यदि किसी व्यक्ति के जीवन में एक बार नकारात्मकता (Negativity) आ जाती है तो उसे दूर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। लगातार नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) दिमाग में आते रहने से नकारात्मकता का जाल बढ़ता रहता है।
Negativity का शिकार व्यक्ति इससे आसानी से छुटकारा नहीं पा सकता।
रियल में होता यह है कि जब भी पहली बार किसी व्यक्ति के mind में कोई negative thought आता है और यदि वह उस विचार को अपने अंदर आने देता है तो वह thought उस व्यक्ति के माइंड में अपनी जगह बना लेता है।
अब कुछ ही समय बाद उस negative thought से प्रेरित होकर वह व्यक्ति negative work करने लगता है।
यदि इस negative thought को वह व्यक्ति बहुत समय तक अपने अंदर रहने देता है और लगातार उससे प्रेरित होकर negative action लेता रहता है तो ऐसा करना उस व्यक्ति की आदत (Habit) बन जाती है। अब वह व्यक्ति उस thought को चाह कर भी आसानी से नहीं छोड़ पाता।
इससे भी बढ़कर परेशानी तब होती है जब यह Negative thought एक चुंबक की तरह कार्य करने लगता है और लगातार बाहर मौजूद negative thoughts को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है।
ऐसा करने से प्रत्येक दिन हमारे दिमाग में बहुत से negative Ideas आते रहते हैं और वहां अपनी जगह बनाते रहते हैं। बाद में एक समय ऐसा आता है कि उस व्यक्ति का दिमाग नकारात्मक विचारों का एक घर (House of negative thoughts) बन जाता है।
यदि उस व्यक्ति के माइंड में कुछ सकारात्मक विचार (positive thoughts) पहले से मौजूद होते भी हैं तो वह negative thoughts सामने टिक नहीं पाते और वह व्यक्ति एक Negative person बनकर रह जाता है।
Negative Thoughts हमारे माइंड में आते कैसे हैं?–
अपने चारों तरफ यदि हम देखें तो बहुत तरह के लोग और चीजें दिखाई देती हैं जो लगातार positive और negative दोनों प्रकार के ideas हमें लगातार देते रहते हैं। अब हम इंसानों की एक आदत होती है कि जिस काम को मना किया जाये, वही काम करने की इच्छा रखते हैं।
इसी कारण हम खुद अपनी मर्जी से negative thoughts को आने की इजाजत दे देते हैं और जब एक बार कोई negative thought हमारे अंदर आ जाता है तो वह अपनी संख्या बढ़ाता रहता है जिसके बारे में मैं आपको ऊपर बता चुका हूँ।
Negative thoughts को अपने अंदर आने से कैसे रोका जा सकता है?–
यह एक important question है जिसका उत्तर सभी जानना चाहते हैं। सबसे पहले यह जान लीजिये कि हम अपने माइंड के मालिक खुद हैं। हमारा माइंड एक घर की तरह होता है जिसके अंदर जो भी विचार आता है, पहले हमसे इजाजत लेता है।
हमारी इजाजत के बिना कोई भी या किसी भी प्रकार का विचार माइंड में नहीं आ सकता। यदि हम चाहें तो कोई भी negative idea हमारे अंदर नहीं आ सकता।
अतः Negative thoughts को अपने अंदर आने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम उसे अपने अंदर आने की अनुमति ही न दें। जब तक हम इजाजत नहीं देंगे तब तक कोई भी विचार हमारे अंदर आ ही नहीं सकता।
मैं एक उदाहरण द्वारा आपको समझाता हूँ, यदि कोई व्यक्ति एक आग का गोला अपने हाथ में पकड़े हुए आपसे कहे कि इस आग के गोले को आप अपने हाथ में ले लो तो क्या आप उसे अपने हाथ में लेंगे??? ……..मुझे मालूम है कि आप ऐसा कभी नहीं करेंगे क्योंकि ऐसा करने से आपका हाथ जल जायेगा।
एक बार यह सोच भी लो कि आपने अपने हाथ में उस आग के गोले को लेने की इजाजत दे दी तो क्या होगा?
