सुन्दरवन के बहुत घने जंगल में एक बहुत बड़ा और खूंखार हाथी रहता था। यह हाथी जंगल में जहाँ से भी निकलता था वहां भगदड़ मच जाती थी। जंगल के सभी जानवर अपनी अपनी जान को बचाने के लिए इधर उधर भाग खड़े होते थे। इस भागदौड़ में बहुत से जानवर तो अपनी जान भी गंवा बैठते थे।
इस घने जंगल में अनेक जानवरों की अपेक्षा ज्यादातर छोटे हिरन रहते थे और जंगल की इस भागदौड़ में सबसे ज्यादा यही हिरन हाथी के पैरों तले कुचल दिए जाते थे। इस वजह से हिरनों का जंगल में रहना बहुत मुश्किल होता जा रहा था।
अतः इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हिरनों ने एक सभा की। हाथी से छुटकारा पाने के बारे में काफी विचार होने के बाद अंत में एक बूढ़े और अनुभवी हिरन ने यह प्रण किया कि वह अपने बुद्धिबल के द्वारा हाथी से छुटकारा दिलाएगा। यह बात सुनकर सभी आश्चर्यचकित हो गए कि एक बूढ़ा हिरन किस तरह उस खूंखार हाथी से छुटकारा दिला सकता है।
हिरन की बुद्धिमानी |
अगले ही दिन वह बूढ़ा हिरन बिना किसी डर के उस हाथी के पास पहुंचा। सबसे पहले बूढ़े हिरन ने उस हाथी को प्रणाम किया।
हाथी बड़ी ही आश्चर्य से हिरन की ओर देखते हुए बोला , “कहो तुम्हारा यहाँ आना कैसे हुआ ?”
“मै तो बस अपने राजा के दर्शन करने चला आया हूँ।” बूढ़ा हिरन बोला।
“तो क्या तुम मुझे राजा मानते हो ?” हाथी ने खुश होते हुए पूछा।
तब बूढ़ा हिरन बोला , “हमारे राजा तो आप ही हैं। इसमें मानने और न मानने वाली बात कहाँ से आ गई। कल हम सब जानवरों ने मिलकर जंगल में एक सभा की थी जिसमे सभी जानवरों की मर्जी से एक निर्णय लिया गया है कि हम सब आपको अपना राजा बनाना चाहते हैं। आपमें वह सभी गुण हैं जो एक राजा में होने चाहिए। मै जंगल के सभी जानवरों की तरफ से यह प्रार्थना लेकर आया हूँ कि आप हमारे राजा बनना स्वीकार करें।”
यह बात सुनकर हाथी बहुत खुश हुआ। वह मन ही मन यह सोच रहा था कि यह जानवर मुझसे बहुत डर गए हैं, इसीलिए इन्होने मुझे अपना राजा मान लिया है।
तभी बूढ़ा हिरन बोला , “आप मेरे साथ चलने का कष्ट करें। सभी जानवर आपको राजा के रूप में देखना चाहते हैं , हम लोगो ने सब तैयारी कर ली है , आप जल्दी से चलिए और अपना राजतिलक करा लीजिए।”
हाथी मन ही मन खुश होते हुए बूढ़े हिरन के साथ चल दिया , उसके मन में ये बिलकुल भी नहीं आया कि यह जानवर जिन्हे में मारता और परेशान करता रहता हूँ वह मुझे राजा क्यों बनाना चाहते हैं। जबकि इधर बूढ़ा हिरन मन ही मन बहुत खुश था कि हाथी उसकी चाल में फंस गया है।
रास्ते में चलते हुए बूढ़ा हिरन हाथी को ऐसे रास्ते पर ले गया जहाँ बहुत अधिक दलदल थी। हाथी राजा बनने की ख़ुशी में इतना मस्त था कि उसे पता ही नहीं चला कि वह किधर जा रहा है और जब उसके पैर दलदल में पड़े तो वह सकपका गया। उसका भारी शरीर दलदल में धंसता जा रहा था। उसने निकलने ही बहुत कोशिश की लेकिन नहीं निकल पाया।
बूढ़े हिरन को मुस्कुराते देखकर वह यह समझ गया कि उसके साथ चाल चली गयी है लेकिन अब देर हो चुकी थी। हाथी दलदल में फंसकर मर गया और जंगल में खुशहाली का माहौल छा गया।
दोस्तों !!! यह कहानी मैने बहुत पहले एक किताब से पढ़ी थी और यह कहानी हमें जीवन की कई बातों को सिखाती है.……
1- हमें अपने से दुर्बल व्यक्ति को कभी भी नहीं परेशान करना चाहिए। हाथी के अत्याचारों से जंगल के सभी जानवर परेशान हो गए थे क्योकि वह हाथी से ताकत में कम थे।
2- बुद्धि के बल पर बहुत ताकतवर व्यक्ति को भी सबक सिखाया सकता है। बूढ़े हिरन ने ताकत में हाथी से इतना कम होने के बाद भी अपनी बुद्धि के बल पर हाथी को मार गिराया।
3- बड़ा और ताकतवर बनने के चक्कर में हमें अपनी भला और बुरा सोचने की शक्ति को नहीं गंवा देना चाहिए। हाथी ताकतवर तो था लेकिन राजा बनने नशा उस पर इतना चढ़ा हुआ था कि उसने अपनी सोचने समझने की शक्ति को भी गंवा दिया था और इसका नतीजा भी उसे भुगतना पड़ा।
4- हमेशा ये ध्यान रखना चाहिए कि शेर की गुफा में यदि खजाना छिपा हो , यह जानकर भी हमें सीधे शेर की गुफा में ऐसे ही नहीं चले जाना चाहिए।
Source: http://www.aapkisafalta.com/2015/08/motivational-hindi-story-on-power-of-wisdom.html
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