आज मैं अपने अंदर सकारात्मकता (Positiveness) को महसूस कर रहा हूँ। ऐसा इसीलिए है क्योकि मैं आज दुनिया के एक महान व्यक्ति के बारे में लिख रहा हूँ जिनका नाम है– मोहनदास करमचंद गांधी। इस महान हस्ती को आप बापू जी, महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता, साबरमती का संत आदि नाम से भी जानते हैं। जिनके बारे में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गांधी जी के 70 वें जन्मदिवस के अवसर पर कहा था, “हजार साल बाद आने वाली पीढियां इस बात पर बहुत मुश्किल से विश्वास करेंगीं कि हाड़ और मांस का बना कोई एक ऐसा इंसान इस धरती पर आया था।” गांधी जी पूरी दुनिया में सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के प्रेरणास्रोत माने जाते हैं। आज मैं आपको गांधी जी के Motivational Ideas के बारे में बताना चाहता हूँ जो आज के समय में किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत का कार्य करेंगे। गांधी जी का जीवन ही उनका सन्देश था। यह Mahatma Gandhi ji के ऐसे विचार हैं जो कल भी प्रासंगिक (Relevant) थे, आज भी प्रासंगिक है और भविष्य में हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। कृपया Mahatma Gandhi ji के इन विचारों को ध्यान से पढ़िए और इन विचारों को अपने जीवन (Life) में उतारने का प्रयास कीजिये।
महात्मा गांधी |
1- समानता में विश्वास
गांधी जी समानता में विश्वास करते थे। उनका कहना था कि समाज के निम्न वर्ग और उच्च वर्ग को समान किये बिना एक अच्छे समाज और एक देश की कल्पना नहीं की जा सकती। समानता में विश्वास करते हुए सभी को समान इज्जत देना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
2- गलती को स्वीकार करना
गलती करना तो मनुष्य का स्वभाव है। यदि कोई व्यक्ति गलती करता है तो उसे उस गलती को स्वीकार करना चाहिए। गलती को स्वीकार करने से उस गलती का भविष्य में दोबारा होने की संभावना कम हो जाती वरना व्यक्ति बार-बार वही गलती करता रहता है।
3- पाप से घृणा, पापी से नहीं
गांधी जी का कहना था कि हमें पाप से घृणा करनी चाहिए, पापी से नहीं। पाप करने वाले व्यक्ति के अंदर से पाप करने वाले विचारों को यदि अच्छे विचारों में बदल दिया जाये तो वही व्यक्ति एक संत की तरह कार्य कर सकता है। सभी व्यक्ति एक ही शक्ति के द्वारा बनाये गए हैं और सभी सामान हैं। विचारों को बदल दें, व्यक्ति बदल जायेगा।
4- समय ही धन है
गांधी जी का कहना था कि हमें समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योकि समय को बर्बाद करने का मतलब है, धन को बर्बाद करना। समय ही धन है। समय प्रबंधन के बारे में गांधी जी के यह विचार आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक हैं। हमें समय का पूरा उपयोग करना चाहिए।
5- मन की पवित्रता
गांधी जी ने मन की पवित्रता की तरफ ज्यादा ध्यान देने को कहा था। उनका कहना था कि अगर मन पवित्र है तो विचार पवित्र होंगे और यदि विचार पवित्र हैं तो हमारे समस्त कार्य पवित्र होंगे। मन की पवित्रता किसी भी व्यक्ति के लिए महान बना सकता है।
6- सेवा भाव का होना
गांधी जी के अनुसार जीवन में सेवा का भाव का होना बहुत जरूरी है। यह सेवा का भाव व्यक्ति का दूसरों के प्रति होना चाहिए। इसके साथ ही साथ सेवा का भाव व्यक्ति का खुद के प्रति भी होना चाहिए। अपने कार्य खुद करना ही खुद के प्रति सेवा भाव है।
7- व्यक्ति की नैतिक प्रगति
गांधी जी के अनुसार देश की आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक प्रगति तभी संभव है जब उस देश के नागरिकों की नैतिक प्रगति हो चुकी हो। बिना नैतिक प्रगति के बाकी सभी प्रगति संभव नहीं हैं। सबसे पहले खुद को नैतिक बनाइए उसके बाद देश की नैतिक प्रगति में योगदान दीजिये।
8- पहले खुद को बदलें
यदि आप दूसरों को बदलना चाहते हैं और यदि आप दुनिया को बदलना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत खुद से करें। खुद को सबसे पहले बदलें। यदि आप दूसरों में कोई बदलाब चाहते हैं तो वही बदलाब पहले खुद में लायें। दुनिया को सत्यता के बारे में बताना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद को सत्यता से अवगत करायें।
9- बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो
गांधी जी के तीन बंदरों को एक प्रतीक के रूप में बनाकर “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो” के बारे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत अच्छा संदेश दिया गया है। यदि दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति केवल इसी संदेश को मान ले तो कभी दुनिया में कोई परेशानी नहीं आएगी और यदि आएगी भी तो बहुत आसानी से समाप्त हो जाएगी।
