Monday, 14 August 2017

असम्भव कुछ भी नहीं!- निक व्युजेसिक की इंस्पायरिंग बायोग्राफी...... NOTHING IS IMPOSSIBLE - IN HINDI


क्या आप छोटी-छोटी परेशानियों से घबड़ा जाते हैं? क्या आप life में कोई ऐसी problem face कर रहे हैं जिससे पार पाना आपको असम्भव लगता है? यदि “हाँ” तो आज इस लेख को पढने के बाद आपको अपनी problems छोटी लगने लगेंगी और अन्दर से एक आवाज़ आएगी कि हाँ – ” असम्भव कुछ भी नहीं!”


सोचिये यदि कोई बच्चा विकलांग पैदा हो तो उसके माता-पिता पर क्या बीतेगी इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं। ऐसी स्थिति में हर कोई निराशा से भर उठेगा और अपनी क़िस्मत को कोसने लगेगा। उस बच्चे के जन्म के समय उसके माता-पिता की भी बिल्कुल यही मनोदशा थी। जब वो पैदा हुआ तो स्वस्थ होते हुए भी पूर्णतः अपूर्ण था क्योंकि न तो उसके हाथ ही थे और न ही पैर ही।

उस बच्चे का नाम था निक, जिसे दुनिया आज निक व्युजेसिक के नाम से जानती है।

Nick Vujicic Biography in Hindi निक व्युजेसिक की जीवनी
जी हाँ, आज  हम आपको निक व्युजेसिक के बारे में बता रहे हैं…. एक ऐसा व्यक्ति जिसके बारे में यकीन करना मुश्किल है… a man without limbs जो आज करोड़ों हाथ-पांव वाले व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का माहन स्रोत बन चुका है।

Nick Vujicic Biography in Hindi

निक व्युजेसिक की जीवनी 

बचपन 

निक निक व्युजेसिक का पूरा नाम निकोलस जेम्स व्युजेसिक है। निक का जन्म चार दिसंबर सन् 1982 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ था। उनके पिता बोरिस्लाव व्युजेसिक तथा माँ दुशांका व्युजेसिक मूल रूप से यूगोस्लाविया के सर्बिया के थे और यहाँ ऑस्ट्रेलिया में आ बसे थे। ऑस्ट्रेलिया में बोरिस्लाव व्युजेसिक एक अकाउण्टेंट के तौर पर काम करने लगे तथा दुशांका व्युजेसिक बच्चों के एक हॉस्पिटल  में नर्स बन गईं। जन्म के समय टेट्रा अमेलिया सिंड्रोम के कारण निक के हाथ-पैर पूरी तरह से ग़ायब थे।
Nick Vujicic Biography in Hindi
टेट्रा अमेलिया सिंड्रोम से पीड़ित इस समय पूरे विश्व में केवल सात ही व्यक्ति ज़िंदा हैं जिनमें से एक निक हैं। निक के जन्म के समय जब नर्स उसे लेकर उसकी मां के पास आई तो उसने उसे लेने से ही नहीं देखने तक से मना कर दिया। लेकिन बाद में माता-पिता ने परिस्थितियों को स्वीकार कर लिया और निक की परवरिश में लग गए।

निक के जन्म के समय उसके केवल एक पैर के स्थान पर कुछ जुड़ी हुई उँगलियाँ मात्र थीं। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके निक की उँगलियों को अलग-अलग कर दिया ताकि वो उनकी सहायता से हाथों की उँगलियों की तरह चीज़ों को पकड़ने, पुस्तकों के पन्ने पलटने व दूसरे बहुत ज़रूरी कार्य कर सकें।
आज निक इधर-उधर जाने के लिए इलैक्ट्रिक व्हील चेयर का इस्तेमाल करते हैं। चाहे इलैक्ट्रिक व्हील चेयर से कहीं जाना हो अथवा कम्प्यूटर या मोबाइल फोन का प्रयोग करना हो निक अपने पैर की उँगलियों से ही सारा काम करते हैं। सोचिए निक को ये सब सीखने और करने के लिए कितनी हिम्मत जुटानी पड़ी होगी।
    आत्महत्या का प्रयास 
मित्रों, परेशानियाँ तो एक अच्छे-ख़ासे स्वस्थ व्यक्ति को तोड़कर रख देती हैं। निक को पढ़ाई, खेल-कूद व अपना रोज़मर्रा का काम करने में बड़ी परेशानी होती थी। स्कूल में बच्चे भी उसका मज़ाक़ उड़ाते थे। इन सब चीज़ों से मायूस व दुखी होकर दस वर्ष की उम्र में एक बार निक ने पानी के टब में डूबकर आत्महत्या तक करने की कोशिश की लेकिन उसके माता-पिता के प्यार और प्रोत्साहन ने उसे आगे बढ़ने का हौसला
प्रदान किया।
कभी आत्महत्या का प्रयास करने वाले निक आज हमें inspire करते हुए कहते हैं-
अगर आपके साथ चमत्कार नहीं हो सकता, तो खुद एक चमत्कार बन जाइए।
Nick Vujicic Biography in Hindi

