ऐ दुनिया, मेरे बच्चे का हाथ थाम लो, आज स्कूल में इसका पहला दिन है. कुछ देर को इसके लिए हर चीज नई और अजनबी होगी, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके साथ नरमी से पेश आयें. आप तो जानते ही हैं कि इसका संसार अब तक घर तक ही सीमित था. इसने अपनी चहार दिवारी के बाहर कभी झाँका नहीं था. यह अब तक घर का राजा रहा है. अब तक इसकी चोट पर मरहम लगाने और इसकी ठेस लगी भावनाओं को प्यार का लेप लगाने के लिए मैं हमेशा मौजूद था…
लेकिन अब बात दूसरी होगी. आज सुबह यह सीढ़ियों से उतरकर अपना नन्हा हाथ उत्साह के साथ हिलाएगा और अपनी बड़ी साहसिक यात्रा शुरू करेगा. जिसमें शायद संघर्ष भी होगा, दुःख भी होगा और निराशा भी होगी..
इस संसार में जीने के लिए इसे विश्वास, प्यार और साहर की जरूरत होगी, इसलिए ऐ दुनिया, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इसके नन्हें हाथों को पकड़कर वे सब सिखायेंगे जो इसे जानना चाहिए.. सिखाएं जरूर लेकिन हो सके तो प्यार से…
मैं जानता हूँ कि इसे एक दिन यह समझना पड़ेगा कि सभी लोग अच्छे नहीं होते – स्त्री-पुरूष सच्चे नहीं होते… इसे यह भी सिखाएं कि संसार में हर धूर्त के लिए एक अच्छा इंसान भी है.. जहाँ एक दुश्मन है तो वहां एक दोस्त भी है… इसे शुरू में यह सीखने में मदद करें कि बुरे और धांस जमाने वाले लोगों को ठिकाने लगाना सबसे आसान ही…
इसे किताबों की खूबियों के बारे में बताएं और पढने के लिए प्रेरित करें… कुदरत के छिपे सौन्दर्य जैसे – आसमान में उड़ते पंछी, गुनगुन करते भौरें और हरीभरी वादियों में खिले फूलों को करीब से देखने और जानने के लिए इसे पूरा समय दें … इसे यह भी सिखाएं कि बेईमानी की जीत से हार जाना कहीं अच्छा है… इसे तब भी अपने विचारों पर विश्वास रखना सिखाएं जब सब कह रहे हों कि वह गलत है…
मेरे बच्चे को वह शक्ति दें जिससे वह भीड़ का हिस्सा न बनकर भेडचाल न चले जबकि सारा संसार चल रहा हो. इसे यह तो सिखाएं कि वह दूसरों की बातें सुने लेकिन हर बात सच्चाई के तराजू पर परखे और उनमें से सिर्फ अच्छाई को ही अपनाएँ…
अपनी अन्तरात्मा की आवाज को सोने-चांदी के सिक्कों से न तोले.. इसे यह सिखाएं कि वह लोगों के कहने में न आये और अगर वह अपनी सोच में खुद को सही पाता है तो वह अपने सही इरादों पर डटा रहे और संघर्ष करे… इसे नरमी से सिखाएं लेकिन ऐ दुनिया, इसे बिगाड़ें मत और कमजोर न बनाएँ क्योंकि लोहा आग में तपकर ही फौलाद बनता है…
वैसे तो ऐसा कर पाना एक बहुत बड़ी बात है, मगर ऐ दुनिया, फिर भी आप ऐसा करने की कोशिश जरूर करें… आख़िरकार वह एक बहुत प्यारा बेटा है….
हस्ताक्षर
-अब्राहम लिंकन
* ‘पलपिट हेल्पस’ से उद्धृत, फरवरी 1991, एपल सीड्स में कोटेड, ग्रन्थ 10, नम्बर 1, 1994…
You Can Win – Hindi Translation जीत आपकी किताब से प्रेरित….
Source: https://www.hamarisafalta.com
No comments:
Post a Comment