Thursday, 3 August 2017

शराब…ALCOHOL CONSUMPTION IN HINDI



 
एक दिन इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद साहब अपनेँ कुछ साथियोँ के साथ
कहीँ जा रहे थे कि उनके सामनेँ लड़खड़ाता  हुए एक शराबी आ खड़ा हुआ। उस आदमी
नेँ बहुत शराब पी रखी थी। उसनेँ मोहब्बत साहब से बहुत गुस्से से पुछा-
तुमनेँ सबको शराब पीनेँ से क्योँ मना किया है? तुम्हेँ हमसे क्या परेशानी है?
यह एक शर्मिन्दगी का कार्य है, इससे न सिर्फ एक शराबी का बल्कि उसके
परिवार और समाज का भी नुकसान होता है।
तो साहब जी क्या अंगुर खाना सेहत के लिये हानिकारक है? शराबी नेँ कहा।
-नहीँ। मोहम्मद साहब ने जवाब दिया।
क्या ज्वार-मक्का या बाजरा खाना हराम है?- शराबी..
कभी नहीँ- मोहम्मद साहब।
तो जब इनका खाना किसी तरह से घाटे मेँ नहीँ है तो फिर इनको मिलाकर बनाई
गई शराब को पीनेँ मेँ क्या गलत है? -शराबी नेँ जोर से चिल्लाते हुये
पुछा।
-मोहब्बत साहब कुछ देर तक चुप रहे, फिर उन्होँने शराबी से शांत भाव से
मुस्कुराते हुए पुछा, यदि एक मुट्ठी मिट्टी तुम्हेँ मारूँगा तो तुम्हेँ
चोट लगेगी?
-नहीँ।
और अगर तुम्हारे ऊपर एक गिलास पानी फेँककर मारूं तो तुम्हेँ क्या चोट
लगेगी? साहब ने पुछा।
-बिल्कुल भी नहीँ। शराबी बोला।
यदि इन चीजोँ को पकाकर उसकी ईँट बनाई जाए और फिर तुम्हेँ फेँककर मारी जाए
तब तो तुम्हेँ चोट लगेगी न??
हाँ, चोट जरूर ही लगेगी।
ठीक उसी तरह शराब बनाकर उसका सेवन करनेँ से न सिर्फ तुम्हारे दिल को चोट
पहुँचेगी बल्कि इससे तुम्हारे परिवार वालोँ को भी बहुत कठिनाईयोँ का
सामना करना पड़ेगा।
शराबी अपने किये पर बहुत शर्मिंदा हुआ, उसने उसी वक़्त कसम खा ली कि अब वो कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाएगा।  उसने मोहम्मद साहब से अपनी गलती की माफ़ी मांगी। 
दोस्तोँ शराब न सिर्फ खुद को बल्कि पुरे समुदाय को नष्ट करनेँ का कार्य करती है।
शराब का यह ईँट इतना मजबुत है कि न सिर्फ आपको चोट पहुँचायेगा और घायल
करेगा बल्कि आपके पुरे परिवार को भी चोट से नहीँ बचायेगा।
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