पुरानी बातें भूलकर खुशी भरा जीवन जीने को प्रेरित करती एक बेहतरीन कहानी
Good Story With Moral About Happy Life
दो भाई पवन और कमल बड़े ही प्रेम और खुशी से एक ही घर में अपने परिवार के साथ रहते थे। दोनों साथ साथ ही व्यापार करते थे और बहुत सा पैसा कमाते थे।
एक दिन दोनों भाइयों में किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गयी। बात इतनी बढ़ गयी कि छोटे भाई कमल ने अपने बड़े भाई पवन को कुछ अपशब्द कह दिए।
छोटे भाई द्वारा कहे गए अपशब्द बड़े भाई को बहुत बुरे लग गए और उसके दिल में बुरी तरह चुभ गए।
इस घटना के बाद दोनों के बीच दरार पड़ गयी। दोनों भाई उसी दिन से एक दूसरे से अलग हो गए। दोनों अलग रहने लगे और अलग ही व्यापार करने लगे।
दोनों न तो कभी मिलते थे और ही कभी बात करते थे। इसी तरह कई साल बीत गए।
छोटे भाई कमल की एक बेटी थी जो अब बड़ी हो गयी थी। कमल ने उसकी शादी एक अच्छे परिवार में तय कर दी।
अब जब विवाह का समय आया तो कमल ने सोचा कि “बड़ा भाई आखिर बड़ा ही होता है, मैंने उनसे कुछ अपशब्द कह दिए थे जो मेरी गलती थी, चलो अब चलकर बड़े भाई को मना लेना चाहिए।”
अगले ही दिन कमल अपने बड़े भाई के घर गया और पहले की सभी बातों के लिए अपने बड़े भाई से माफी मांगी और कहा, “मैंने आपसे उस दिन जो भी अपशब्द कहे उसके लिए मैं आज बहुत शर्मिन्दा हूँ। मैं उन गलत शब्दों के लिए आपसे आज माफी चाहता हूँ। मेरी बेटी की शादी तय हो गयी है। चलिए और शादी के काम को देखिये।”
छोटे भाई के बहुत कहने पर भी बड़ा भाई का दिल बिलकुल भी नहीं पिघला और उसने शादी में आने से और कमल को माफ़ करने से मना कर दिया।
कमल ने कई बार अपने बड़े भाई को मनाने की कोशिश की लेकिन हर बार वह असफल रहा। अब वह सोच में पड़ गया कि आखिर बड़े भाई को कैसे मनाया जाये।
शादी के लिए भी अब बहुत कम दिन बचे थे। बहुत कोशिश के बाद उसे एक व्यक्ति मिला जिसने उसे बताया कि आपका बड़ा भाई नगर के सबसे बड़े ज्योतिषी के पास हर हफ्ते जाता है और उनकी सभी बातों को मानता है।
छोटा भाई तुरंत नगर के उस सबसे बड़े ज्योतिषी के पास पहुंचा और अपनी सभी बातें उन्हें बतायीं और उनसे प्रार्थना की। उसने अपने द्वारा कहे गए अपशब्दों के बारे में भी बताया और कहा कि उससे भूल हो गयी थी। लेकिन अब किसी भी तरह वह उसके बड़े भाई को उसके घर शादी में आने के लिए मना लें।
ज्योतिषी बोला, “ठीक है, मैं आपके बड़े भाई को मनाऊंगा। वह हर हफ्ते मेरे पास आता है और मैं हर बार उसे बहुत सी अच्छी बातें बताता हूँ। वह मेरी बातों को मानता है। आप जाइये कल वह आएगा तो मैं उसे मना लूंगा।”
दूसरे दिन जब बड़ा भाई ज्योतिषी के पास पहुंचा तो ज्योतिषी बोला, “तुम्हारे छोटे भाई की बेटी की शादी है, तुम क्या कार्य संभाल रहे हो?”
