Saturday, 5 August 2017

हमारा अधिकार सिर्फ कर्म करनेँ पर है फल की चाहत पर नहीँ....


आज इस भाग दौड़ भरी Life मेँ हर इंसान अपनेँ आपको ऊँचा उठानेँ के लिये अपने कर्मोँ पर बहूत ज्यादा फोकस कर रहा है और अपनेँ काम को ही Point करते हूये मेहनत करके सफलता प्राप्त कर रहा है पर मैँ पुरी स्योरिटी के साथ नहीँ कह पाऊँगा कि कोई अच्छा कर्म कर रहा है या फिर बुरा।
इंसान का अस्तित्व अपनेँ कर्म से ही है इसको मानना ही श्रेष्ठतम् है और ये कर्म ही तो है जिसके बदौलत आप सफल हैँ या फिर सफल होनेँ वाले हैँ।
गीता का ज्ञान हमेँ सीखाता है- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सग्ङोऽस्त्वकर्मणि ||
इस Meaning, short and sweet शब्दोँ मेँ आप सभी जानते ही हैँ But हर बार ऐसा ही क्योँ होता है कि आप इसे Follow नहीँ कर पाते।
आप सबको पता है कि आपको सिर्फ अपनेँ काम पर Focus करना है, अपनेँ कर्म के प्रति सजग होना है और पुरी मेहनत के साथ अपनेँ काम को Complete करना है पर होता कुछ दुसरा ही है। But इतना Difference नहीँ होता आप बखुबी अपनेँ काम को दिल से इमानदारीपुर्वक, श्रेष्ठ भावना से पुरा करनेँ के लिये मेहनत करते हैँ लेकिन क्या कोई भी इंसान आज की Date मेँ उस Work के प्रति जो वह कर रहा है उसके लिये बेहतर Result की कामना नहीँ कर रहा। यकीनन लोग तो यही सोँचते हैँ कि कब उनके काम का फल उन्हेँ बेहतर से बेहतर रूप मेँ मिले।
Friends यदि आपको अपनेँ कर्म का फल चाहिये तो धैर्य से काम लेना होगा। 
मैँ मेरे छोटे भाई करन के साथ घटी एक छोटी सी Story share करना चाहूँगा।
मेरा भाई करन (मेरे चाचाजी का बेटा) बचपन मेँ घर के सामनेँ के मैदान मेँ एक मुंगफली का छोटा सा पौधा लगाया था। वह मुँगफली का बीज डालनेँ के बाद रोज उसमेँ समय पर पानी भी डालता। धीरे-धीरे पौधे मेँ फुल आ गये अब करन थोड़ा और भी उत्सुक हो गया कि कब बीज आयेँगे। वह उस समय मुझे बार-बार बोलता कि भैया कब इस पौधे मेँ मुंगफली फलेगी। मैँ उसे Regular समझाता कि छोटे अभी तु धैर्य रख और बस अपनेँ पौधे का खयाल रख उसे Timely पानी देता रह लेकिन वो बच्चा तो माननेँ वाला नहीँ था वो अब पानी तो डालता लेकिन चुपके से उस पौधे के जड़ को थोड़ा सा ऊपर खीँच कर देख लेता और फिर देखकर हल्का से जमीन मेँ दबा देता। एक दिन मैनेँ उसे ऐसा करते देख लिया, मैनेँ छोटेसाहब से कहा कि अब ऐसे मत करना यार Dont worry अब Direct एक हफ्ते बाद पौधे को जड़ से निकाल देना। छोटेसाहब करन जी नेँ मेरी बात मान ली। ठीक एक हफ्ते बाद उसनेँ पौधे को उखाड़ा तब मुँगफली के बाहर के छिलके तो मस्त निकले पर जब बीज से छिलकोँ को अलग किया तो सारे बीज सड़ चुके थे और वे खानेँ लायक भी नहीँ थे। उसनेँ मुझे यह सारी घटना बताई और मुझे यह समझ आ गया कि माजरा क्या है और मैनेँ उसे बीज के सड़नेँ का Reason बताते हूये कहा कि इसका कारण और कुछ नहीँ बल्कि अपनेँ धैर्य को खोना ही है। यदि वो बार-बार पौधोँ को निकालकर बीज Check नहीँ करता तो वह उसके मुंगफली का आनंद ले पाता और उसे अफसोस ना करना पड़ता।