10- सत्य ही दुनिया में एकमात्र सत्य
गांधी जी सत्य के सबसे बड़े प्रचारक थे। उनके अनुसार सत्य ही दुनिया का सबसे बड़ा सत्य है। एक झूठ को छुपाने के लिए बहुत से झूठ बोलने पड़ते हैं लेकिन एक सत्य से ही सारे झूठ का अंत हो जाता है। दुनिया के सभी धर्म सत्य को मानते हैं। उन्होंने अपने जीवन में देश को आजादी दिलाने के लिए सत्य को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया।
11- सभी से प्रेम करो
गांधी जी ने प्रेम को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति माना है। उनका कहना था कि आपका सामना जब भी किसी विरोधी से हो तो उससे प्रेम से ही जीतें। जहाँ प्रेम होता है, वहां जीवन भी होता है। प्रेम एक ऐसा साधन है जिससे बड़े से बड़े युद्धों को बिना किसी हिंसा के जीता जा सकता है।
12- अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है
गांधी जी ने अहिंसा को अपना सबसे बड़ा धर्म माना था। उनका कहना था की उनका सबसे बड़ा धर्म सत्य और अहिंसा है। सत्य को पाने के लिए अहिंसा को एक रास्ते के रूप में उन्होंने प्रयोग किया। अहिंसा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी है। इस बात को पूरी दुनिया ने माना है। इसी कारण 2 अक्टूबर को “विश्व अहिंसा दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
13- शांति का रास्ता केवल शांति है
गांधी जी के अनुसार यदि आप शांति पाना चाहते हैं तो शांति तक पहुंचने का रास्ता भी शांति का ही है। युद्ध से कभी शांति नहीं पायी जा सकती। शांति एक ऐसा रास्ता है जिस पर चलकर बिना किसी हानि के हम किसी भी उच्च शिखर तक पहुंच सकते हैं।
14- लक्ष्य तक पहुँचने का रास्ता भी पवित्र हो
गांधी जी ने कहा था कि किसी पवित्र लक्ष्य तक पहुँचने का रास्ता भी पवित्र होना चाहिए। यदि आप किसी अच्छी चीज को पाना चाहते हैं तो उस अच्छी चीज को पाने का रास्ता भी अच्छा ही होना चाहिए। बुरा रास्ता अपनाकर किसी अच्छी चीज पाना जायज नहीं माना जा सकता।
15- यह हैं सबसे बड़े सात पाप
गांधी जी ने सात सबसे बड़े पाप के बारे में बताया है, वह हैं–बिना काम के धन को पाना, बिना अंतरात्मा के सुख की प्राप्ति, बिना मानवता के विज्ञान का विकास, बिना चरित्र के ज्ञान की प्राप्ति, बिना अच्छे सिद्धांतों के राजनीति, बिना नैतिकता के किया गया व्यापार और बिना त्याग की गयी पूजा। प्रत्येक व्यक्ति को इन सातों पापों से बचना चाहिए।
16- विचारों को कैद नहीं किया जा सकता
गांधी जी के अनुसार किसी व्यक्ति को तो आप कैद कर सकते हैं लेकिन उसके विचारों को कैद नहीं किया जा सकता है। अंग्रेजों ने गांधी जी को जितनी भी बार कैद किया, उनके विचार उतनी ही तेजी से लोगों में फैले और अंग्रेजों के भारत से जाने के कारण बने।
17- जो कहते हो वह करके दिखाओ
गांधी जी कहते थे कि आपकी कथनी और करनी में कम कम अंतर होना चाहिए। आप जो भी कहते हो, वह करके दिखाओ। यदि आपने अपने कहने और करने के अंतर को कम कर दिया तो आप एक महान व्यक्ति की श्रेणी में आ जाओगे।
18- आपकी प्रत्येक गलती आपको शिक्षा देती है
गांधी जी के अनुसार आपके द्वारा की गयीं गलतियां आपको बहुत कुछ सीखने का मौका देती हैं। प्रत्येक गलती कुछ न कुछ अच्छा सन्देश जरूर देती है। जो व्यक्ति जितना ज्यादा प्रयास करता है, उतनी ही ज्यादा गलतियां होने की संभावना रहती है और उतनी ही ज्यादा संभावना सीखने की भी रहती है।
19- उपदेश मत दीजिये, कोई अच्छा कार्य कीजिये
केवल अच्छे उपदेश देने से कुछ नहीं होता, अच्छे कार्य करने से कुछ अच्छा होता है। गांधी जी ने अपने जीवन में उपदेश नहीं दिए बल्कि वह अपने कार्यों के द्वारा आज पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। दुनिया को बदलने के बारे में मत कहिये, दुनिया को बदल कर दिखाइए, लोग आपको खुद ही पहचान जायेंगे।
20- हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं
गांधी की के अनुसार अच्छे विचारों को अपना साथी बनाना चाहिए। अच्छे विचार अच्छा सोचने से ही आते हैं। जैसा आप सोचते हैं, वैसे ही आपके विचार बनते हैं और वैसे ही आप कार्य करते हैं। अतः अच्छा सोचने की आदत डालें। आपके अच्छे विचार आपके जीवन को अच्छा बना सकते हैं।
Source: http://www.aapkisafalta.com/2015/10/motivational-ideas-of-mahatma-gandhi-in-hindi.html
No comments:
Post a Comment