2 सेकंड तो हाथ नहीं जलेगा केवल आपके हाथ का ताप बढ़ेगा लेकिन 2 सेकंड के बाद हाथ जलना शुरू हो जायेगा। अब यदि आपने अब भी उस आग के गोले को अपने हाथ से नहीं छोड़ा तो वह अपनी आग खुद बढ़ा लेगा और धीरे धीरे यह आग आपके पूरे शरीर में फ़ैल जाएगी। अब आप चाह कर भी उससे नहीं बच सकते।
दोस्तों! इसी प्रकार बाहर से बहुत से लोग हमारे माइंड में negative thoughts डालते रहते हैं। अब यह आपकी मरजी है कि आप उस negative thought को अपने अंदर लेते हैं या नहीं।
Negative thought भी किसी आग के गोले से कम नहीं है। यह पहले आपसे एक गलत काम करवाता है और यदि आपने इसे नहीं छोड़ा तो एक समय ऐसा आता है कि आपका सम्पूर्ण चरित्र (Full character) इसकी चपेट में आकर खाक में मिल सकता है।
अत negativity से बचने का तरीका यही है कि आप अपने अंदर किसी भी प्रकार के Negative Ideas को आने की इजाजत ही न दें।
Negative thoughts हमारे उन खराब दोस्तों की तरह होते हैं जिनकी संगत में रहकर हम कभी कुछ अच्छा कर ही नहीं सकते और यदि उन्हें बाद में मना भी करो तो वह ही हमारे सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं। इसीलिए अच्छा यह होगा कि ऐसे दोस्तों या विचारों से दोस्ती ही न की जाये।
Negative thought हमारे कंप्यूटर में आने वाले virus की तरह होते हैं जिन्हें computer अपने जैसा समझ कर accept कर लेता है लेकिन बाद में उन्हीं के कारण बर्बाद भी हो जाता है। इसीलिए आप खुद को एक antivirus की तरह मानों, जब भी वायरस आये तो आपको मुकाबला करो और उसे भगा दो।
आइये जानते हैं कि–
ऐसा क्या करें जिससे कोई भी Negative thought हमारे अंदर न आ सके?
कोई negative thought आपके अंदर न आये, इसके लिए आप यह तरीका अपना सकते हैं–
1- अपने दिमाग पर पूरी तरह काबू रखें (Control your mind) और आने वाले विचारों की जांच करते रहें।
2- ध्यान दें कि कौन सा विचार आपके लिए अच्छा रिजल्ट देगा और कौन सा ख़राब रिजल्ट देगा। जो अच्छा रिजल्ट दे सके उसी को आने दें।
3- जैसे ही कोई Negative thought आपके माइंड में आने की कोशिश करे तो उसे पीछे की ओर धकेल दें अर्थात उसे तुरंत neglect कर दें।
4- जब भी कोई Negative thought आये तो उसके बारे में ज्यादा मत सोचो और इसकी जगह किसी अच्छे विचार(Positive thoughts) के बारे में सोचने लगो।
5- Negative thought को अपने अंदर न आने देने का सबसे अच्छा तरीका है कि जैसे ही वह आपके पास आये आप तुरंत कोई ऐसा काम करने लगो जिसमे आपका मन लगता हो। ऐसा करने से वह negative thought वापस लौट जायेगा।
6- कभी कभी कोई Negative thought आसानी से नहीं जाता। उसके लिए आपको उससे कुछ समय तक लड़ना होगा। वह बार बार आपके माइंड में आने की कोशिश करेगा और आपको बार बार उसे reject करते रहना होगा।
7- अपने अंदर Positive Ideas की संख्या बढ़ा लीजिये। इससे फायदा यह होगा कि जब भी कोई negative thought आएगा तो यह positive thought उसे भगाने में आपकी पूरी मदद करेंगे।
Note- यह आर्टिकल “नकारात्मक विचारों को दूर करने” के बारे में नहीं लिखा गया बल्कि यह आर्टिकल“नकारात्मक विचारों को अपने अंदर आने से कैसे रोकें” के बारे में लिखा गया है।
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Source: http://www.aapkisafalta.com/2017/06/how-to-stop-negative-thoughts-hindi.html
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