आत्मनिर्भर बनने की जिद्द

निक के माता-पिता उसे हर तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। छोटी उम्र से ही निक के माता-पिता उसे पानी के तैरना सिखाने लगे। छह साल की उम्र में उसे पंजे की सहायता से टाइप करना सिखाने लगे। विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने निक के लिए प्लास्टिक का ऐसा डिवाइस बनवाया जिनकी सहायता से निक ने पैंसिल व पैन पकड़ना व लिखना सीखा।
निक के माता-पिता ने निक को स्पेशल स्कूल में भेजने से मना कर दिया। वो चाहते थे कि निक सामान्य स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ ही पढ़े। इसमें बहुत सी मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने-लिखने और काम करने का ये लाभ हुआ कि निक उन्हीं की तरह काम करने लगे।
पंजे की सहायता से निक ने न केवल पढ़ना-लिखना सीखा अपितु फुटबॉल और गोल्फ़ खेलना व तैरना भी सीखा। निक पंजे की सहायता से ही न केवल ड्रम बजा लेते हैं बल्कि मछली पकड़ना, पेंटिंग व स्काई डाइविंग तक कर लेते हैं। मुँह की सहायता से गियर बदलकर निक कार भी आसानी से चला लेते हैं।
बदली जीवन की दिशा 
जब निक तेरह साल के थे तो एक दिन उनकी माँ ने अख़बार में प्रकाशित एक लेख निक को पढ़कर सुनाया जिसमें एक विकलांग व्यक्ति के संघर्ष और सफलता की कहानी थी। निक को अहसास हुआ कि दुनिया में वो अकेला विकलांग नहीं है और परिश्रम व संघर्ष द्वारा आगे बढ़ा जा सकता है। उसके बाद उसके जीवन की दिशा ही बदल गई। उसे महसूस हुआ कि ईश्वर ने उसे कुछ अलग करने के लिए ही ऐसी स्थिति में डाला है। उसे तो स्वयं प्रेरणा व प्रोत्साहन की ज़रूरत थी लेकिन उसने संकल्प लिया कि वो स्वयं लोगों को प्रेरणा व प्रोत्साहन प्रदान करेगा जिससे लोगों में व्याप्त निराशा व अकर्मण्यता दूर हो सके और वे उत्साहपूर्वक कार्य करते हुए अच्छी तरह से जीवन व्यतीत कर सकें।

मोटिवेशनल स्पीकर, Entrepreneur और एक्टर के रूप में पहचान  

उन्नीस साल की उम्र में निक ने एक प्रेरक वक्ता के रूप में कार्य करना प्रारंभ कर दिया। इक्कीस वर्ष की उम्र में निक ने अकाउण्टिंग व फाइनांस में ग्रेजुएशन किया।
2005 में उन्होंने एक अन्तराष्ट्रीय non- profit organization Life Without Limbs की स्थापना की.
2007 में उन्होंने  एटिट्यूड इज़ एल्टिट्यूड नाम से एक कंपनी खोली और एक प्रेरक वक्ता के रूप में कार्य करने लगे।

2009 में उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म The Butterfly Circus की, जिसके लिए उन्हें best actor का अवार्ड दिया गया।
इस बीच 2008 में उनकी motivational speech सुनने आई  Kanae Miyahara से उनकी मुलाक़ात हुई जो प्रेम में बदल गयी और 2012 में उन्होंने शादी कर ली।
    बिना हाथ-पांव के पैदा हुआ वो बच्चा आज विश्व के सफलतम प्रेरक वक्ताओं में से एक हैं। निक चालीस से अधिक देशों में अपने कार्यक्रम दे चुके हैं। और जिस बच्चे के पैदा होने पर उसकी माँ उसे देखना नहीं चाहती थी उसे देखने-सुनने के लिए हाल  खचाखच हरे होते हैं। एक बार तो उनकी मोटिवेशनल बातें सुनने के लिए 1 लाख से भी अधिक लोग इकठ्ठा हो गए थे और लोगों के बैठने तक की जगह नहीं थी।
निक आजकल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कैलिफोर्निया में रह रहे हैं और अत्यंत संतुष्ट जीवन व्यतीत कर रहे हैं जो उनकी सकारात्मक सोच व संघर्ष का ही परिणाम है। जो लोग जीवन में छोटी-छोटी परेशानियों से घबड़ा कर हार मान लेते हैं उनके लिए निक से बड़ा प्रेरणास्रोत भला और कौन हो सकता है। सही मायने में निक करोड़ों संघर्षशील व्यक्तियों के लिए एक जीता-जागता प्रमाण हैं कि –

असंभव कुछ भी नहीं!

धन्यवाद

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