को तैयार हो गए।
योगेश जी बहुत अच्छे इंसान हैं, उन्होंने कहा, “मैं आपकी बातों से काफी impress हूँ और आप जो चाहें पूछ सकते हैं। मैं बताने को तैयार हूँ।” तब मैंने उनसे कहा कि आप शुरू से लेकर (जब आप मजदूर थे) अंत तक (जब आप करोड़पति बन गए) अपने Millionaire बनने के बारे में सभी कुछ बताएं।
करोड़पति बनने की एक सफल कहानी
Success story of become Millionaire
दोस्तों! तब उन्होंने मुझे अपने करोड़पति बनने का पूरा process बताया। आप भी इस सीक्रेट को जानिए और कृपया ध्यान से योगेश जी की सभी बातों को पढ़िए और जानिए कि वह करोड़पति कैसे बने? (crorepati kaise bane)
“हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति (economic condition) बहुत पहले से ही अच्छी नहीं थी। पिताजी मजदूरी करते थे और बहुत मुश्किल से घर का खर्च चला पाते थे। फिर भी उन्होंने मुझे पढ़ाया और कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया लेकिन मैं कुछ अच्छा कर पाता इससे पहले ही उनकी मृत्यु हो गयी।
घर में केवल मैं ही था जिस पर सारी उम्मीदें थीं। कुछ कर पाता, इससे पहले ही शादी कर दी गई। अब परिवार की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गयी। अब मैंने भी अपने पिता की तरह मजदूरी करना शुरू कर दिया।
जब भी मैं मजदूरी करने जाता था तो बहुत shame महसूस करता था। लेकिन मैं और मेरी wife अपनी इस position से बिलकुल भी satisfy नहीं थे। हम दोनों पढ़े लिखे थे और कुछ अपनी वर्तमान स्थिति (present situation) बदलने के लिए बहुत सोचते थे।
एक दिन जब मैं बहुत परेशान हो गया तो अपने घर से बहुत दूर एक ऐसी जगह चला गया जहाँ कोई नहीं था, केवल मैं ही अकेला था। मैं एक पेड़ के नीचे बैठ गया और सोचता रहा कि किस तरह मैं अपनी स्थिति को अच्छा कर सकता हूँ? मैं ऐसा क्या कर सकता हूँ जिससे मेरी इकनोमिक पोजीशन अच्छी हो सके? किस तरह मैं अपना जीवन अच्छा बना सकता हूँ? और अपने परिवार की सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता हूँ?
उस जगह में 5 घंटे बैठा रहा। बहुत कुछ सोचता रहा। तभी मैंने सोचा कि कैसे भी हो, मैं अपनी स्थिति को बदलकर ही रहूँगा। वहीँ बैठे हुए मैंने एक योजना बनायी और उस योजना को घर आकर एक कागज पर लिख लिया।
अब मैंने पूरी योजना अपनी पत्नी को बतायी। वह भी इस योजना में साथ देने को तैयार हो गयी। हमारे पास कोई भी कार्य करने के लिए एक भी पैसा (money) नहीं था। हमने 10,000 Rs. उधार लिया और घर के ही पास एक फुटपाथ पर कपड़ों की दुकान खोल ली जो एक टेंट की तरह थी, जिसे रोज लगाना होता था और रोज ही समेटना भी होता था।
इस दुकान पर मेरी पत्नी बैठती थी और मैं मजदूरी करने जाता था। मजदूरी से हमारा घर चलता था और दुकान से होने वाली earning से हम अपना उधार चुकाते थे और कुछ पैसे save भी करते थे।
जब उधार के सभी 10,000 Rs. चले गए तो मैंने मजदूरी छोड़ दी और दुकान के ही कुछ कपड़ों को अपनी साइकिल पर रखकर उन्हें गली-गली बेचना शुरू कर दिया। इस तरह कपड़े बेचने से मुझे मजदूरी से ज्यादा कमाई हो जाती थी। अब मैं कपड़े बेचने जाता और मेरी पत्नी दुकान चलाती थी।
साल भर में हमने इतने पैसे जमा कर लिए की कपड़ों की ऐसी ही एक और दुकान मैंने भी खोल ली। अब हमारे पास दो दुकाने थी। हम अधिक से अधिक पैसों की बचत (more saving) करते थे। हमारी saving बढ़ती ही जा रही थी।
अब तीन साल बाद अपनी की गयी money saving को किसी ऐसे कार्य में लगाना था जिससे और अधिक पैसा कमाया जा सके। अर्थात अब हमें अपनी planning के next step को follow करना था जिसे investing कहते हैं।
हमने अपने प्लान के हिसाब से दो छोटे plot खरीदे और एक छोटा सा house भी खरीद लिया। इन सभी के लिए हमें कुछ loan भी लेना पड़ा। उस छोटे मकान को हमने किराये पर दे दिया, जिससे हर month अच्छी earning हो जाती थी।
