Tuesday 25 July 2017

आत्महत्या की कोशिश | Hindi Story On Positive Thinking




जीवन (Life) में अच्छी और बुरी दोनों ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जो दोनों ही परिस्थितियों का सामना बहुत अच्छी तरह करते हैं। ऐसे लोग खुशियों के समय जीवन का आनंद लेते हैं और परेशानियों के समय भी जीवन का आनंद लेने के साथ ही साथ परेशानियों का तब तक डटकर सामना करते हैं जब तक परेशानियां खुद परेशान होकर भाग न जाएं।

लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो परेशानियों का सामना नहीं कर पाते और उनके आगे घुटने टेक देते हैं। परेशानियों के समय हमारी Positive Thinking हमारी बहुत सहायता करती है। बिना Positive Thinking के हम आये हुए संकट का सामना नहीं कर सकते। Positive Thinking हमें विपरीत परिस्थितियों में कुछ अच्छा और सही सोचने की शक्ति देती है।
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इस बात को स्पष्ट करने के लिए हिरन की एक कहानी मुझे याद आती है जिसे मैं आप लोगों से शेयर करना चाहता हूँ। एक जंगल में बहुत से हिरन बड़े ही आनंद से रहते थे। उन्हें जंगल में किसी भी तरह का भय नहीं था। एक बार किसी दूसरे जंगल से बहुत से जंगली जानवर शिकारियों के डर की वजह से उस जंगल में आ गए।
अब वह जंगली जानवर रोज कुछ हिरनों को मार कर खा जाते थे। हिरनों के सामने अब बहुत बड़ी समस्या आकर खड़ी हो गयी थी। लगातार हिरनों की संख्या कम होती जा रही थी। सभी हिरन बहुत डर गए थे और अपनी-अपनी जान बचाने के लिए जंगल में इधर-उधर भाग रहे थे।
कुछ दिनों बाद जब हिरन उन जंगली जानवरों के आतंक से बहुत ज्यादा परेशान हो गए तो उन सब हिरनों ने एक सभा का आयोजन किया। जंगल के सभी हिरन उस सभा में आये। सभी हिरन डरे हुए थे, बहुत विचार करने के बाद भी उन्हें अपनी जान बचाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था तो उन सबने यह निर्णय लिया कि उन खूंखार जंगली जानवरों के हाथो दर्दनाक मौत से तो अच्छा है कि हम लोग एक साथ किसी तालाब में डूबकर आत्महत्या कर लेते हैं।

सभी हिरन इस बात के लिए राजी हो गए और आत्महत्या के लिए एक साथ एक बहुत बड़े तालाब की ओर चल दिए। रास्ते में उन्हें कुछ खरगोश मिले जो बड़े आराम से इधर-उधर उछलकूद कर रहे थे। जैसे ही खरगोशों ने इतने सारे हिरनों को एक साथ आते देखा तो वह जल्दी से इधर-उधर छुप गये। हिरन इन सभी खरगोशों को देखकर कुछ सोचने लगे लेकिन एक दूसरे को देखते हुए आगे बढ़ते गए।
तालाब के पास पहुंच कर उन्होंने देखा कि बहुत से मेढक तालाब के आसपास धूप सेंक रहे थे। जैसे ही मेढकों ने इतने ज्यादा हिरनों को एक साथ आते देखा तो तुरंत डरकर तालाब में कूद गए। अब सभी हिरन इन मेढकों को देखकर फिर कुछ सोचने लगे और एक दूसरे का मुँह देखने लगे।
तभी उन हिरनों में से एक बहुत समझदार और अनुभवी हिरन बोला, “रुको ! और आत्महत्या करने का विचार छोड़ दो। आपने देखा कि खरगोश और मेढक हमसे डरते हैं। हमें आते देखकर वह सब अपनी जान बचने के लिए अपनी-अपनी बनायी गयी सुरक्षित जगहों पर जाकर छुप गए। जब वह हमसे इतने कमजोर होते हुए भी आत्महत्या नहीं कर रहे तो हम क्यों करें?”
तभी दूसरा समझदार हिरन बोला, “जब खरगोश और मेढक खराब परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते? जैसे उन्होंने संकट आते ही उससे बचने का रास्ता खोज लिया है, हमें भी कोई ऐसी ही सुरक्षित जगह को खोजना पड़ेगा।”
सभी हिरनों ने उनकी बात मान ली और इन परिस्थितियों का सामना करने की मन में ठान ली। अब उन सबने जंगल में एक सुरक्षित जगह को खोज लिया जहाँ वह जंगली जानवरों के आते ही भागकर छुप जाते थे और सुरक्षित रहते थे। कुछ दिनों बाद शिकारियों के दूसरे जंगल से चले जाने के बाद सभी जंगली जानवर वापस अपने जंगल में लौट गए और अब हिरन पहले की तरह खुशहाल जीवन जीने लगे।


दोस्तों ! यह कहानी हमें बहुत सी अच्छी बातो को सीखती है.……
1- जीवन में कई बार परिस्थितियां हमारे बहुत विपरीत होती है। हमें इन परिस्थितियों का सामना डटकर करना चाहिए, न कि परिस्थितियों के आगे हार मान लेनी चाहिए।
2- विपरीत परिस्थितियों के समय हमेशा Positive Thinking रखनी चाहिए। Positive Thinking हमें संकट के समय कुछ अच्छा सोचने की शक्ति देती है जिससे हम उस संकट से निकल पाते हैं। Positive Thinking में इतनी शक्ति होती है कि विपरीत परिस्थितियां भी घुटने टेक देती हैं। 
3- आत्महत्या (Suicide) करना किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता। आजकल बढ़ती हुई आत्महत्याओं के पीछे ख़राब परिस्थितियों का सामना न कर पाना ही एक बहुत बड़ी वजह है। ऐसे समय में तो Positive Thinking हमें सही रास्ते पर ले जा सकती है। 
4- हमें अपनों से कमजोर और परेशान लोगों से लगातार यह सीख लेनी चाहिए कि जब वह हमसे ज्यादा परेशान और कमजोर होते हुए भी जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत रखते हैं तो हम उनसे बेहतर होते हुए भी क्यों परेशान है?

Source: http://www.aapkisafalta.com/2015/10/motivational-self-improvement-story-on-positive-thinking-in-hindi.html

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