Friends मेरे भाई करन की तरह अपनेँ फल को बार बार खोदनेँ की अपेक्षा, अपनेँ फल को पकनेँ न देनेँ की अपेक्षा, आप सिर्फ अपनेँ काम की ओर अपनेँ नजरेँ गड़ाईये, अपनेँ काम और कर्तव्य को Truthfully अच्छे से निभाईये।
Generally आज हमारे Students के साथ भी इस Type की घटनायेँ शामिल होती हैँ। कई Students योजनायेँ तो ढेरोँ तादात मेँ बनाते हैँ पर उन्हेँ Follow करना उनसे नहीँ बनता।
कर्म को पुरा करनेँ मेँ आपके Plans का भी बहूत बड़ा स्थान होता है। फल की चिँता मेँ अपनेँ कीमति समय को बर्बाद करनेँ की अपेक्षा आप SMARTLY अपनेँ Targets create कीजिये इससे आपके अंदर भी कई बेहतरीन Changes आयेँगे। SMARTLY DREAMS को मैँ उतना Detail करनेँ की अपेक्षा इस Topic पर एक छोटा सा Example आपके सामनेँ रखुँगा कि आप एक बड़ा लक्ष्य ही निर्धारित करेँ और कल की लालसा ना करते हूये बस अपनेँ काम मेँ ही लगे रहेँ।
STEPS को बढ़ाते जाइये-
Steps
1. मुझे Samsung का Android Smartphone का Handset लेना है।
2. मुझे Samsung का Android, smartphone(Model जो आप लेना चाहेँगे)।
3. मुझे 50000 रू. का ही Samsung का ही Android, smartphone(Model) लेना है।
4. मुझे 50000 रू. का दो स्मार्टफोन (With model no.)
मेरे और मेरे बीवी के लिये लेना है।
5. मुझे तीन माह के अंदर ही अपनेँ लिये और Wife के लिये वही सैमसँग का स्मार्टफोन लेना है।
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Dear friends Same process आप Exam प्रोसेस के लिये, खेती के लिये, अपनेँ Business के लिये. किसी भी चीज को जिसे आप Achieve करना चाहते हैँ उसके लिये इस Type से पुरा Clearly प्लान बनाकर सिर्फ अपनेँ काम पर ही फोकस कीजिये, अपनेँ इस योजना के अनुरूप ही अपना कर्म कीजिये।
Really आप यदि बिना Result के, बिना चिँता किये, बिना फल के बारे मेँ सोँचे, धैर्य के साथ अपनेँ काम को Honestly करेँगे तो Garanty के साथ कह सकता हूँ कि आपका फल यकीनन पक चुका होगा और आप उसे खा रहे होँगे।
Students अपनेँ Target को इस Type से Set कर सकते हैँ-
1. मुझे इस Year class 12th मेँ 95% लाना है और उतनेँ Marks तक अपनेँ Mind को भी Develope करना है ना कि रट्टा मारकर लाना है।
2. मुझे इस Year 95% Marks के साथ पुरे State मेँ First position पर आना है।
3. मुझे इस Year मेरे सारे Subjects को Exam के एक महीनेँ पहले से Minimum पाँच बार Revision करना है।