बड़ा भाई बोला, “जी मैं छोटे भाई की बेटी की शादी में शामिल नहीं हो रहा हूँ। कुछ सालों पहले मेरे भाई ने मुझसे अपशब्द कह दिए थे, वह आज भी मेरे दिल में कांटे की तरह चुभते हैं।”
ज्योतिषी बोला, “तुम शादी में शामिल नहीं होना चाहते, कोई बात नहीं, अच्छा यह बताओ मैंने तुमने पिछले हफ्ते जीवन से जुडी हुईं क्या क्या अच्छी बातें बतायीं थीं? उन्हीं बातों से आगे की बातें मैं तुम्हें आज बताऊंगा।”
बड़ा भाई ज्योतिषी द्वारा पिछले हफ्ते कही गयीं बातों को याद करने की कोशिश करने लगा।
लेकिन बहुत प्रयास करने के बाद भी उसे कुछ याद नहीं आया तो ज्योतिषी बोला, “देखो! मेरे द्वारा कहीं गयीं अच्छी बातें तो तुम्हें 8 दिन बाद भी याद नहीं रहीं और छोटे भाई द्वारा कहे गए कड़वे बोल तुम्हें वर्षों बाद आज भी बहुत अच्छी तरह याद हैं और तुम्हारे दिल में चुभ रहे हैं। जब तुम अच्छी बातों को याद नहीं रख सकते तो उन्हें अपने जीवन में कैसे अपना पाओगे। और जब जीवन में अच्छी बातों को नहीं अपनाओगे तो आगे कैसे बढ़ पाओगे? मेरे द्वारा बतायी गयीं अच्छी बातों के काबिल तुम नहीं हो अतः अगले हफ्ते से मेरे पास नहीं आना।”
अब बड़े भाई की आखें खुल गयीं। उसे एहसास होने लगा कि अब वह गलत है और अपने छोटे भाई के साथ गलत कर रहा है। वह सोचने लगा अब वास्तव में मैं ही गलत हूँ क्योंकि छोटे भाई ने तो माफी मांग ली थी। पुरानी बातों को याद करने से कोई फायदा नहीं है, अब उसे आगे की सोचना चाहिए।
उसने तुरंत ज्योतिषी से माफ़ी मांगी। उसी दिन अपने छोटे भाई के घर गया और उसे गले लगाते हुए बोला, “अब तुम्हें चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, तुम्हारा बड़ा भाई अब तुम्हारे साथ है। बताओ क्या क्या इंतजाम करना है शादी का।”
और इस तरह बातें करते हुए दोनों भाई बेटी की शादी की तैयारी करने लगे।
इस अच्छी कहानी से आपने क्या सीखा?
Moral of this Good Story
दोस्तों! इस कहानी (Hindi Story) से हमें जीवन का एक बहुत बड़ा सबक (Big Lesson for Life) सीखने को मिलता है।
आजकल लोग अपने परिवार, अपने रिश्तेदार, अपने दोस्तों और अपने मिलने वालों की बातों को बिना सोचे समझे बहुत जल्दी बुरा मान जाते हैं। उनकी बातें लोगों को कभी कभी इतनी बुरी लग जाती हैं कि आपस में बोलचाल तक बंद हो जाती है।
कभी कभी तो बोलचाल कुछ लम्बे समय तक न हो पाए तो रिश्ते भी टूट जाते हैं।
सबसे बुरा तो तब होता है जब एक व्यक्ति दूसरे से माफी मांगता है और सभी कहासुनी को भूलना भी चाहता है लेकिन दूसरा व्यक्ति पहली बातों को बार बार याद करके खुद भी दुखी होता है और माफ़ी मांगने वाले को भी दुखी करता है।
वह पुरानी बातों को अपने दिल में इतनी गहराई से बैठा लेता है कि अब उसे कुछ अच्छा समझ ही नहीं आता।
उसे दोनों के बीच की कोई भी अच्छी बात याद नहीं रहती लेकिन कहासुनी में हुई एक गलत बात उसे हमेशा याद रहती है।
दोस्तों! आप ही बताइये क्या ऐसा करना सही है?
आज की दुनिया बहुत व्यस्त हो चुकी है। लोगों के पास एक दूसरे के लिए बहुत कम समय ही मिल पाता है। ऐसे में यदि किसी से कोई अपशब्द (Abusive language) निकल भी जाता है तो ऐसे में बिलकुल बातचीत बंद नहीं करनी चाहिए और न ही रिश्ता तोड़ना चाहिए बल्कि उस बात को जल्दी से जल्दी आपस में मिलकर सुलझा लेना चाहिए।
ध्यान रखिये कि जो बात बीत चुकी है उसे बार बार याद करके कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि वह बात तो बीत चुकी है, उसे अब नहीं बदला जा सकता।
लेकिन वर्तमान और भविष्य (Present and Future) तो आपके सामने खड़े हैं, दोनों वैसे ही बन जायेंगे जैसा आप उन्हें बनाएंगे। वर्तमान और भविष्य दोनों को संवारना आपके हाथ में है।
अब आपकी मर्जी है पुरानी बातों को याद करके दोनों को बिगाड़ लीजिये या पुरानी बातों को भूलकर मेल मिलाप कर लीजिये और आज की तथा आने वाले कल की खुशियों (Happiness) में डूब जाइये। आखिर खुशियों से भरा जीवन (Life full of happiness) अपनों के साथ ही मिलता है।
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