Wednesday 26 July 2017

मूर्ख से मित्रता | Motivational Story In Hindi



एक जंगल में बहुत से पेड़ थे जिसमे दो पेड़ पास पास में थे और उनमे गहरी मित्रता थी। जिस जंगल में यह पेड़ थे उसी जंगल में कुछ जानवर भी रहते थे जिनमे कुछ खूंखार शेर भी थे। कुछ जानवर पेड़ों पर उछल कूद मचाते रहते थे तथा खूंखार शेर जानवरों का शिकार करते तथा बचा हुआ मांस व हड्डियां वहीँ छोड़ देते थे जिससे वहां आसपास गंदगी जमा हो जाती थी।
दोनों पेड़ों में से एक पेड़ जानवरों द्वारा की गयी उछल कूद तथा शेरों द्वारा की गयी गंदगी से बहुत परेशान था। एक दिन उसने अपने मित्र से कहा , “इन जंगली जानवरों ने तो बहुत परेशान कर रखा है। इन्हें इस जंगल से निकलना ही पड़ेगा। “
दूसरे  पेड़ ने कहा , “मित्र ! यह गलती मत करना। इन्ही जानवरों की वजह से ही तो हम सुरक्षित हैं वरना हम पर कोई भी संकट आ सकता है।” बहुत समझाने पर भी पहला पेड़ नहीं माना और उसने जंगल के सभी जानवरों को वहां से निकालने की अपने मन में ठान ली।
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मूर्ख से मित्रता

एक रात उस पेड़ ने जोर जोर से हिलकर भयंकर और डरावनी आवाजें नकालीं।  ये सब देखकर जंगल के सभी जानवर डर गए। उन्हें लगा जैसे कोई बहुत बड़ी परेशानी आ गयी है। सभी जानवरों में भगदड़ मच गयी और सभी जानवर अपनी जान बचाकर वहां से भाग गए।
पेड़ बहुत खुश हुआ और अपने मित्र से बोला , “देखो मित्र ! यहाँ से सारे जानवर भाग गए , अब हम चैन से रह सकेंगे। अब न ही कोई उछल कूद और न ही कोई गंदगी होगी।” उसके मित्र पेड़ ने कहा , “तुमने शायद ये ठीक नहीं किया , अब हम सब पेड़ जंगल में अकेले हैं , कभी भी हम पर परेशानी आ सकती है। देखते हैं कि कब तक चैन से रहते हैं। “
कुछ ही दिनों बाद एक व्यक्ति अपने एक पालतू जानवर का पीछा करते-करते उस जंगल में आ पहुंचा। जंगल में छाई वीरानी को देखकर उसने महसूस किया कि शायद जंगल में कोई भी जानवर नहीं है। उसने चारों तरफ नजर दौड़ाई लेकिन उसे कोई भी जानवर नहीं मिला। केवल चारों तरफ पेड़ ही पेड़ नजर आ रहे थे।
गाँव लौटकर उसने गाँव वालों से उस जंगल के बारे में चर्चा की।  अगले दिन उस गाँव के कुछ बुजुर्ग उस व्यक्ति के साथ जंगल में पहुंचे।  उन्हें ये देखकर बहुत हैरानी हुई कि जंगल में कोई भी जानवर नहीं है। उसमे से एक व्यक्ति बोला , “अब हमें लकड़ी की कोई कमी नहीं रहेगी। इस जंगल से हम जितने चाहें उतने पेड़ काट सकते हैं और यहाँ जानवरों का भी कोई डर नहीं है। “
यह बात सुनकर पेड़ ने अपने मित्र से कहा , “देखा मित्र ! मैं कह रहा था तुमसे कि यहाँ से जानवरों को मत भगाओ , अब ये लोग हम सब पेड़ो को काट देंगे। अब नतीजा भुगतने के लिए तैयार हो जाओ।
” तुम बिलकुल भी चिंता मत करो ! मैंने जिस तरह जंगल के जानवरों को यहाँ से भगाया था , ठीक उसी तरह मैं इन मनुष्यों को भी यहाँ से भगा दूंगा। अभी देखना तुम मेरा कमाल।” दूसरे पेड़ ने बहुत ही गर्व से कहा।
उस पेड़ ने अब मनुष्यों को डराने के लिए जोर -जोर से भयंकर और डरावनी आवाजें निकालीं लेकिन मनुष्य बिलकुल भी नहीं डरे। एक बुजुर्ग ने सब लोगों समझाते हुए कहा , “जब तेज हवा चलती है और पेड़ के पत्तों से टकराती है तब ऐसी आवाजें आती हैं।  तुम लोग बिलकुल भी चिंता मत करो और कल से ही इस जंगल के पेड़ों को काटने का कार्य आरंभ कर दो। “
यह सुनकर वह पेड़ अब परेशान हो गया और रोने लगा । उसे रोते देखकर उसके मित्र ने कहा , ” अब रोने क्या फायदा। जो होना है अब होकर ही रहेगा। तुम्हारी मूर्खता के कारण अब हम सब पेड़ों पर संकट आ चुका है।  अब सभी पेड़ काट दिए जायेंगे। तुम्हारी मूर्खता का नतीजा अब हम सब पेड़ों को भुगतना पड़ेगा।”
दोस्तों !!! इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि मूर्ख व घमंडी व्यक्ति से मित्रता करने पर कभी लाभ नहीं हो सकता। मूर्ख व्यक्ति अपनी हरकतों की वजह से खुद तो मुसीबत झेलता ही है , साथ में अपने संगी -साथियों को भी मुसीबत में डाल देता है। यदि मूर्ख पेड़ अपने साथी की बात मान लेता तो जानवरों के जंगल में होने की वजह से गाँव के लोग पेड़ों को काटने की हिम्मत कभी नहीं कर पाते। अतः कभी मूर्ख व्यक्ति से मित्रता नहीं करनी चाहिए। आजकल अच्छे मित्र मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा है अतः जब भी मित्र बनायें बहुत सोच समझ कर बनायें क्योकि जहाँ एक अच्छा मित्र आपको जीवन में परेशानियों के समय साथ देगा व सहायता करेगा वहीँ एक मूर्ख मित्र आपको परेशानी में डाल देगा।

Source: http://www.aapkisafalta.com/2015/08/motivational-story-foolish-friend-in-hindi.html

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