4. मुझे Physics, chemistry और Maths मेँ 100 Out of 100 पुरे Marks लानेँ हैँ।
5. मुझे इस बार Exam के दिन नहीँ पढ़ना है बल्कि साल भर अपनी इस योजना पर डटे रहना है।
6. मुझे इस वर्ष अपनेँ State के शिक्षामँत्री और C.M. के हाथोँ अपनेँ बेस्ट देने पर पुरूस्कार लेना ही है।
दोस्तोँ, इस Type के Dreams जब आप देखनेँ लगेँगे तो उसे पुरा करनेँ के लिये आप Automatic जुट जायेँगे और यदि By chance आप अपनेँ योजनाओँ को ठीक से Follow नहीँ कर रहे हैँ तो आप याद रखेँ कि आप किसी और को नहीँ वरन खुद को धोखा दे रहे हैँ, अपनेँ काम से जी चुराकर बहानेँ बनायेँगे तो ऐसा करनेँ पर किसी दुसरे का नहीँ बल्कि स्वयं का ही नुकसान है।
अब आप घाटे मेँ जीना चाहते हैँ या फायदे मेँ उसे मैँ आप पर छोड़ता हूँ।
एक छोटा सा वाक्य आदमी की जिँदगी बदल कर रख देता है और उसका एक छोटा सा उदाहरण है “कर्म ही पुजा है..” दोस्तोँ आज इतनेँ Pollution मेँ आप तो अगरबत्ती के धुयेँ से खुश नहीँ हैँ तो आप कैसे सोँच सकते हैँ कि जिस भगवान नेँ आपका निर्माण किया है वो अगरबत्ती के धुयेँ और हवन कुँड से खुश हो सकते हैँ। Friends भगवान का एक बेहतरीन संदेश हमनेँ ‘हमारी सफलता’ के साथ Share किया था और एक छोटा सा Information हमारी सफलता के साथ फिर से छोड़ा है कि ‘आप तब महान बनेँगे जब आप महापुरूषोँ के जैसे धैर्य रखकर कर्म करेँगे और आपका कर्म महापुरूषोँ जैसा तब होगा जब आप बिना फल की परवाह किये अपनेँ काम मेँ अपना 100% देँगे।
So my dear friends अभी कुछ भी नहीँ बिगड़ा है आप सफल होनेँ के लिये अपना Best दीजिये, फल को आराम से पकनेँ दीजिये बस आप स्वयं पर विश्वास रखकर पुरे धैर्य के साथ अपनेँ योजना के अनुरूप काम कीजिये देखते हैँ
कब तक फल नहीँ पकेगी। जान लीजिये कि आप सिर्फ अपना 100% Best दे सकते हैँ उसके बाद आप सिर्फ Wait कर सकते हैँ बाकि ये बात जानते ही तो हैँ कि “शब्र का फल मीठा नहीँ बहूत ही ज्यादा मीठा होता है (मेरे अंदाज मेँ…)”
Ok.. So आप अपनेँ काम को अच्छा से कीजिये, अपना बेस्ट दीजिये और बिना फल के लालच किये, पौधोँ को उखाड़नेँ और धनयात्रा जैसे यंत्रोँ को खरीदकर अपनेँ पैसे Waste करनेँ की अपेक्षा मेहनत कीजिये और धैर्य रखिये।
क्योँकि किसी महापुरूष नेँ हाल ही मेँ कहा है कि मेहनत रंग नहीँ लाती बल्कि सही दिशा मेँ ही मेहनत रंग लाती है।
इसलिये दोस्तोँ आज से ही पुरी ताकत के साथ अपनेँ कर्म को बेहतर बनानेँ मेँ लग जाइये और पुरी शक्ति को अलग अलग जगह पर लगानेँ की अपेक्षा अपनेँ योजनाओँ पर उसे लगाइये और निरंतर लक्ष्य को साधनेँ का प्रयास कीजिये।
SO ALL THE BEST….
अब तो Article पढ़नेँ के बाद उठ खड़े होना है और सबको दिखा देना है कि आप भी कर सकते हैँ, आप भी बन 

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