दोस्तों, इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने बहानाबाजी के कारण सफल नहीं हो पाते, और बाद में अपनी किश्मत को कोसते हैं… बहाना बनाने की बीमारी लोगों के अंदर बढती जा रही है, वे अपनी असफलता के सारे कारणों से वाकिफ होते हैं और अपने साथ एक ठोस और कोरा बहाना तैयार रखते हैं कि आखिर वे असफल क्यों हुए?
ये दुनिया केवल एक चीज ही जानती है- क्या आपने वाकई में सफलता हासिल की है?
इस पोस्ट में एक चरित्र विश्लेषक ने सबसे आम बहानों की लिस्ट बनाई है.. जा आप इस पोस्ट को पढ़ें तो बड़ी ही सावधानी से खुद की जांच करें और यह तय करें कि आप स्वयं इनमें से कितने बहाने बनाते हैं..
- अगर मेरे पास पैसा होता…..
- अगर मेरे पास पत्नी और परिवार होता…..
- अगर मेरे पास अच्छी शिक्षा होती…..
- अगर मुझे कोई नौकरी मिल गयी होती…..
- अगर मेरा स्वास्थ्य अच्छा होता…..
- अगर मेरे पास समय होता…..
- अगर समय बेहतर होता…..
- अगर दूसरे लोग मेरी फीलिंग्स को समझ पाते…..
- अगर मेरे चारों तरफ की परिस्थितियां भिन्न होतीं…..
- अगर मैं अपनी जिंदगी को दुबारा जी सकता…..
- अगर मैं इस बात से नहीं डरता कि “लोग क्या कहेंगे”…..
- अगर मुझे अवसर दिया गया होता…..
- अगर मेरे पास अब एक अवसर होता…..
- अगर दूसरे लोगों ने मुझे “इस हालत में नहीं पहुँचाया होता”…..
- अगर मुझे रोका नहीं गया होता…..
- अगर मैं अधिक युवा होता…..!
- अगर मैं वह कर सकता जो मैं चाहता हूँ…..
- अगर मैं अमीर पैदा हुआ होता…..
- अगर मैं “सही लोगों” से मिल पाता……
- अगर मुझमें वह प्रतिभा होती जो कुछ लोगों के पास है……
- अगर मेरे पास पर्याप्त “प्रेशर” होता…..
- अगर दूसरे लोग सिर्फ मेरी बात सुन लेते…..
- अगर मेरे पास खुद का बिजनसे होता…..
- अगर मेरे पास मेरा “अतीत” न होता…..
- अगर मैं किसी दूसरे इलाके में रह रहा होता…..
- अगर मैंने अपना पैसा नहीं गँवाया होता…..
- अगर मुझे इतनी कड़ी मेहनत नहीं करनी होती……
- अगर यह सच नहीं होता कि “जो होना है वह होगा”…..
- अगर मैं गलत सितारे के तले पैदा न हुआ होता…..
- अगर किश्मत मेरे खिलाफ नहीं होती…..
- अगर मुझे खुद पर भरोसा होता…..
- अगर मेरा परिवार इतना फिजूलखर्ची न होता…..
- अगर लोग इतने गूंगे न होते…..
- अगर मेरी शादी किसी सही व्यक्ति से हुई होती…..
- अगर मेरे पास इतनी सारी चिंताएं न होतीं…..
- अगर हर आदमी ने मेरा विरोध न किया होता…..
- अगर मैं यह जानता होता कि कैसे करना चाहिए…..
- अगर मैं असफल न हुआ होता…..
- अगर मैं कर्ज से बाहर निकल पाता…..
- अगर मुझे बस एक “ब्रेक ” मिल गया होता…..
- अगर मेरी प्रतिभाएं लोगों को पता चल जातीं…..
- अगर मैं इतना मोटा या दुबला-पतला न होता…..
- अगर मैं सिर्फ मुक्त होता…..
- अगर मैं किसी बड़े शहर में रह रहा होता…..
- अगर मेरे पास कुछ लोगों जैसा व्यक्तित्व होता…..
- अगर मैं सिर्फ शुरू कर पाता…..
- अगर मेरी फैमिली मुझे समझ पाती…..
- अगर मुझमें दिलेरी होती…..
- अगर मैंने पिछले अवसरों का लाभ उठाया होता…..
- अगर लोग मुझ पर इतने हावी नहीं होते…..
- अगर मुझे घर न संभालना होता और बच्चों की देखरेख न करनी होती….
- अगर मैं कुछ पैसे बचा सकता …..
- अगर बॉस मेरी तारीफ़ करता…..
- अगर कोई मेरी मदद करता
“अगर” यह सबसे बड़ा बहाना है जिसे मैं 55 वें नम्बर पर दर्शाना चाहूँगा…? यदि आप अपनी बोलचाल में “अगर” शब्द किसी भी अपने वाक्य के शुरू में बोल रहे हैं तो मैं आपके सफलता के बारे में चिंतित हूँ….
अपनी असफलता के लिए सफाई देने के लिए आज के समय में बहाने बनाना एक राष्ट्रीय शौक बन चूका है…
अल्बर्ट हबार्ट ने कहा था कि , “लोग अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए बहाने बनाकर खुद को जान बूझकर धोखा देने में इतना अधिक समय क्यों बर्बाद करते हैं… अगर इसका कोई भिन्न उपयोग किया जाए तो यही समय उस कमजोरी को सुधारने के लिए पर्याप्त होगा और तब बहाने बनाने की कोई जरूरत नहीं होगी”….
दोस्तों यदि आप अपने सफलता के दरवाजों को बंद करना चाहते हैं तभी बहाना बनाइए, तब आपको असफलता की ऊँचाइयों को छूने से कोई नहीं रोक सकता लेकिन इसका उलटा भी उतना ही सही है…
बहाना बर्बादी है, और ऊपर दिए गए बहानों का इस्तेमाल करके आप खुद को कमजोर कर रहे हैं…
हम जल्दी ही इसका अगला भाग इस साईट पर प्रकाशित करेंगे जिससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी और आप सफलता के शिखर तक पहुंचेंगे….
नोट:- यह Inspirational Hindi Article , Think and Grow Rich by Nepoleon Hill की किताब से प्रेरित है…..
धन्यवाद !
Source: https://www.hamarisafalta.com
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