Friday 7 December 2018

ओवरी में सिस्ट की समस्या : महिलाएँ रहें सावधान! | PCOD in Hindi - by किरन मिश्रा

Polycystic Ovarian Syndrome / Disease (PCOS / PCOD ) in Hindi

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी)
आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी और व्यस्त दिनचर्या के वजह से अपने लिए फुरसत के कुछ पल निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। कई बार तो समय के अभाव की वजह से लोग अपने सेहत को भी नजरअंदाज कर देते हैं और इसी का नतीजा होता है कुछ ऐसी बीमारियां; जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए पूरी तरह से हमें अपने चपेट में ले लेती हैं।
ऐसी ही एक बीमारी है पीसीओडी (PCOD) या पीसीओएस (PCOS) ।
PCOS PCOD in Hindi

पीसीओडी (PCOD) या पीसीओएस ( PCOS) क्या है ?

पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) या पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) हार्मोनल असंतुलन के वजह से महिलाओं में होने वाली एक बीमारी है। इस बीमारी में ओवरी (अंडाशय) में सिस्ट (गांठ) बनने लगती है। आजकल बहुत सी किशोरियों और महिलाओं में बढ़ता हुआ वजन और अनियमित मासिक धर्म  (पीरियड) की समस्या बढ़ती जा रही हैं और यही दोनों समस्याएं आगे चलकर पीसीओएस बीमारी का रूप ले लेती है।
पीसीओएस या पीसीओडी एक ऐसी स्थिति होती है जब ओवरी में हर माह जरूरत से ज्यादा अंडे बनने लगते हैं। मासिक धर्म अनियमित होने की वजह से ओवरी में एक्स्ट्रा एग्स जमा होने लगते हैं जो धीरे-धीरे सिस्ट में बदल जाते हैं।
सिस्ट के लंबे समय तक अंडाशय में रहने पर कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा मेल हार्मोन टेस्ट्रॉस्टोन का लेवल बढ़ने पर चेहरे पर दाढ़ी-मूँछ जैसे बाल उगने शुरु हो जाते हैं।
आज प्रजनन की उम्र वाली बहुत सी महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो रही है। पहले यह बीमारी 30 से 35 साल की महिलाओं को अधिक होता था लेकिन आजकल कम उम्र की लड़कियां भी इसका शिकार हो रही हैं। आज केवल भारत में ही हर दस में सें एक लड़की इसका शिकार हो चुकी है।

पीसीओडी के लक्षण : पीसीओडी / पीसीओएस के निम्न लक्षण हो सकते हैं / PCOD Symptoms in Hindi

  • वजन तेजी से बढ़ना
  • अनियमित पीरियड्स
  • चेहरे व शरीर पर एक्स्ट्रा हेयर ग्रोथ
  • पेल्विक (Pelvic pain) होना
  • नियमित सिर दर्द बने रहना
  • सिर के बालों का अत्यधिक झड़ना
  • चेहरे पर बहुत अधिक मुहांसों का आना
  • अचानक भूरे रंग के धब्बों का उभरना
  • कोलेस्ट्रोल का लेबल बढ़ना
  • टाइप 2 मधुमेह का होना
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • इनफर्टिलिटी( Infertility) का खतरा

पीसीओडी के कारण: पीसीओडी के निम्न कारण हो सकते हैं / Causes of PCOS in Hindi

  • अनुवांशिक
  • हार्मोनल असंतुलन
  • ज्यादा वजन होना
  • जंक फूड का अधिक सेवन
  • मीठे ,तैलीय व वसायुक्त भोजन का अधिक सेवन
  • अनियमित जीवनशैली
  • फिजिकल एक्टिविटी कम होना
  • अत्यधिक तनाव में रहना

पीसीओडी के लिए टेस्ट:

पीसीओडी की स्थिति का सही पता लगाने के लिए चिकित्सक अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते हैं। अल्ट्रासाउंड की मदद से ओवरी का साइज और उसमें होने वाले बदलाव की सटीक जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट करा कर ब्लड में हार्मोन लेवल की स्थिति से भी इस बीमारी का पता चलना आसान होता है।

पीसीओडी का इलाज / Treatment of PCOD in Hindi

पीसीओडी के इलाज के लिए आमतौर पर डॉक्टर ओव्यूलेशन इंडक्शन, लेप्रोस्कॉपी , हार्मोन प्रोजेस्टेरोन थेरेपी का सहारा लेते हैं । इसके अलावा हार्मोन बैलेंस करने के लिए दवाएं भी दी जाती है। कई बार सर्जरी द्वारा ओवरी से सिस्ट बाहर निकाल देने के बाद भी इसके दुबारा होने की  संभावनाएं रहती हैं। इसीलिए इस बीमारी से दूर रहने के लिए हमें  हेल्दी लाइफ़स्टाइल का सहारा लेना चाहिए।

पीसीओडी को दूर करने के लिए कुछ उपयोगी टिप्स:

  • 1. ओवरवेट होने से पीसीओडी की समस्या होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है, इसीलिए वजन कम करना अत्यधिक आवश्यक है। वजन कम करने के लिए नियमित रूप से वॉकिंग, जोगिंग ,साइकिलिंग या फिर स्विमिंग करें।

  • अपने आप को जितना हो सके तनाव मुक्त रखें। इसके लिए आप योग और मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।
  • जितना हो सके हेल्दी फूड खाएं। हरी सब्जियों और फलों का ज्यादा सेवन करें।
  • तैलिय और मीठे खाने से परहेज करें।
  • रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
  • कंप्यूटर के आगे घंटो तक ना बैठे।
  • समय-समय पर डायबिटीज और थायराइड टेस्ट टेस्ट करवाते रहें।
  • रोजाना करीब 8 से 10 गिलास पानी पिए ।
  • शरीर को नुकसान देने वाली चीजें जैसे अल्कोहल, जंक फूड, कोल्ड्रिंक ,स्मोकिंग इत्यादि से परहेज करें।
  • रोज के खाने में विटामिन बी, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स, होल ग्रेन और नट्स को जरूर शामिल करें।
विशेषज्ञों के अनुसार पीसीओडी जैसी बीमारी अगर एक बार हो जाए इसे ठीक करना मुश्किल होता है। इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर हम शुरू से ही ऊपर दिए गए उपयोगी टिप्स को अपनी दिनचर्या दिनचर्या में शामिल करते हैं तो इस बीमारी को होने से रोक जरूर सकते हैं । इसीलिए स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और स्वस्थ जीवन जिएं।
Kiran Mishraधन्यवाद
किरन मिश्रा 







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