अब हमने hard work किया और अपनी दुकान के काम को आगे बढ़ाया। हम हर महीने loan की किस्त भी देते थे और saving भी करते थे। हमारी दुकान हमारी मेहनत के कारण बहुत अच्छी चल रही थीं।
हम तीन जगह से earning कर रहे थे। अपनी दोनों दुकानों से और मकान के किराए से।
अगले तीन साल के अंदर ही हमारे पास बहुत सी money saving हो गयी। अब हमने अपने पुराने दोनों मकान, जिसमे हम रह रहे थे और जो हमने खरीदा था, दोनों को बेचकर एक तीन मंजिला मकान (Three storey house) खरीद लिया। साथ ही हमने अपनी दोनों दुकानों को हटाकर और अपना बचत किया हुआ पैसा लगाकर Readymade garments का एक showroom खोल लिया।
पूरे शोरूम को हम दोनों लोग मिलकर चलाते थे। अब शोरूम से हमारी earning बहुत बढ़ गयी। तीन मंजिल मकान में हम सबसे नीचे की मंजिल पर रहते थे और ऊपर की दोनों मंजिल हमने किराए (Rent) पर दे रखी थीं। अब हम बहुत खुश थे।
अगले तीन साल बाद जब हमने हिसाब लगाया कि कितनी property हमारे पास हो गयी है और हर महीने हम कुल कितना earning कर लेते हैं तो हमारी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
हम करोड़पति बन चुके थे। (We had become millionaire)
हमारा सपना पूरा हो चुका था।
सफलता ने जयमाला हमारे गले में डाल दी थी।
उस दिन मुझे वह दिन याद आ रहा था जब मैं अपनी स्थिति से परेशान होकर घर से बहुत दूर एक अंजान जगह चला गया था और उस दिन मैंने एक planning बनाई थी जो आज successful हो चुकी थी और जिसका result मेरी उम्मीद से बढ़कर था। वह दिन मेरे लिए मील का पत्थर (milestone) साबित हुआ।”
यह सभी बातें मेरे साथ share करके योगेश जी बहुत उत्साहित और खुश थे। अब उन्होंने मुझे अपनी assets और earning का उस समय का पूरा mathematics समझाया।
उन्होंने कहा, “हम 10 साल में करोड़पति बन गए।” जिस दिन हमने अपनी सभी property और monthly earning का हिसाब लगाया वो इस प्रकार था।
उन्होंने जो दो plot खरीदे थे उनकी cost पिछले six years में चार गुना बढ़ चुकी थी। इसके अलावा उनके पास इस time एक तीन मंजिला मकान और एक readymade garments का showroom था।
1- दो प्लाट की कीमत– (400000 × 2 plot) × 4 गुना = 32,00000 Rs
2- एक तीन मंजिला मकान की कीमत– 40,00000 Rs
3- show Room की कीमत– 45,00000 Rs
कुल Property की कीमत = 32,00000 + 40,00000 + 45,00000 = 1,17,00000 Rs. (एक करोड़ से ऊपर)
इसके अतिरिक्त उनकी Monthly income इस प्रकार थी–
1- किराये से होने वाली monthly income = 35,000 Rs aprox
2- शोरूम से होने वाली monthly income = 70,000 Rs aprox
कुल Monthly income = 35000 + 70000 = 1,05000 Rs per month aprox (एक लाख से ऊपर)
अर्थात अब योगेश कुमार करोड़पति बन चुके थे।
और ये property की cost और monthly earning भी day by day बढ़ ही रही है। और मुझे लगता है कुछ समय बाद योगेश कुमार Multimillionaire बन जायेंगे।
मेरी तरफ से उनको बहुत- बहुत शुभकामनाएं।
जिस तरह योगेश जी ने एक planning बनाकर millionaire बनने में सफलता हासिल की, उसी प्रकार आप भी करोड़पति बन सकते हैं और यदि आप करोड़पति हैं तो Multimillionaire बन सकते हैं।
योगेश जी ने real estate और business में अपना पैसा लगाया और success प्राप्त की।
उनकी Planning के three steps थे–
1- कई रास्तों से पैसा कमाना (More Earning)
2- अधिक से अधिक बचत करना (More Saving)
3- बचत किये पैसों से और अधिक पैसे कमाना (Investing)
उनकी planning इन्हीं three steps से related थी।
वह इसके कारण एक मजदूर से करोड़पति बन गए। यदि आप और हम भी योगेश कुमार जी की तरह इन्हीं three steps के साथ एक अच्छी planning बनाकर चलते हैं तो जरूर करोड़पति बनकर ही रहेंगे। तो आइये देर किस बात की है, आज से ही शुरू करें।।।
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Source: http://www.aapkisafalta.com/2016/06/success-story-be-millionaire-crorepati-kaise-bane-hindi.html
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